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राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष बोलीं- राजनीति को बदलने आई थी, पर उसने मुझे ही बदल दिया
ब्यूरो, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: पंचकुला ब्यूरो
Updated Tue, 07 Jan 2020 02:51 PM IST
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फाइल फोटो

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा पंजाब यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी सभागार में महिला सशक्तिकरण पर आयोजित सेमिनार में हिस्सा लेने आई थीं। यहां उन्होंने कहा है कि बेटियों को सभी अभिभावक स्कूल दिखाएं और उन्हें पढ़ाएं। शिक्षा के जरिये ही आत्मविश्वास आ सकता है। जब आत्मविश्वास आ गया तो बेटियां किसी से कम नहीं रहेंगी। वह सभी कार्य आसानी से कर लेंगी। उनमें निर्णय लेने की क्षमता भी कम नहीं रहेगी। वह राजनीति में इसलिए शामिल हुईं कि कुछ बदलाव किए जा सकें, लेकिन राजनीति ने उन्हें ही बदल दिया।
उन्होंने कहा, संसद में 14 फीसदी महिलाएं हैं जबकि 33 फीसदी की आवश्यकता है, इसलिए महिलाएं आगे आएं और आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षा बोर्ड के परिणाम चाहे वह कक्षा 10 का हो या फिर 12वीं का, सभी की टॉपर छात्राएं होती हैं, लेकिन जब आगे की रिजल्ट आते हैं तो फिर वह दिखाई नहीं देती, आखिर वह कहां गुम हो जाती हैं, इसके बारे में सोचना होगा। उन्हें आगे भी पढ़ाना होगा। उन्होंने ग्रामीण लोगों को कानूनी जानकारी देने के लिए पीयू को मोबाइल लीगल एड वैन दिलवाने का आश्वासन दिया।
यह प्रस्ताव वीसी प्रो. राजकुमार ने उनके सामने रखा था। मालूम हो कि कार्यक्रम का शुभारंभ गवर्नर पंजाब वीपी सिंह बदनौर को करना था लेकिन वह नहीं पहुंचे। रेखा शर्मा ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक महान सांसद बताया। उन्होंने कहा, उनमें निर्णय लेने की क्षमता अधिक थी। निर्णय लेने की क्षमता उनमें केवल शिक्षा व अनुभव के जरिये आई। पड्डुचेरी की उप राज्यपाल डॉ. किरण बेदी का उदाहरण दुनिया के सामने है। उन्होंने जेल सुधार में वह काम कर दिया जो आजीवन याद रहेगा।
सुषमा स्वराज व डॉ. किरण बेदी दोनों ही पीयू की छात्राएं रही हैं। उन्होंन कल्पना चावला का भी उदाहरण दिया। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वह किसी पुरुष पर निर्भर न रहें। अपने निर्णय स्वयं लें। महिलाओं के यह कदम समाज में बदलाव लाएंगे।
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उन्होंने कहा, संसद में 14 फीसदी महिलाएं हैं जबकि 33 फीसदी की आवश्यकता है, इसलिए महिलाएं आगे आएं और आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षा बोर्ड के परिणाम चाहे वह कक्षा 10 का हो या फिर 12वीं का, सभी की टॉपर छात्राएं होती हैं, लेकिन जब आगे की रिजल्ट आते हैं तो फिर वह दिखाई नहीं देती, आखिर वह कहां गुम हो जाती हैं, इसके बारे में सोचना होगा। उन्हें आगे भी पढ़ाना होगा। उन्होंने ग्रामीण लोगों को कानूनी जानकारी देने के लिए पीयू को मोबाइल लीगल एड वैन दिलवाने का आश्वासन दिया।
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यह प्रस्ताव वीसी प्रो. राजकुमार ने उनके सामने रखा था। मालूम हो कि कार्यक्रम का शुभारंभ गवर्नर पंजाब वीपी सिंह बदनौर को करना था लेकिन वह नहीं पहुंचे। रेखा शर्मा ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक महान सांसद बताया। उन्होंने कहा, उनमें निर्णय लेने की क्षमता अधिक थी। निर्णय लेने की क्षमता उनमें केवल शिक्षा व अनुभव के जरिये आई। पड्डुचेरी की उप राज्यपाल डॉ. किरण बेदी का उदाहरण दुनिया के सामने है। उन्होंने जेल सुधार में वह काम कर दिया जो आजीवन याद रहेगा।
सुषमा स्वराज व डॉ. किरण बेदी दोनों ही पीयू की छात्राएं रही हैं। उन्होंन कल्पना चावला का भी उदाहरण दिया। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वह किसी पुरुष पर निर्भर न रहें। अपने निर्णय स्वयं लें। महिलाओं के यह कदम समाज में बदलाव लाएंगे।
