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Panipat News: उद्योगों पर बिजली का बोझ, फिक्स रेट से हर बिल पर दो हजार तक बढ़ाए

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Sun, 14 Sep 2025 02:00 AM IST
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Burden of electricity on industries, increase the fixed rate by Rs 2000 on every bill
सेक्टर-25 औद्यो​गिक क्षेत्र में जर्जर हालत में सड़क।संवाद
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माई सिटी रिपोर्टर
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पानीपत। बिजली के फिक्स चार्ज बढ़ाने से उद्योगों पर बड़ा बोझ पड़ा। 20 किलोवाट तक के एलटी कनेक्शन पर अब 100 रुपये प्रति किलोवाट लगा दिए हैं। यानी कि बिल में हर महीने दो हजार रुपये तक की बढ़ोतरी सिर्फ फिक्स्ड चार्जेज की वजह से हो गई। उद्यमी इस मांग को सरकार के सामने भी रख चुके हैं। सरकार ने भी एचईआरसी के पाले में गेंद डाल दी है।
जिले में छोटे-बड़े करीब 37 हजार उद्योग हैं। एक फैक्टरी में कम से कम 20 किलोवाट तक का कनेक्शन है। कुछ में इससे ऊपर भी हैं। एचईआरसी ने गत दिनों बिजली फिक्स चार्ज नए सिरे से लागू किए थे। इससे पानीपत के उद्योगों पर बड़ा फर्क पड़ा है। पानीपत सीए शाखा के पूर्व चेयरमैन सीए जगदीश धमीजा ने बताया कि पहले 20 किलोवाट तक के एलटी कनेक्शन पर कोई फिक्स चार्ज नहीं था। अब 100 रुपये प्रति किलोवाट लगा दिए हैं। यानी कि बिल में हर महीने दो हजार रुपए तक की बढ़ोतरी सिर्फ फिक्स्ड चार्ज की वजह से लग गई। 20 से अधिक और 50 किलोवाट के एलटी लोड पर 160 से बढ़ाकर 250 कर दिया है। 50 से ऊपर की सप्लाई एचटी में 165 से बढ़ाकर 290 प्रति केवीए कर दिए हैं। इसके करीबन पांच प्रतिशत बिल में रेट बढ़ाया है। बंद उद्योगों दोबारा कनेक्शन लेने में फिर से कनेक्शन चार्जेज देने पड़ रहे हैं। ऐसे उद्योगों को बिना प्रयोग किए पहले ही 165 रुपये प्रति केवीए के चार्जेज देने पड़ते थे जो अब 290 कर दिए हैं।
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उद्यमी बोले- कोई सुनने वाला नहीं
उद्यमी गुलशन मल्होत्रा और रोहन गोयल ने बताया कि बिजली के फिक्स चार्ज लगाने से अतिरिक्त बोझ पड़ा है। वे अधिकारियों से मिल चुके हैं। इसमें कोई समाधान नहीं निकल पाया है। ऐसे उत्पाद के रेट बढ़ाने पड़ रहे हैं। बाजार में एक या दो रुपये का लाभ ही मान्य होता है। उद्यमी श्रीभगवान अग्रवाल ने बताया कि फिक्स चार्ज देने के बाद भी पूरी बिजली नहीं मिल पाती। बिजली के एक झटके में उद्यमियों को 50 हजार रुपये तक का नुकसान होता है। फिक्स चार्ज को कम करने के साथ बिजली निर्बाध दी जाएं। इससे उद्योगों को मजबूती मिलेगी।

वर्जन :
उद्योगों को निर्धारित शेड्यूल में पर्याप्त बिजली दी जा रही है। इसके साथ लाइन लॉस भी कम किया गया है। बिजली के रेट एचईआरसी तय करता है। इसी के अनुरूप चार्ज लगाया जाता है।
धर्म सुहाग, एसई, बिजली निगम।
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