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Rohtak News: सर्दी बढ़ने के साथ दर्द देने लगीं पुरानी चोटें और जोड़ों का दर्द
संवाद न्यूज एजेंसी, रोहतक
Updated Sun, 14 Dec 2025 02:52 AM IST
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13...नागरिक अस्पताल की ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे मरीज। संवाद
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रोहतक। सर्दी बढ़ने के साथ ही पुरानी चोट और जोड़ों के दर्द कष्ट देने लगे हैं। नागरिक अस्पताल की आयुर्वेद ओपीडी में ही रोजाना 20 मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। यह संख्या पहले आठ से दस रहती थी। आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर डॉ. जयसिंह ने बताया कि सदी में चोट या पुरानी चोट के दर्द देने की समस्या रहती है।
गठिया व जोड़ों के दर्द की समस्या भी इस मौसम में बढ़ती है। तापमान गिरने के कारण ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। इससे रक्तप्रवाह प्रभावित होता है। इस कारण चोट वाली जगह पर ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति कम हो जाती है। इससे अकड़न होने लगती है। मांसपेशियां भी कठोर हो जाती है।
इसके अलावा लोग सर्दी में शारीरिक गतिविधियां कम कर देते हैं। इससे समस्याएं बढ़ती है। इससे मांसपेशियों का लचीलापन कम हो जाता है। तभी जोड़ों के दर्द की समस्या भी उत्पन्न होती है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की समस्या का स्नेहन, स्वेदन व आयुर्वेदिक दवाइयों से उपचार किया जा रहा है।
स्नेहन व स्वेदन विधि में मालिश कर मरीज की सिकुड़ी वाहिकाओं व अकड़ी मांसपेशियों को गर्म कर रक्त संचरण सामान्य किया जाता है। सर्दी में शारीरिक गतिविधि कम होने से गठिया, मोटापा जैसी समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है। ऐसे व्यक्ति अदरक, लहसुन, काली मिर्च का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
घर पर ही सूक्ष्म योग करें
सर्दी में शारीरिक गतिविधि न कर पाएं तो घर पर सूक्ष्म योग को अपनाया जा सकता है। इससे शरीर की मांस पेशियों में लचीलापन व गर्माहट बनी रहती है। इनमें हाथ, अंगुलियां, गर्दन व पैरों की मूवमेंट शामिल है।
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गठिया व जोड़ों के दर्द की समस्या भी इस मौसम में बढ़ती है। तापमान गिरने के कारण ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। इससे रक्तप्रवाह प्रभावित होता है। इस कारण चोट वाली जगह पर ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति कम हो जाती है। इससे अकड़न होने लगती है। मांसपेशियां भी कठोर हो जाती है।
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इसके अलावा लोग सर्दी में शारीरिक गतिविधियां कम कर देते हैं। इससे समस्याएं बढ़ती है। इससे मांसपेशियों का लचीलापन कम हो जाता है। तभी जोड़ों के दर्द की समस्या भी उत्पन्न होती है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की समस्या का स्नेहन, स्वेदन व आयुर्वेदिक दवाइयों से उपचार किया जा रहा है।
स्नेहन व स्वेदन विधि में मालिश कर मरीज की सिकुड़ी वाहिकाओं व अकड़ी मांसपेशियों को गर्म कर रक्त संचरण सामान्य किया जाता है। सर्दी में शारीरिक गतिविधि कम होने से गठिया, मोटापा जैसी समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है। ऐसे व्यक्ति अदरक, लहसुन, काली मिर्च का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
घर पर ही सूक्ष्म योग करें
सर्दी में शारीरिक गतिविधि न कर पाएं तो घर पर सूक्ष्म योग को अपनाया जा सकता है। इससे शरीर की मांस पेशियों में लचीलापन व गर्माहट बनी रहती है। इनमें हाथ, अंगुलियां, गर्दन व पैरों की मूवमेंट शामिल है।