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ऑनर किलिंग : गांव में ही शादी करने वाले युगल की हत्या के दोषी को उम्रकैद
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माई सिटी रिपोर्टर
रोहतक। पांच साल पहले घर से भागकर कोर्ट मैरिज करने वाली फरमाणा गांव की युवती व युवक की हत्या के दोषी युवक अजय को अदालत ने सोमवार को उम्रकैद व 22 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। साथ ही एएसजे संदीप दुग्गल की अदालत ने पुलिस जांच पर गंभीर टिप्पणी की है।
पुलिस रिकाॅर्ड के मुताबिक, महम चौबीसी के गांव फरमाणा गांव निवासी अत्तर सिंह ने जून 2020 में शिकायत दी थी कि उनके बेटे सुरेंद्र उर्फ पासी ने पड़ोस की लड़की पूजा से कोर्ट मैरिज की थी। दोनों छह माह बाद हत्या कर दी गई।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पूजा के भाई अजय के अलावा दो अन्य बबलू व अमरदीप को गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार को एएसजे संदीप दुग्गल की अदालत ने हत्या व अपहरण के आरोप में आईपीसी की धारा 302 व 364 के तहत उम्रकैद व 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
जुर्माना न भरने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सबूत मिटाने पर आईपीसी की धारा 201 के तहत पांच साल की कैद व 2 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना न भरने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
कोर्ट ने कहा कि वारदात में प्रयोग बाइक व चाकू की बरामदगी ने घटनाओं के हर लिंक को एक-दूसरे से जोड़ा है। सुरेंद्र और पूजा ने भागकर शादी की थी, इसलिए उनकी पूजा के भाई अजय ने हत्या कर दी जबकि आरोपी बबलू और अमरदीप को सबूत ने मिलने पर बरी किया जाता है, क्योंकि आरोपी बबलू कस्टडी में है, इसलिए अगर किसी और मामले में उसकी जरूरत न हो तो उसे तुरंत रिहा किया जाए।
..........
कोर्ट ने ये उठाए गंभीर सवाल
: एफएसएल एक्सपर्ट डाॅ. सरोज दहिया ने मौके की जांच पड़ताल की। घटनास्थल से सबूत जुटाए। इसके बावजूद उनको केस में गवाह नहीं बनाया गया। साथ ही सीन विजिट की रिपोर्ट नहीं ली गई।
: जांच में यह पता लगाने का प्रयास नहीं किया गया कि पूजा व सुरेंद्र साथ थे या नहीं। साथ रहने की फोटो तक नहीं ली गई। : आरोपी अजय के परिवार ने अत्तर सिंह के परिवार पहले शिकायत दी थी। इसकी जांच नहीं की गई। मामला महम अदालत में पेंडिंग होने का दावा किया गया।
: शिकायतकर्ता अत्तर सिंह, उसके बेटे रवींद्र व मृतक सुरेंद्र के बीच फोन पर हुई बातचीत की कॉल डिटेल नहीं ली गई।
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दोहरे हत्याकांड में इस तरह की खराब जांच की उम्मीद नहीं की जा सकी
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि दोहरे हत्याकांड में पुलिस से इस तरह की खराब जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती, इसलिए यह जरूरी है कि मामले के जांच अधिकारी एसआई सुरेश कुमार व तत्कालीन महम थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार को और मामलों की जांच देने से पहले छह-छह माह की ट्रेनिंग दी जाए। इस फैसले की एक कॉपी डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, हरियाणा और सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस रोहतक को भेजी जाए।
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पुलिस रिकाॅर्ड के मुताबिक, महम चौबीसी के गांव फरमाणा गांव निवासी अत्तर सिंह ने जून 2020 में शिकायत दी थी कि उनके बेटे सुरेंद्र उर्फ पासी ने पड़ोस की लड़की पूजा से कोर्ट मैरिज की थी। दोनों छह माह बाद हत्या कर दी गई।
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पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पूजा के भाई अजय के अलावा दो अन्य बबलू व अमरदीप को गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार को एएसजे संदीप दुग्गल की अदालत ने हत्या व अपहरण के आरोप में आईपीसी की धारा 302 व 364 के तहत उम्रकैद व 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
जुर्माना न भरने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सबूत मिटाने पर आईपीसी की धारा 201 के तहत पांच साल की कैद व 2 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना न भरने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
कोर्ट ने कहा कि वारदात में प्रयोग बाइक व चाकू की बरामदगी ने घटनाओं के हर लिंक को एक-दूसरे से जोड़ा है। सुरेंद्र और पूजा ने भागकर शादी की थी, इसलिए उनकी पूजा के भाई अजय ने हत्या कर दी जबकि आरोपी बबलू और अमरदीप को सबूत ने मिलने पर बरी किया जाता है, क्योंकि आरोपी बबलू कस्टडी में है, इसलिए अगर किसी और मामले में उसकी जरूरत न हो तो उसे तुरंत रिहा किया जाए।
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कोर्ट ने ये उठाए गंभीर सवाल
: एफएसएल एक्सपर्ट डाॅ. सरोज दहिया ने मौके की जांच पड़ताल की। घटनास्थल से सबूत जुटाए। इसके बावजूद उनको केस में गवाह नहीं बनाया गया। साथ ही सीन विजिट की रिपोर्ट नहीं ली गई।
: जांच में यह पता लगाने का प्रयास नहीं किया गया कि पूजा व सुरेंद्र साथ थे या नहीं। साथ रहने की फोटो तक नहीं ली गई। : आरोपी अजय के परिवार ने अत्तर सिंह के परिवार पहले शिकायत दी थी। इसकी जांच नहीं की गई। मामला महम अदालत में पेंडिंग होने का दावा किया गया।
: शिकायतकर्ता अत्तर सिंह, उसके बेटे रवींद्र व मृतक सुरेंद्र के बीच फोन पर हुई बातचीत की कॉल डिटेल नहीं ली गई।
दोहरे हत्याकांड में इस तरह की खराब जांच की उम्मीद नहीं की जा सकी
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि दोहरे हत्याकांड में पुलिस से इस तरह की खराब जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती, इसलिए यह जरूरी है कि मामले के जांच अधिकारी एसआई सुरेश कुमार व तत्कालीन महम थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार को और मामलों की जांच देने से पहले छह-छह माह की ट्रेनिंग दी जाए। इस फैसले की एक कॉपी डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, हरियाणा और सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस रोहतक को भेजी जाए।