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Kurukshetra News: ठगी के मामले में आरोपी को मिली अग्रिम जमानत
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कुरुक्षेत्र/पिहोवा। जिला सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार मित्तल की अदालत ने विदेश भेजने के नाम पर ठगी के एक मामले में 45 वर्षीय पूजा काॅलोनी पिहोवा की रहने वाली आरोपी महिला की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली।
मामला शहर थाना पिहोवा में 19 नवंबर को दर्ज एफआईआर नंबर 261 से संबंधित है। शिकायतकर्ता रमेश कुमार ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे सतबीर सिंह को इटली भेजने के लिए महिला के पति विजय शर्मा और अन्य सह-आरोपियों ने 13 लाख रुपये में डील की थी। शिकायतकर्ता ने पांच लाख रुपये नकद दिए। इसके बाद बेटे को दुबई भेजा गया लेकिन बेलारुस के जंगल में कथित तस्करों ने उसे अगवा कर लिया और फिरौती मांगी। साथ ही सात आठ लाख रुपये और दिए जाने का दावा किया गया।
पुलिस जांच में सह-आरोपी विजय कुमार, बहादुर सिंह, चेतन व चरणजीत सिंह पहले ही अन्य मामले में हिरासत में थे। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया। एक आरोपी से 43 हजार रुपये बरामद हुए। पुलिस का दावा है कि महिला से दो लाख रुपये बरामद होने हैं और उसके खिलाफ तीन अन्य समान मामले दर्ज हैं।
तमन्ना की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि शिकायत में उनका नाम नहीं है व केवल सह-आरोपियों के खुलासे से जोड़ा गया है, जो कानूनी रूप से मान्य नहीं है। वकील ने दलील दी कि महिला ने वीजा से जुड़ा कोई काम नहीं किया है, न पैसा लिया और न विदेश भेजने का वादा किया। मुख्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार हैं और उनसे कुछ बरामदगी नहीं है। अपराध मजिस्ट्रेट स्तर के हैं।
अभियोजन पक्ष ने विरोध किया, कहा कि महिला पति के साथ मौजूद थी जब पैसे लिए गए और जमानत मिलने पर गवाहों पर दबाव डाल सकती है या फिर अपराध कर सकती है। अदालत ने एफआईआर का अवलोकन किया और पाया कि शिकायतकर्ता ने तमन्ना पर कोई सीधा आरोप नहीं लगाया। पैसे लेते समय घर में मौजूदगी का आरोप सबूत का विषय है। अपराध मजिस्ट्रेट स्तर के हैं।
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मामला शहर थाना पिहोवा में 19 नवंबर को दर्ज एफआईआर नंबर 261 से संबंधित है। शिकायतकर्ता रमेश कुमार ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे सतबीर सिंह को इटली भेजने के लिए महिला के पति विजय शर्मा और अन्य सह-आरोपियों ने 13 लाख रुपये में डील की थी। शिकायतकर्ता ने पांच लाख रुपये नकद दिए। इसके बाद बेटे को दुबई भेजा गया लेकिन बेलारुस के जंगल में कथित तस्करों ने उसे अगवा कर लिया और फिरौती मांगी। साथ ही सात आठ लाख रुपये और दिए जाने का दावा किया गया।
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पुलिस जांच में सह-आरोपी विजय कुमार, बहादुर सिंह, चेतन व चरणजीत सिंह पहले ही अन्य मामले में हिरासत में थे। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया। एक आरोपी से 43 हजार रुपये बरामद हुए। पुलिस का दावा है कि महिला से दो लाख रुपये बरामद होने हैं और उसके खिलाफ तीन अन्य समान मामले दर्ज हैं।
तमन्ना की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि शिकायत में उनका नाम नहीं है व केवल सह-आरोपियों के खुलासे से जोड़ा गया है, जो कानूनी रूप से मान्य नहीं है। वकील ने दलील दी कि महिला ने वीजा से जुड़ा कोई काम नहीं किया है, न पैसा लिया और न विदेश भेजने का वादा किया। मुख्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार हैं और उनसे कुछ बरामदगी नहीं है। अपराध मजिस्ट्रेट स्तर के हैं।
अभियोजन पक्ष ने विरोध किया, कहा कि महिला पति के साथ मौजूद थी जब पैसे लिए गए और जमानत मिलने पर गवाहों पर दबाव डाल सकती है या फिर अपराध कर सकती है। अदालत ने एफआईआर का अवलोकन किया और पाया कि शिकायतकर्ता ने तमन्ना पर कोई सीधा आरोप नहीं लगाया। पैसे लेते समय घर में मौजूदगी का आरोप सबूत का विषय है। अपराध मजिस्ट्रेट स्तर के हैं।