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अंतर्वस्त्र जांच प्रकरण: आरोपियों के खिलाफ लगाया गया ससी-एसटी एक्ट, एसआईटी कर रही मामले की जांच
माई सिटी रिपोर्टर रोहतक
Published by: शाहिल शर्मा
Updated Sun, 02 Nov 2025 11:22 PM IST
सार
एमडीयू की महिला सफाई कर्मचारियों के अंतर्वस्त्र जांच मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धारा जोड़ दी है। मामले की जांच डीएसपी रवि खुंडिया के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही है।
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एमडीयू रोहतक
- फोटो : संवाद
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विस्तार
एमडीयू की महिला सफाई कर्मचारियों के अंतर्वस्त्र जांच मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धारा जोड़ दी है। मामले की जांच डीएसपी रवि खुंडिया के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही है। मामले में एक महिला के अदालत में जज के सामने बयान दर्ज करवा दिए गए हैं जबकि दो अन्य के बयान होने बाकी हैं। हालांकि, अभी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। केस में सुपरवाइजर विनोद, वितेंद्र व असिस्टेंट रजिस्ट्रार श्याम सुंदर आरोपी हैं।
विवि की तीन महिला सफाई कर्मियों ने पीजीआई थाने में शिकायत दी थी कि वे 26 अक्तूबर को ड्यूटी पर थीं। कुछ महिलाओं ने माहवारी आने के कारण छुट्टी मांगी। इस पर उनके अंतर्वस्त्र की जांच की गई। इस बात का सफाई कर्मियों ने विरोध किया। हंगामा बढ़ने के बाद महिला आयोग ने विवि से रिपोर्ट मांगी थी।
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यह है मामला
एमडीयू में 25 से 27 अक्तूबर तक राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष आए हुए थे। कैंपस में 26 अक्तूबर को सफाई कर रही महिला कर्मचारियों को काम में तेजी लाने के लिए कहा गया। इस पर कुछ महिलाओं ने मासिक धर्म आने का हवाला देकर कुछ रियायत देने की अपील की। सुपरवाइजर ने इस पर नाराज होकर महिलाओं की जांच के निर्देश दिए। इस पर एक महिला कर्मचारी ने उनके अंतर्वस्त्र जांचे। उनके पैड की फोटो तक ली। इसके चलते मामला भड़क गया।
महिलाओं ने कैंपस में काफी हंगामा किया। मंगलवार को सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष कृष्ण कुमार व मेयर रामअवतार वाल्मीकि एमडीयू आए। उन्होंने फैकल्टी हाउस में महिला सफाई कर्मचारियों से करीब एक घंटे बातचीत की व उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस मामले में जांच कमेटी भी गठित की गई। कमेटी को चार दिन का समय दिया गया था। यह समय पूरा होने के बाद भी कमेटी की जांच जारी है। अब इस मामले में एसआईटी गठित की गई है।