महिला का अनादर आत्मा व परमात्मा का अनादर: सत्यपाल जैन
पूर्व सांसद एवं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने निर्णय लेने में महिलाओं की भूमिका, मुद्दे, चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने महिला शोषण को खत्म करने पर जोर देते हुए कहा कि महिलाओं को जागरूक होना होगा। साथ ही हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जातिवाद के आधार पर विभाजित नहीं किया जाना चाहिए।
महिलाएं समाज में बड़ा बदलाव ला सकती हैं और इसके लिए काम भी वह कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं का अनादार हुआ है तो उसी के साथ आत्मा व परमात्मा का भी अनादर हुआ है। उन्होंने ट्रिपल तलाक, सबरीवाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश आदि पर भी प्रकाश डाला। नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाने व व्यवहार में बदलाव लाने पर बात की।
पीयू में सर्वाधिक विभाग अध्यक्ष महिलाएं: वीसी
हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने महिला नेतृत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि देश के विकास में महिलाओं को बढ़ा योगदान है। कहा कि हरियाणा में 31 कॉलेज खोले जा रहे हैं ताकि छात्राओं को शिक्षा मिल सके। पीयू वीसी प्रो. राजकुमार ने कहा कि पीयू में अधिकांश विभागों में महिला चेयरपर्सन हैं। इसके अलावा पीयू में 75 फीसदी छात्राएं शिक्षा पा रही हैं, यह गर्व की बात है। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं और बेहतर निर्णय ले रही हैं। उन्होंने मोबाइल लीगल एड वैन के बारे में बताया।
कहा कि इसकेजरिये कानूनी शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने वित्तीय समावेशन पर भी प्रकाश डाला। एमेरिटस प्रोफेसर पाम राजपूत ने भी विचार रखे। इस दौरान दिनभर कई मुद्दों पर पैनल डिस्कशन भी हुआ। डॉ. एच श्रीनिवास, वीवी गिरि, स्वास्थ्य विभाग पंजाब की निदेशक डॉ. बलजीत कौर, नन्थिनी सुब्बैया, डीएसडब्ल्यू वुमेन प्रो. नीना कप्लास, डीन रिसर्च प्रो. आरके सिंगला, डीएसडब्ल्यू प्रो. इमैनुअल नाहर केअलावा दर्जनों शिक्षक मौजूद रहे।
महिलाएं समाज में बड़ा बदलाव ला सकती हैं और इसके लिए काम भी वह कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं का अनादार हुआ है तो उसी के साथ आत्मा व परमात्मा का भी अनादर हुआ है। उन्होंने ट्रिपल तलाक, सबरीवाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश आदि पर भी प्रकाश डाला। नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाने व व्यवहार में बदलाव लाने पर बात की।
पीयू में सर्वाधिक विभाग अध्यक्ष महिलाएं: वीसी
हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने महिला नेतृत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि देश के विकास में महिलाओं को बढ़ा योगदान है। कहा कि हरियाणा में 31 कॉलेज खोले जा रहे हैं ताकि छात्राओं को शिक्षा मिल सके। पीयू वीसी प्रो. राजकुमार ने कहा कि पीयू में अधिकांश विभागों में महिला चेयरपर्सन हैं। इसके अलावा पीयू में 75 फीसदी छात्राएं शिक्षा पा रही हैं, यह गर्व की बात है। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं और बेहतर निर्णय ले रही हैं। उन्होंने मोबाइल लीगल एड वैन के बारे में बताया।
कहा कि इसकेजरिये कानूनी शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने वित्तीय समावेशन पर भी प्रकाश डाला। एमेरिटस प्रोफेसर पाम राजपूत ने भी विचार रखे। इस दौरान दिनभर कई मुद्दों पर पैनल डिस्कशन भी हुआ। डॉ. एच श्रीनिवास, वीवी गिरि, स्वास्थ्य विभाग पंजाब की निदेशक डॉ. बलजीत कौर, नन्थिनी सुब्बैया, डीएसडब्ल्यू वुमेन प्रो. नीना कप्लास, डीन रिसर्च प्रो. आरके सिंगला, डीएसडब्ल्यू प्रो. इमैनुअल नाहर केअलावा दर्जनों शिक्षक मौजूद रहे।