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Kaithal News: हिंदी के बिना राष्ट्रीय एकता की कल्पना अधूरी ः डॉ. ऋषिपाल
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Sun, 14 Sep 2025 12:58 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
ढांड। बाबू अनंत राम जनता महाविद्यालय, कौल में हिंदी विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ऋषिपाल ने की। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति, सभ्यता और पहचान की आत्मा है। राजभाषा हिंदी के बिना राष्ट्रीय एकता की कल्पना अधूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे हिंदी को केवल अध्ययन की भाषा तक सीमित न रखकर व्यवहार, अनुसंधान और रोजगार के क्षेत्र में भी अपनाएँ।
मुख्य वक्ता प्रो. डॉ. लालचंद गुप्त (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हिंदी विभाग) ने कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि राजभाषा के रूप में भारतीय संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय स्वाभिमान की धरोहर है।
उन्होंने बताया कि आज हिंदी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, प्रशासन और वैश्विक संचार की भाषा बनने की दिशा में अग्रसर है। युवाओं का कर्तव्य है कि वे हिंदी के प्रयोग को अपने जीवन का स्वाभाविक हिस्सा बनाएं।
कार्यक्रम में स्टाफ सेक्रेटरी डॉ. राधिका खन्ना, वरिष्ठ शिक्षिका डॉ. कुसुम, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. दीपचन्द सहित सभी अध्यापकगण और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ. नैन्सी गुलाटी, सहायक प्राध्यापक एवं कार्यक्रम अधिकारी ने किया।

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ढांड। बाबू अनंत राम जनता महाविद्यालय, कौल में हिंदी विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ऋषिपाल ने की। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति, सभ्यता और पहचान की आत्मा है। राजभाषा हिंदी के बिना राष्ट्रीय एकता की कल्पना अधूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे हिंदी को केवल अध्ययन की भाषा तक सीमित न रखकर व्यवहार, अनुसंधान और रोजगार के क्षेत्र में भी अपनाएँ।
मुख्य वक्ता प्रो. डॉ. लालचंद गुप्त (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हिंदी विभाग) ने कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि राजभाषा के रूप में भारतीय संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय स्वाभिमान की धरोहर है।
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उन्होंने बताया कि आज हिंदी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, प्रशासन और वैश्विक संचार की भाषा बनने की दिशा में अग्रसर है। युवाओं का कर्तव्य है कि वे हिंदी के प्रयोग को अपने जीवन का स्वाभाविक हिस्सा बनाएं।
कार्यक्रम में स्टाफ सेक्रेटरी डॉ. राधिका खन्ना, वरिष्ठ शिक्षिका डॉ. कुसुम, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. दीपचन्द सहित सभी अध्यापकगण और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ. नैन्सी गुलाटी, सहायक प्राध्यापक एवं कार्यक्रम अधिकारी ने किया।