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आपबीती सुना आंखों में आंसू भर लाते हैं यूक्रेन से सकुशल घर आए छात्र
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पलवल। यूक्रेन से सकुशल लौटे पलवल जिले के छात्र जहां यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान झेली आफत के बारे में बता आंखों में आंसू भर ला रहे हैं। वहीं अब भी यूक्रेन में ही फंसे होडल के दो छात्रों के परिजनों का चिंता के मारे बुरा हाल है। उनके परिजन लगातार प्रशासन से अपने बच्चों को बुलाने की गुहार लगा रहे हैं। यूक्रेन के शहर सुन्नी में फंसे होडल के छात्र गौरव व मन्नू ने शुक्रवार को फोन पर जानकारी दी कि आज उनके हॉस्टल की बिजली व पानी भी काट दी गई है। आगे शायद बात न हो पाए। उन्होंने भावुक होते हुए बताया कि खाने-पीने की बेहद कमी है तथा जो थोड़ा-बहुत है, उसे ही सब छात्र आपस में मिलकर बांट रहे हैं। यहां से निकलने का कोई अभी साधन नहीं है। उधर, मुख्यमंत्री के आदेश पर जिला उपायुक्त ने उन छात्रों की सूची तैयार की है, जो अभी तक यूक्रेन या रोमानिया, पोलैंड आदि शहरों में फंसे हुए हैं। बताया गया कि शुक्रवार तक जिले में 83 में से 55 छात्र सकुशल लौट आए हैं। जबकि तीन से चार छात्रों के शनिवार तक लौटने की उम्मीद है।
नहीं निकल पा रहे हॉस्टल से
यूक्रेन के शहर सुन्नी में फंसे छात्र गौरव व मन्नू ने बताया कि हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। वे अभी भी अपने हॉस्टल के अंदर ही हैं। अब वे हास्टॅल में बनाए बंकर में ठहरे हुए हैं। प्रशासन ने शुक्रवार सुबह बिजली व पानी भी कटवा दिया है। इससे हालात और ज्यादा खराब होने की स्थिति बन गई है। उनका कहना है कि उन्होंने कई बार यहां से निकलने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। उन्होंने परिजनों से गुहार लगाई कि उन्हें जल्द घर बुलवा लें।
सकुशल लौटने पर सुनाई आपबीती
यूक्रेन के टरनोपिल शहर से सकुशल लौटी छात्रा प्राधी जांगड़ा ने अपनी आपबीती आज परिजनों व उनसे मिलने पहुंचे रिश्तेदारों को सुनाई। प्राधी ने बताया कि कैसे पोलैंड पहुंचने के बाद वहां के हालात खराब देख उसे तथा उसकी और साथी छात्राओं को हॉस्टल लौटना पड़ा। वहां दो दिन रुकने के बाद फिर से हिम्मत कर स्थानीय निवासियों की मदद से हंगरी बार्डर पर पहुंची और वहां तीन दिन रुकने के बाद बृहस्पतिवार की देर सांय सकुशल लौटी है। उसने अब भी वहां फंसे अपने साथियों की सुरक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना की। प्राधी ने बताया कि युद्ध शुरू होने के बाद 25 फरवरी को वह अपनी कुछ साथियों के साथ टैक्सी लेकर पोलैंड बार्डर पर पहुंच गई, लेकिन वहां हालात ज्यादा खराब थे। वहां उन्हें बार्डर पार नहीं करने दिया गया और सैनिकों द्वारा धक्का-मुक्की भी की गई।
अभी भी रोमानिया में फंसा है सौंदहद का छात्र कृष्ण
उधर सौंदहद गांव निवासी कृष्ण अभी भी रोमानिया में फंसा हुआ है। हालांकि वहां शिविर में फिलहाल खाना-पीना मिल रहा है, लेकिन फिर भी उसे घर पहुंचने की चिंता है। उसका कहना है कि बर्फबारी भी अब उनके घर पहुंचने में रोडा बनी हुई है। फ्लाइट कम आने के कारण दिक्कत है। उसने परिजनों को बताया कि शायद वह शनिवार शाम तक घर पहुंच जाए।
पलवल जिले के 55 छात्र सकुशल लौट आए हैं। सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि जल्द से जल्द छात्रों को वापिस लाया जाए। हमारे द्वारा जो छात्र अभी नहीं आए हैं, उनकी सूची तैयार की गई है। उन्हें भी जल्द बुलवाया जाएगा।
- कृष्ण कुमार, जिला उपायुक्त

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नहीं निकल पा रहे हॉस्टल से
यूक्रेन के शहर सुन्नी में फंसे छात्र गौरव व मन्नू ने बताया कि हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। वे अभी भी अपने हॉस्टल के अंदर ही हैं। अब वे हास्टॅल में बनाए बंकर में ठहरे हुए हैं। प्रशासन ने शुक्रवार सुबह बिजली व पानी भी कटवा दिया है। इससे हालात और ज्यादा खराब होने की स्थिति बन गई है। उनका कहना है कि उन्होंने कई बार यहां से निकलने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। उन्होंने परिजनों से गुहार लगाई कि उन्हें जल्द घर बुलवा लें।
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सकुशल लौटने पर सुनाई आपबीती
यूक्रेन के टरनोपिल शहर से सकुशल लौटी छात्रा प्राधी जांगड़ा ने अपनी आपबीती आज परिजनों व उनसे मिलने पहुंचे रिश्तेदारों को सुनाई। प्राधी ने बताया कि कैसे पोलैंड पहुंचने के बाद वहां के हालात खराब देख उसे तथा उसकी और साथी छात्राओं को हॉस्टल लौटना पड़ा। वहां दो दिन रुकने के बाद फिर से हिम्मत कर स्थानीय निवासियों की मदद से हंगरी बार्डर पर पहुंची और वहां तीन दिन रुकने के बाद बृहस्पतिवार की देर सांय सकुशल लौटी है। उसने अब भी वहां फंसे अपने साथियों की सुरक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना की। प्राधी ने बताया कि युद्ध शुरू होने के बाद 25 फरवरी को वह अपनी कुछ साथियों के साथ टैक्सी लेकर पोलैंड बार्डर पर पहुंच गई, लेकिन वहां हालात ज्यादा खराब थे। वहां उन्हें बार्डर पार नहीं करने दिया गया और सैनिकों द्वारा धक्का-मुक्की भी की गई।
अभी भी रोमानिया में फंसा है सौंदहद का छात्र कृष्ण
उधर सौंदहद गांव निवासी कृष्ण अभी भी रोमानिया में फंसा हुआ है। हालांकि वहां शिविर में फिलहाल खाना-पीना मिल रहा है, लेकिन फिर भी उसे घर पहुंचने की चिंता है। उसका कहना है कि बर्फबारी भी अब उनके घर पहुंचने में रोडा बनी हुई है। फ्लाइट कम आने के कारण दिक्कत है। उसने परिजनों को बताया कि शायद वह शनिवार शाम तक घर पहुंच जाए।
पलवल जिले के 55 छात्र सकुशल लौट आए हैं। सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि जल्द से जल्द छात्रों को वापिस लाया जाए। हमारे द्वारा जो छात्र अभी नहीं आए हैं, उनकी सूची तैयार की गई है। उन्हें भी जल्द बुलवाया जाएगा।
- कृष्ण कुमार, जिला उपायुक्त