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महेंद्रगढ़: खाद नहीं मिलने से किसान परेशान, सरकारी खाद बिक्री केंद्र के चक्कर काटने के बाद खाली हाथ लौटे
संवाद न्यूज एजेंसी, महेंद्रगढ़ (हरियाणा)
Published by: रोहतक ब्यूरो
Updated Sun, 16 Oct 2022 01:23 AM IST
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सार
महेंद्रगढ़ जिले में 2.75 लाख एकड़ में सरसों की बिजाई होनी है। 3.65 लाख एकड़ के लिए 20230 एमटी खाद की जरूरत है। किसान दिनभर सरकारी खाद बिक्री केंद्र के बाहर चक्कर लगाते रहे लेकिन खाद नहीं मिला।

महेंद्रगढ़ सरकार खाद केंद्र के बाहर खाद के इंतजार में बैठे किसान।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
सरसों की बिजाई के लिए किसानों को डीएपी खाद की जरूरत है लेकिन पर्याप्त उपलब्धता न होने से उन्हें भटकना पड़ रहा है। शनिवार को सरकारी खाद बिक्री केंद्र के चक्कर काटने के बाद किसान खाली हाथ लौट रहे हैं। खाद की किल्लत से सरसों की बिजाई प्रभावित हो रही है।
जिले 3.65 लाख एकड़ खेत के लिए 20230 एमटी खाद की जरूरत है। इसमें हर वर्ष 2.75 लाख एकड़ रकबे में सरसों की बिजाई की जाती है। इसके बाद 75 हजार एकड़ में गेहूं, 12 हजार एकड़ में चना, 2500 एकड़ में मटर और 700 एकड़ में जौ की बिजाई होती है। मौसमी सब्जी फलों का रकबा 5 हजार एकड़ रहता है।
कृषि उप निदेशक कार्यालय ने रबी सीजन की फसलों के लिए सरकार को 20230 एमटी खाद उपलब्ध कराने की मांग की है। लेकिन अभी तक महज 1151 एमटी खाद ही उपलब्ध हो पाया है। इसकी वजह से किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
कनीना : दी कनीना सहकारी विपणन समिति कार्यालय में खाद के लिए किसान दिनभर चक्कर लगा रहे हैं। खाद न होने से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। कार्यालय से क्षेत्र के 30 से 40 गांवों के किसान जुड़े हुए हैं। सितंबर में महज 2150 बैग और अक्तूबर में 1400 बैग डीएपी खाद आई है। कार्यालय के प्रभारी भरपूर ने बताया कि खाद उपलब्ध होने पर एक किसान को चार से पांच बैग वितरण किए जा रहे हैं।
विभाग को 5 हजार बैग की मांग भेजी गई है। पैक्स के छह केंद्रों में भोजावास, बवानिया, दौंगड़ा अहीर, सेहलंग, गुढ़ा, कनीना में से पांच केंद्रों का ही खाद का लाइसेंस का नवीनीकरण हुआ है। जबकि कनीना पैक्स का खाद का लाइसेंस कुछ दिन पहले ही रिन्यू हुआ है जिसकी वजह से कनीना पैक्स में खाद नहीं पहुंच रहा है। किसान राधेश्याम, हिमांशु, पंकज, रमेश, नरेंद्र, गोविंद, सज्जन सिंह ने बताया कि सरकारी बिक्री केंद्र पर पर्याप्त मात्रा में खाद न मिलने के कारण निजी दुकानों से खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
अब सरसों की बिजाई के लिए अनुकूल मौसम है। किसानों को डीएपी खाद की आवश्यकता है। सरकारी केंद्रों पर खाद पर्याप्त नहीं आ रहा है जिसके कारण किसानों को ोदर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। सरकार एवं प्रशासन से मांग है कि पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराए जिससे तय समय पर बिजाई पूरी हो सके। - धर्मपाल नंबरदार, पायगा
पिछले साल भी बिजाई के सीजन पर डीएपी व इसके बाद यूरिया के लिए काफी मारामारी रही थी। गत वर्ष हुई किसानों की परेशानी के बावजूद भी न ही तो कृषि विभाग ने सबक लिया ओर न ही प्रशासन ने। आखिर कब तक किसान खाद के लिए लाइनों में धक्के खाते रहेंगे। कृषि अधिकारी एवं प्रशासन से मांग है कि पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाए।- रामनिवास, सुरजनवास
