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अर्थी उठने से पहले भाई की कलाई पर बांधी राखी, बेहोश होने तक नहीं छोड़ी, बहनें बोलीं- हमें इंतजार है

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रोहतक (हरियाणा) Published by: रोहतक ब्यूरो Updated Tue, 28 Jul 2020 05:43 PM IST
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Arthi tied a rakhi on her brother's wrist before getting up and did not leave her unconscious.
रोहतक में तीन किशोरों की मौत के बाद गमगीन बहनें।
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रोहतक-हिसार बाईपास पर सोमवार सुबह करीब साढ़े 5 बजे सेना भर्ती की तैयारी कर रहे भाली आनंदपुर गांव के एक युवा और दो किशोर को इको कार चालक ने कुचल दिया। हादसे में तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर ग्रामीण व परिजन घटनास्थल पर पहुंचे और करीब छह घंटे तक शव रखकर हाईवे जाम कर दिया।

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हम एक ही थाली में खाना डालकर खाते थे। जब तक भाई घर नहीं आ जाता तो उसका इंतजार करते थे। कभी कभार मजाक में उसको यह भी कहते थे कि हमने तो खाना खा लिया। भाई रूठता तो उसे मनाकर एक साथ खाना खाते। पिता के सेना से रिटायर होने के बाद से ही सौरभ के दिल में देशसेवा की भावना पैदा हो गई थी। वह अपने साथी के साथ अभी से सेना भर्ती की तैयारी में जुट गया था।
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                                                                 मृतक प्रमोद की बहन ज्योति

लॉकडाउन के दौरान चोर, सिपाही पर्ची, कभी रोल बैंग गेम खेलकर टाइम बिताते थे। यह बताते हुए भाई की मौत से सदमे में नेहा और श्रुति का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। परिजनों ने बताया कि दोनों बहनें अपने इकलौते भाई की कलाई पकड़ कर रोती रही। अर्थी उठने से पहले अपने भाई की कलाई पर राखी बांधी और बेहोश होने तक नहीं छोड़ी।

भाई राखी बंधवाने आएगा ना, हमें तेरा इंतजार हैं

Arthi tied a rakhi on her brother's wrist before getting up and did not leave her unconscious.
मृतक सौरभ की बहन नेहा, श्रुति व गमजदा पिता।

प्रवीण की पांचों बहनों की शादी हो चुकी है। हादसे में मौत की सूचना मिलने पर सभी मायके पहुंची और भाई का शव देख सिर्फ एक ही बात कह रही थी कि भाई तू राखी बंधवाने आएगा ना, हम पांचों बहनें तेरा इंतजार कर रही है। हालांकि परिजनों ने उसकी चार बहनों को वापस उनके ससुराल भेज दिया। इसके अलावा बहन मंजू की आंखों की एक टक दरवाजे को देख रही थी कि उसका भाई आएगा। वह रोते हुए कह रही थी कि भाई तू हमें अकेला छोड़ गया, हम किसको राखी बांधेगी। तेरे कारण ही परिवार में रौनक थी। भाई तू उसी रौनक के साथ वापस आ जा।

अब कौन कहेगा दीदी नमस्ते
प्रमोद की दो बड़ी बहने हैं, सबसे बड़ी रितु के पति फौज में है, वह गंगटोक में रह रही है। जिसको अभी उसके भाई की मौत के बारे में नहीं बताया गया है। उससे छोटी ज्योति जिसकी अभी फरवरी में ही शादी हुई थी। प्रमोद का नाम लेते ही उसकी बहन ने कहा कि भाई का सपना आर्मी ज्वाइन करने के बाद परिवार के सभी सदस्यों व बहनों को देश भ्रमण कराने का था। उसमें सेवा में भर्ती होने का इतना जुनून था कि वह घर से पांच किलो मीटर दूर सड़क पर दौड़ लगाने के लिए जाता था। ससुराल से फोन करते तो सबसे पहले भाई ही फोन उठाकर दीदी नमस्ते बोलता था। यह बताते वक्त ज्योति बार-बार बेहोश हो रही थी।

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