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पानी पर राजनीति न करे मान सरकार : मुख्यमंत्री
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गुरुद्वारे में माथा टेकने में पहुंचे हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

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सैनी बोले- जल विवाद पर हाईकोर्ट के फैसले को पंजाब सरकार ने दरकिनार किया
कहा-पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार न तो संविधान को मानती है, न संवैधानिक संस्थाओं को
नाडा साहिब गुरुद्वारे में सीएम ने माथा टेका
माई सिटी रिपोर्टर
पंचकूला। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जल विवाद पर पंजाब सरकार के रुख पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार न तो संविधान को मानती है, न संवैधानिक संस्थाओं को मानती है। पंजाब सरकार ने जल विवाद पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के लोगों को पीने के पानी की आवश्यकता है। समय के साथ पानी की दिक्कत आ रही है। यह जीवन पानी से चलता है, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री राजनीति चमकाने के लिए पानी को रोककर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि जब डैम में पानी का लेवल आज के मुकाबले कम था, तब भी हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी मिला। आज ऐसी क्या बात हो गई है। पानी पर राजनीति न करें। नायब सैनी ने कहा कि हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसे मान सरकार को स्वीकार करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह करते हुए कहा कि पानी के विषय पर राजनीति न करें। राजनीति करने के लिए और भी विषय है। हरियाणा के पानी को छोड़िए। वह वीरवार को पंचकूला के नाडा साहिब गुरुद्वारा में माथा टेकने पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब गुरुओं की धरती है। समय-समय पर गुरुओं ने हमेशा भलाई और कल्याण का संदेश दिया है और हम उन्हीं की शिक्षाओं को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। जब पंजाब-हरियाणा एक थे, तब भी कोई भेदभाव नहीं था। परंतु आज पंजाब मान सरकार अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि हम पंजाब के हक का पानी नहीं मांग रहे, बल्कि जो हरियाणा का हिस्सा है, वो भी पीने के पानी का, हम केवल वही मांग रहे हैं।
हाईकोर्ट के फैसले को न मानना संवैधानिक पीठ का अपमान
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हाईकोर्ट ने सोच विचार कर और दोनों पक्षों की बातें सुनकर फैसला दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को न मानना संवैधानिक पीठ का अपमान है। संवैधानिक फैसलों को न मानना इनकी फितरत रही है। हमारा संविधान सर्वोच्च है और संवैधानिक पीठ का सम्मान करना हम जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों का दायित्व है। परंतु हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए और उसको न मानते हुए डैम पर जाकर ताला लगा देना व धरने पर बैठ जाना, ये सही नहीं है।
पूरे प्रदेश व देश को सेना पर गर्व
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि हमारे देश के निहत्थे लोगों पर, बहन-बेटियों के सुहाग को जिस प्रकार से उजाड़ने का काम पड़ोसी देश ने किया, वो निंदनीय है। उन्होंने सेना के जवानों को साधुवाद दिया, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकवाद के ऊपर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश कूटनीति के तहत आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। हमारी सेनाओं ने जो कार्रवाई की है पूरा देश सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है।
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कहा-पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार न तो संविधान को मानती है, न संवैधानिक संस्थाओं को
नाडा साहिब गुरुद्वारे में सीएम ने माथा टेका
माई सिटी रिपोर्टर
पंचकूला। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जल विवाद पर पंजाब सरकार के रुख पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार न तो संविधान को मानती है, न संवैधानिक संस्थाओं को मानती है। पंजाब सरकार ने जल विवाद पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के लोगों को पीने के पानी की आवश्यकता है। समय के साथ पानी की दिक्कत आ रही है। यह जीवन पानी से चलता है, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री राजनीति चमकाने के लिए पानी को रोककर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि जब डैम में पानी का लेवल आज के मुकाबले कम था, तब भी हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी मिला। आज ऐसी क्या बात हो गई है। पानी पर राजनीति न करें। नायब सैनी ने कहा कि हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसे मान सरकार को स्वीकार करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह करते हुए कहा कि पानी के विषय पर राजनीति न करें। राजनीति करने के लिए और भी विषय है। हरियाणा के पानी को छोड़िए। वह वीरवार को पंचकूला के नाडा साहिब गुरुद्वारा में माथा टेकने पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब गुरुओं की धरती है। समय-समय पर गुरुओं ने हमेशा भलाई और कल्याण का संदेश दिया है और हम उन्हीं की शिक्षाओं को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। जब पंजाब-हरियाणा एक थे, तब भी कोई भेदभाव नहीं था। परंतु आज पंजाब मान सरकार अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि हम पंजाब के हक का पानी नहीं मांग रहे, बल्कि जो हरियाणा का हिस्सा है, वो भी पीने के पानी का, हम केवल वही मांग रहे हैं।
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हाईकोर्ट के फैसले को न मानना संवैधानिक पीठ का अपमान
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हाईकोर्ट ने सोच विचार कर और दोनों पक्षों की बातें सुनकर फैसला दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को न मानना संवैधानिक पीठ का अपमान है। संवैधानिक फैसलों को न मानना इनकी फितरत रही है। हमारा संविधान सर्वोच्च है और संवैधानिक पीठ का सम्मान करना हम जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों का दायित्व है। परंतु हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए और उसको न मानते हुए डैम पर जाकर ताला लगा देना व धरने पर बैठ जाना, ये सही नहीं है।
पूरे प्रदेश व देश को सेना पर गर्व
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि हमारे देश के निहत्थे लोगों पर, बहन-बेटियों के सुहाग को जिस प्रकार से उजाड़ने का काम पड़ोसी देश ने किया, वो निंदनीय है। उन्होंने सेना के जवानों को साधुवाद दिया, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकवाद के ऊपर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश कूटनीति के तहत आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। हमारी सेनाओं ने जो कार्रवाई की है पूरा देश सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है।