अनेक गांवों में सरकारी केंद्र आसपास नहीं होने से किसानों को शहर के सरकारी एवं निजी खाद केंद्रों पर जाकर लाइनों में लगना पड़ रहा है। इस समय कपास चुनाई एवं खेतों की तैयारियों में व्यस्त है। ऐसे में लाइनों में लगकर किसान समय बर्बाद कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री केंद्र बनाकर किसानों को खाद उपलब्ध करानी चाहिए। - सुमेर सिंह, अगिहार
खाद को लेकर पिछले साल भी मारामारी रही थी। अब फिर वही स्थिति बनी हुई है। सरकारी केंद्रों पर कभी 500 तो कभी एक हजार बैग खाद आ रही है। ऐसे में किसानों की भीड़ लग जाती है। सभी केंद्रों पर खाद उपलब्ध रहे तो परेशानी न रहे। - रामनिवास नंबरदार, बवाना
- वर्जन:
एक माह पूर्व ही सरकार को खाद की मांग के लिए माहवार रिपोर्ट बनाकर उप कृषि निदेशक कार्यालय द्वारा भेजी जा चुकी है। जिस हिसाब से सरकार खाद उपलब्ध कराएगी उसी हिसाब से समान रूप से वितरण किया जाएगा। - डॉ. अजय यादव, उप मंडल कृषि अधिकारी महेंद्रगढ़
खाद की किल्लत को दूर करे सरकार : राव दानसिंह
फोटो संख्या: 75
महेंद्रगढ़। क्षेत्र में सरसों की बिजाई की तैयारी चल रही है लेकिन डीएपी की किल्लत से सरसों की बिजाई में देरी हो रही है। सरकार तुरंत किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए डीएपी खाद की किल्लत को दूर करें। ये बातें कांग्रेस विधायक राव दान सिंह ने एक बयान में कहे। राव दानसिंह ने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण भी किसानों की बाजरे की फसल खराब हुई थी। अब अगली फसल की तैयारी की जा चुकी है परंतु डीएपी खाद की किल्लत के कारण किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। कहा कि सरकार द्वारा बाजरा फसल को भावांतर भरपाई योजना में तो शामिल कर लिया परंतु अभी तक किसानों के खातों में रुपये तक नहीं डाले गए हैं। सरकार सिर्फ घोषणाओं के ऊपर ध्यान देती है यदि सरकार कोई घोषणा करती है तो उसे पहले अमलीजामा पहनाने की भी व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि सरकार यह भावांतर भरपाई योजना के पैसे अभी किसानों के खातों में डालें ताकि किसानों को सरसों की बिजाई के समय खाद बीज लेने में परेशानी ना हो।

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जिले 3.65 लाख एकड़ खेत के लिए 20230 एमटी खाद की जरूरत है। इसमें हर वर्ष 2.75 लाख एकड़ रकबे में सरसों की बिजाई की जाती है। इसके बाद 75 हजार एकड़ में गेहूं, 12 हजार एकड़ में चना, 2500 एकड़ में मटर और 700 एकड़ में जौ की बिजाई होती है। मौसमी सब्जी फलों का रकबा 5 हजार एकड़ रहता है।
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कृषि उप निदेशक कार्यालय ने रबी सीजन की फसलों के लिए सरकार को 20230 एमटी खाद उपलब्ध कराने की मांग की है। लेकिन अभी तक महज 1151 एमटी खाद ही उपलब्ध हो पाया है। इसकी वजह से किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
कनीना : दी कनीना सहकारी विपणन समिति कार्यालय में खाद के लिए किसान दिनभर चक्कर लगा रहे हैं। खाद न होने से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। कार्यालय से क्षेत्र के 30 से 40 गांवों के किसान जुड़े हुए हैं। सितंबर में महज 2150 बैग और अक्तूबर में 1400 बैग डीएपी खाद आई है। कार्यालय के प्रभारी भरपूर ने बताया कि खाद उपलब्ध होने पर एक किसान को चार से पांच बैग वितरण किए जा रहे हैं।
