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Kurukshetra News: डेंगू के खिलाफ तैयारी गांवों में फीवर सर्वे शुरू
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कुरुक्षेत्र। घर की छत पर रखी पानी की टंकी में लारवा जांच के लिए सैंपल लेते विभागीय टीम। संवाद

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संवाद न्यूज एजेंसी
कुरुक्षेत्र। पिछले साल जिले में रिकॉर्ड 282 डेंगू मामलों और एक बच्ची की मौत के बाद कुरुक्षेत्र का मलेरिया विभाग इस बार समय रहते सतर्क हो गया है।
मई से ही डेंगू और मलेरिया से निपटने के लिए जिले के हर गांव में फीवर सर्वे शुरू कर दिया गया है। इस सर्वे के तहत बुखार से पीड़ित लोगों के डेंगू और मलेरिया के सैंपल मौके पर लिए जा रहे हैं। राहत की बात है कि अब तक कोई पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है।
जिला मलेरिया विभाग के आंकड़े बताते हैं कि बीते साल 3700 से अधिक संदिग्ध डेंगू मरीज मिले थे। इनमें 282 पॉजिटिव पाए गए थे। दर्राखेड़ा में एक तीन वर्षीय बच्ची की और छह अन्य संदिग्ध मरीजों की मौत हुई थी। इसके अलावा चिकनगुनिया के तीन पॉजिटिव और 31 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए। हालांकि मलेरिया का कोई मामला सामने नहीं आया। इन आंकड़ों को देखते हुए विभाग ने इस साल बारिश से पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। विभाग ने डोर-टू-डोर सर्वे के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को बुखार, डेंगू और मलेरिया की जांच के लिए सैंपल लेने के निर्देश दिए हैं।
फील्ड में टीमें एंटी-लारवा गतिविधियां चल रही हैं और ब्लड स्लाइड्स तैयार कर रही हैं। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए जलभराव वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. प्रदीप ने बताया कि बारिश के मौसम में डेंगू के मामले बढ़ने की आशंका रहती है लेकिन इस बार पहले से की गई तैयारियां स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करेंगी। उन्होंने नागरिकों से आसपास जलभराव न होने देने की अपील की।
उन्होंने बुखार होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराने को कहा। विभाग की यह सक्रियता डेंगू के खतरे को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
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कुरुक्षेत्र। पिछले साल जिले में रिकॉर्ड 282 डेंगू मामलों और एक बच्ची की मौत के बाद कुरुक्षेत्र का मलेरिया विभाग इस बार समय रहते सतर्क हो गया है।
मई से ही डेंगू और मलेरिया से निपटने के लिए जिले के हर गांव में फीवर सर्वे शुरू कर दिया गया है। इस सर्वे के तहत बुखार से पीड़ित लोगों के डेंगू और मलेरिया के सैंपल मौके पर लिए जा रहे हैं। राहत की बात है कि अब तक कोई पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है।
जिला मलेरिया विभाग के आंकड़े बताते हैं कि बीते साल 3700 से अधिक संदिग्ध डेंगू मरीज मिले थे। इनमें 282 पॉजिटिव पाए गए थे। दर्राखेड़ा में एक तीन वर्षीय बच्ची की और छह अन्य संदिग्ध मरीजों की मौत हुई थी। इसके अलावा चिकनगुनिया के तीन पॉजिटिव और 31 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए। हालांकि मलेरिया का कोई मामला सामने नहीं आया। इन आंकड़ों को देखते हुए विभाग ने इस साल बारिश से पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। विभाग ने डोर-टू-डोर सर्वे के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को बुखार, डेंगू और मलेरिया की जांच के लिए सैंपल लेने के निर्देश दिए हैं।
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फील्ड में टीमें एंटी-लारवा गतिविधियां चल रही हैं और ब्लड स्लाइड्स तैयार कर रही हैं। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए जलभराव वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. प्रदीप ने बताया कि बारिश के मौसम में डेंगू के मामले बढ़ने की आशंका रहती है लेकिन इस बार पहले से की गई तैयारियां स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करेंगी। उन्होंने नागरिकों से आसपास जलभराव न होने देने की अपील की।
उन्होंने बुखार होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराने को कहा। विभाग की यह सक्रियता डेंगू के खतरे को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।