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Sirsa News: 24 कर्मचारियों की रोस्टर बनाकर कालुआना में लगाई ड्यूटी
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डबवाली। चौटाला सामुदायिक केंद्र का भवन । फाइल फोटो।
- फोटो : mathura
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डबवाली। चौटाला गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 24 कर्मचारियों का रोस्टर बनाकर कालुआना में ड्यूटी लगाए जाने से गांव के लोगों में आक्रोश है। इन कर्मचारियों में 18 नर्सिंग स्टाफ सदस्य भी शामिल हैं। सिविल सर्जन की ओर से किए गए इस फैसले के खिलाफ, ग्रामीणों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग की कड़ी आलोचना की है और चेतावनी दी है कि यदि ये तबादले तुरंत रद्द नहीं किए गए तो वे शनिवार से धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे।
वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह भादू ने कहा कि कोई तबादले नहीं किए गए हैं। कालुआना में तीन - तीन कर्मचारियों की 14-14 दिनों की ड्यूटी लगाई गई है, जो एक रूटीन प्रक्रिया है। वहीं किसान नेता राकेश कुमार फगोड़िया व ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ वे लंबे समय से चौटाला सामुदायिक अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार और विभाग की ओर से उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है, अस्पताल से स्टाफ को यहां से हटा रहे हैं।
मांगों को दरकिनार कर की गई कार्रवाई
चौटाला के ग्रामीणों ने बताया कि वे लंबे समय से अस्पताल में महत्वपूर्ण पदों को भरने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी डबवाली आगमन पर इस संबंध में एक मांग पत्र सौंपा था। इस मांगपत्र में उन्होंने एसएमओ (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी) और डॉक्टरों की नियुक्ति, गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए महिला रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति, अस्पताल में एक नई एक्सरे मशीन और एक रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति, अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर व मोर्चरी (शवगृह) का निर्माण आदि मांगें की थीं। इन सभी मांगों के बावजूद, विभाग ने नियुक्तियां करने के बजाय मौजूदा स्टाफ को ही हटा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि ये तबादले अस्पताल में पहले से ही खराब चल रही स्वास्थ्य सेवाओं को और भी बदतर बना देंगे।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर गंभीर असर
राकेश फगोड़िया ने बताया कि तबादला की गईं 18 नर्सिंग ऑफिसर में शामिल महिला सदस्य ही चौटाला अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ की गैर-मौजूदगी में गर्भवती महिलाओं की देखभाल करती थीं और प्रसव (डिलीवरी) भी करवाती थीं। अब इनके चले जाने से, गर्भवती महिलाओं और अन्य मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई और रिक्त पदों को नहीं भरा गया, तो वे शनिवार से चौटाला में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
-- -- -- -- -- -- -- -- -- -तीन-तीन कर्मचारी क्रमवार इनको 14-14 दिनों के लिए कालुआना भेजा गया है। कालुआना में स्टाफ की कमी थी और लोगों को परेशानियां आ रहीं थी। लोगों की मांग पर यह कदम उठाया गया है। कोई स्टाफ चोटाला अस्पताल से नहीं हटाया गया है। कोई तबादले नहीं हुए हैं, यह रूटीन प्रक्रिया है।
- डाॅ. महेंद्र भादू, सीएमओ, सिरसा।

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वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह भादू ने कहा कि कोई तबादले नहीं किए गए हैं। कालुआना में तीन - तीन कर्मचारियों की 14-14 दिनों की ड्यूटी लगाई गई है, जो एक रूटीन प्रक्रिया है। वहीं किसान नेता राकेश कुमार फगोड़िया व ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ वे लंबे समय से चौटाला सामुदायिक अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार और विभाग की ओर से उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है, अस्पताल से स्टाफ को यहां से हटा रहे हैं।
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मांगों को दरकिनार कर की गई कार्रवाई
चौटाला के ग्रामीणों ने बताया कि वे लंबे समय से अस्पताल में महत्वपूर्ण पदों को भरने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी डबवाली आगमन पर इस संबंध में एक मांग पत्र सौंपा था। इस मांगपत्र में उन्होंने एसएमओ (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी) और डॉक्टरों की नियुक्ति, गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए महिला रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति, अस्पताल में एक नई एक्सरे मशीन और एक रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति, अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर व मोर्चरी (शवगृह) का निर्माण आदि मांगें की थीं। इन सभी मांगों के बावजूद, विभाग ने नियुक्तियां करने के बजाय मौजूदा स्टाफ को ही हटा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि ये तबादले अस्पताल में पहले से ही खराब चल रही स्वास्थ्य सेवाओं को और भी बदतर बना देंगे।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर गंभीर असर
राकेश फगोड़िया ने बताया कि तबादला की गईं 18 नर्सिंग ऑफिसर में शामिल महिला सदस्य ही चौटाला अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ की गैर-मौजूदगी में गर्भवती महिलाओं की देखभाल करती थीं और प्रसव (डिलीवरी) भी करवाती थीं। अब इनके चले जाने से, गर्भवती महिलाओं और अन्य मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई और रिक्त पदों को नहीं भरा गया, तो वे शनिवार से चौटाला में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
- डाॅ. महेंद्र भादू, सीएमओ, सिरसा।