विभाग को 5 हजार बैग की मांग भेजी गई है। पैक्स के छह केंद्रों में भोजावास, बवानिया, दौंगड़ा अहीर, सेहलंग, गुढ़ा, कनीना में से पांच केंद्रों का ही खाद का लाइसेंस का नवीनीकरण हुआ है। जबकि कनीना पैक्स का खाद का लाइसेंस कुछ दिन पहले ही रिन्यू हुआ है जिसकी वजह से कनीना पैक्स में खाद नहीं पहुंच रहा है। किसान राधेश्याम, हिमांशु, पंकज, रमेश, नरेंद्र, गोविंद, सज्जन सिंह ने बताया कि सरकारी बिक्री केंद्र पर पर्याप्त मात्रा में खाद न मिलने के कारण निजी दुकानों से खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
अब सरसों की बिजाई के लिए अनुकूल मौसम है। किसानों को डीएपी खाद की आवश्यकता है। सरकारी केंद्रों पर खाद पर्याप्त नहीं आ रहा है जिसके कारण किसानों को ोदर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। सरकार एवं प्रशासन से मांग है कि पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराए जिससे तय समय पर बिजाई पूरी हो सके। - धर्मपाल नंबरदार, पायगा
पिछले साल भी बिजाई के सीजन पर डीएपी व इसके बाद यूरिया के लिए काफी मारामारी रही थी। गत वर्ष हुई किसानों की परेशानी के बावजूद भी न ही तो कृषि विभाग ने सबक लिया ओर न ही प्रशासन ने। आखिर कब तक किसान खाद के लिए लाइनों में धक्के खाते रहेंगे। कृषि अधिकारी एवं प्रशासन से मांग है कि पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाए।- रामनिवास, सुरजनवास
अनेक गांवों में सरकारी केंद्र आसपास नहीं होने से किसानों को शहर के सरकारी एवं निजी खाद केंद्रों पर जाकर लाइनों में लगना पड़ रहा है। इस समय कपास चुनाई एवं खेतों की तैयारियों में व्यस्त है। ऐसे में लाइनों में लगकर किसान समय बर्बाद कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री केंद्र बनाकर किसानों को खाद उपलब्ध करानी चाहिए। - सुमेर सिंह, अगिहार
खाद को लेकर पिछले साल भी मारामारी रही थी। अब फिर वही स्थिति बनी हुई है। सरकारी केंद्रों पर कभी 500 तो कभी एक हजार बैग खाद आ रही है। ऐसे में किसानों की भीड़ लग जाती है। सभी केंद्रों पर खाद उपलब्ध रहे तो परेशानी न रहे। - रामनिवास नंबरदार, बवाना
- वर्जन:
एक माह पूर्व ही सरकार को खाद की मांग के लिए माहवार रिपोर्ट बनाकर उप कृषि निदेशक कार्यालय द्वारा भेजी जा चुकी है। जिस हिसाब से सरकार खाद उपलब्ध कराएगी उसी हिसाब से समान रूप से वितरण किया जाएगा। - डॉ. अजय यादव, उप मंडल कृषि अधिकारी महेंद्रगढ़
खाद की किल्लत को दूर करे सरकार : राव दानसिंह
फोटो संख्या: 75
महेंद्रगढ़। क्षेत्र में सरसों की बिजाई की तैयारी चल रही है लेकिन डीएपी की किल्लत से सरसों की बिजाई में देरी हो रही है। सरकार तुरंत किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए डीएपी खाद की किल्लत को दूर करें। ये बातें कांग्रेस विधायक राव दान सिंह ने एक बयान में कहे। राव दानसिंह ने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण भी किसानों की बाजरे की फसल खराब हुई थी। अब अगली फसल की तैयारी की जा चुकी है परंतु डीएपी खाद की किल्लत के कारण किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। कहा कि सरकार द्वारा बाजरा फसल को भावांतर भरपाई योजना में तो शामिल कर लिया परंतु अभी तक किसानों के खातों में रुपये तक नहीं डाले गए हैं। सरकार सिर्फ घोषणाओं के ऊपर ध्यान देती है यदि सरकार कोई घोषणा करती है तो उसे पहले अमलीजामा पहनाने की भी व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि सरकार यह भावांतर भरपाई योजना के पैसे अभी किसानों के खातों में डालें ताकि किसानों को सरसों की बिजाई के समय खाद बीज लेने में परेशानी ना हो।