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Haryana: रेवाड़ी में हथियार-सिम देने वाले 3 आरोपी पकड़े, पिता का बदला लेने के लिए गैंग तैयार कर रहा था देवांशु
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी (हरियाणा)
Published by: नवीन दलाल
Updated Wed, 24 Dec 2025 06:22 PM IST
सार
यूपी के जिला अलीगढ़ के गांव मोहसनपुर निवासी संजय कुमार ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसने ओला की फ्रेंचाइचीज ली हुई है। वह गुरुग्राम और दिल्ली में टैक्सी चलाता है। रात को समय करीब 1 बजे उसकी कैब बुक की गई थी।
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आरोपी
- फोटो : संवाद
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विस्तार
सीआईए ने 15-16 दिसंबर की रात को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर बनीपुर चौक के पास एक टैक्सी चालक को गोली मारकर गाड़ी व नकदी लूटने के मामले में तीन और आरोपियों यूपी के जिला मेरठ के गांव अंची खुर्द निवासी अंकुर कुमार, जिला मेरठ के गांव कुंडा निवासी विक्रम सिंह व जिला मेरठ के दिल्ली रोड नजदीक देवतापुरम स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स निवासी अश्वनी कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस इस मामले में तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
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पुलिस द्वारा पूछताछ में आरोपी बंटी सिंह ने बताया कि अवैध पिस्टल उसने अंकुर कुमार व विक्रम सिंह से खरीदी थी तथा सिम कार्ड उसने अश्वनी कुमार से खरीदे थे। पुलिस ने तीनों आरोपियों को अदालत में पेश करके आरोपी अंकुर कुमार व विक्रम सिंह को तीन दिन तथा आरोपी अश्वनी कुमार को दो दिन के रिमांड पर लिया है।
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गिरफ्तार आरोपियों में से मास्टरमाइंड देवांशु के लिए फर्जी सिम कार्ड और दो बंटी के मार्फत असला पहुंचाता था। देवांशु पिता के एक्सीडेंट का बदला लेने के लिए गैंग तैयार कर रहा था। गैंग से जुड़े जिन 6 युवकों की गिरफ्तारी में से 5 यूपी से हुई हैं। चार को अकेले मेरठ से पकड़ा गया है। पुलिस की नजर अब देवांशु के नेटवर्क से जुड़े दूसरे लोगों पर है। पुलिस ने तीन आरोपी देवांशु, शुभम वर्मा व बंटी सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद पूछताछ के दौरान बाकी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
ये था पूरा मामला
यूपी के जिला अलीगढ़ के गांव मोहसनपुर निवासी संजय कुमार ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसने ओला की फ्रेंचाइचीज ली हुई है। वह गुरुग्राम और दिल्ली में टैक्सी चलाता है। रात को समय करीब 1 बजे उसकी कैब बुक की गई थी। वह दो युवकों को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से बैठाकर जयपुर के लिए चला था। जब टैक्सी बनीपुर चौक के पास पहुंची तो पीछे बैठे युवकों ने लघु शंका करने के बहाने गाड़ी रूकवा ली।
दोनों युवकों में से एक ने उसकी कनपटी पर पिस्तौल लगा दी। उसने विरोध किया तो उसके दाहिने पैर में गोली मार दी। उसे सीट से हटाकर दूसरा युवक गाड़ी चलाने लगा। गोली उसकी जांघ में लगी, जिससे वह लहूलुहान हो गया। इसके बाद दोनों युवक काफी देर तक इधर-उधर घूमाते रहे। उससे 18 हजार रुपये और मोबाइल फोन छीन लिए। बाद में आरोपी उसे सरकुलर रोड पर एक अस्पताल के नजदीक गाड़ी से नीचे उतारकर उसके दोनों मोबाइल फोन फेंककर उसकी गाड़ी को लूट कर फरार हो गए।
विनोद फैडरिक से लेना था देवांशु ने बदला:
देवांशु के पिता सूरजभान का 1995 में एक्सीडेंट हो गया था। देवांशु को पिता के एक्सीडेंट के पीछे हिस्ट्रीशीटर विनोद फैडरिक का हाथ होने का पता चला तो उसने बदला लेने के लिए गैंग बनाने की ठान ली थी। बैंकों से 50 लाख रुपये लोन लेकर गैंग के लिए हथियार और अन्य सामान खरीदा। अपने मंसूबों को पूरा करने से पहले ही रेवाड़ी पुलिस ने देवांशु को उसके साथी शुभम के साथ कार लूटने के आरोप में हथियारों के साथ पकड़ लिया गया।
आरोपियों के कब्जे से हुई ये बरामदगी
पुलिस आरोपियों के कब्जे से लूटी हुई गाड़ी, 7 देशी पिस्टल, 339 जिंदा रोंद, 11 मैगजीन, 22 मैगजीन की स्प्रिंग, एक बैरल की स्प्रिंग, एक बैग, 4 मोबाइल फोन, वारदात में प्रयोग किया गया 1 आईफोन, 5 सिमकार्ड, 1 वेव ब्लॉकर (जैमर), 1 जीपीएस डिटेक्टर, 6 वाकी-टॉकी सैट, 5 वॉकी-टॉकी चार्जर, 5 अडैप्टर, एक पैकेट दस्ताना, एक दूरबीन, 2 पावर अडैप्टर, 3 रोंद की खाली डब्बी, एक हथकड़ी बरामद कर चुकी है।