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चौथी बार टूटी जीबीएसएम नहर, अब तक 600 एकड़ में फसलों को नुकसान
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रानियां के गांव खारिया में नहर को बांधने के लिए मिट्टी डालते टैक्टर।
- फोटो : Sirsa
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सिरसा/रानियां। घग्गर में पानी के तेज बहाव के कारण सोमवार देर रात्रि दरार आने से जीबीएसएम नहर रानियां क्षेत्र के खारिया में चौथी बार टूट गई। बांध के अचानक टूट जाने से 100 एकड़ में खड़ी नरमे की फसल जलमग्न हो गई। इससे पहले भी यह नहर तीन बार टूटी थी, जिसके चलते करीब 500 एकड़ फसल डूब गई थी।
बता दें कि ओटू हेड से घग्गर बणी सचदेवा माइनर निकलती है, जिसमें बारिश का पानी छोड़ा जाता है। नहर कच्ची होने की वजह से खारिया की ओर रास्ते में दरार आने से टूट गई। इसके बाद नहर विभाग के कर्मचारियों व गांववासियों के सहयोग से नहर को मंगलवार सुबह तक दुरुस्त किया गया। इस बारे में नहरी विभाग के कार्यकारी अभियंता डीपी मुआल ने बताया कि नहर में अचानक रिसाव हो गया था, जिसके चलते नहर टूट गई थी। ग्रामीणों व विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से बांध को दुरुस्त कर दिया है।
बता दें कि घग्गर में दो दिन में 10700 क्यूसेक पानी कम हुआ है। घग्गर में अब केवल 7800 क्यूसेक पानी ही बह रहा है। घग्गर में जलस्तर तेजी से कम होने के बाद ओटू से आगे निकलने वाली नहरों में भी पानी की सप्लाई कम कर दी गई है। ऐसे में किसानों को फिर से पानी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
अभी सरदूलगढ़ से 7800 क्यूसेक पानी ही जिले में पहुंच रहा है। इनमें से साढ़े पांच हजार क्यूसेक पानी नहरों में छोड़ा जा रहा है और 2200 क्यूसेक पानी ही ओटू हेड तक पहुंच रहा है, जिसे आगे नहरों में सप्लाई दी जा रही है। जलस्तर में तेजी से गिरावट आने के कारण किसानों के समक्ष फिर से खेतों की सिंचाई करने के लिए पानी की समस्या खड़ी हो सकती है। हालांकि डेढ़ सप्ताह पहले नदी में पानी आने के बाद किसानों को फसलों की सिंचाई में इसका काफी लाभ मिला है।
ओटू हेड में पानी किया जा रहा है एकत्र
घग्गर में जलस्तर गिरने के बाद सिंचाई विभाग की ओर से अब ओटू हेड में पानी एकत्र किया जा रहा है। विभाग अधिकारियों के अनुसार आने वाले 10 दिनों तक नहरों में पानी की सप्लाई देने के लिए पानी एकत्र हो चुका है। घग्गर से पानी की सप्लाई बंद होती है तो इसके बाद ओटू हेड में एकत्र पानी नहरों में छोड़ा जाएगा। इससे किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। घग्गर बंद होने के 10 दिन बाद भी किसान नहरों से फसलों की सिंचाई कर सकेंगे।
पांच लाख एकड़ भूमि की घग्घर के पानी से होती है सिंचाई
हिमाचल में पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश होने के बाद घग्गर नदी का पानी जिले में पहुंचता है। घग्गर के पानी से जिले के करीब पांच लाख एकड़ भूमि की सिंचाई की जाती है। बीते रविवार को घग्गर में 18500 क्यूसेक जलस्तर हो गया था। अगर दो दिन के अंदर पहाड़ी क्षेत्रों और जिले में बारिश होती है तो घग्घर में पानी चलता रहेगा। किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा।
पंजाब के सरदूलगढ़ क्षेत्र में घग्गर का जलस्तर 7800 क्यूसेक है। पहाड़ी क्षेत्र और दूसरे जिलों में बारिश कम होने के कारण तेजी से जलस्तर कम हो रहा है। नहरों में 10 दिनों तक पानी की सप्लाई देने के लिए पानी एकत्र है। घग्गर में पानी बंद होने के बाद नहरों में पानी छोड़ा जाएगा।
- धर्मपाल मुवाल, कार्यकारी अभियंता, घग्गर ब्रांच, सिरसा

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बता दें कि ओटू हेड से घग्गर बणी सचदेवा माइनर निकलती है, जिसमें बारिश का पानी छोड़ा जाता है। नहर कच्ची होने की वजह से खारिया की ओर रास्ते में दरार आने से टूट गई। इसके बाद नहर विभाग के कर्मचारियों व गांववासियों के सहयोग से नहर को मंगलवार सुबह तक दुरुस्त किया गया। इस बारे में नहरी विभाग के कार्यकारी अभियंता डीपी मुआल ने बताया कि नहर में अचानक रिसाव हो गया था, जिसके चलते नहर टूट गई थी। ग्रामीणों व विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से बांध को दुरुस्त कर दिया है।
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बता दें कि घग्गर में दो दिन में 10700 क्यूसेक पानी कम हुआ है। घग्गर में अब केवल 7800 क्यूसेक पानी ही बह रहा है। घग्गर में जलस्तर तेजी से कम होने के बाद ओटू से आगे निकलने वाली नहरों में भी पानी की सप्लाई कम कर दी गई है। ऐसे में किसानों को फिर से पानी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
अभी सरदूलगढ़ से 7800 क्यूसेक पानी ही जिले में पहुंच रहा है। इनमें से साढ़े पांच हजार क्यूसेक पानी नहरों में छोड़ा जा रहा है और 2200 क्यूसेक पानी ही ओटू हेड तक पहुंच रहा है, जिसे आगे नहरों में सप्लाई दी जा रही है। जलस्तर में तेजी से गिरावट आने के कारण किसानों के समक्ष फिर से खेतों की सिंचाई करने के लिए पानी की समस्या खड़ी हो सकती है। हालांकि डेढ़ सप्ताह पहले नदी में पानी आने के बाद किसानों को फसलों की सिंचाई में इसका काफी लाभ मिला है।
ओटू हेड में पानी किया जा रहा है एकत्र
घग्गर में जलस्तर गिरने के बाद सिंचाई विभाग की ओर से अब ओटू हेड में पानी एकत्र किया जा रहा है। विभाग अधिकारियों के अनुसार आने वाले 10 दिनों तक नहरों में पानी की सप्लाई देने के लिए पानी एकत्र हो चुका है। घग्गर से पानी की सप्लाई बंद होती है तो इसके बाद ओटू हेड में एकत्र पानी नहरों में छोड़ा जाएगा। इससे किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। घग्गर बंद होने के 10 दिन बाद भी किसान नहरों से फसलों की सिंचाई कर सकेंगे।
पांच लाख एकड़ भूमि की घग्घर के पानी से होती है सिंचाई
हिमाचल में पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश होने के बाद घग्गर नदी का पानी जिले में पहुंचता है। घग्गर के पानी से जिले के करीब पांच लाख एकड़ भूमि की सिंचाई की जाती है। बीते रविवार को घग्गर में 18500 क्यूसेक जलस्तर हो गया था। अगर दो दिन के अंदर पहाड़ी क्षेत्रों और जिले में बारिश होती है तो घग्घर में पानी चलता रहेगा। किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा।
पंजाब के सरदूलगढ़ क्षेत्र में घग्गर का जलस्तर 7800 क्यूसेक है। पहाड़ी क्षेत्र और दूसरे जिलों में बारिश कम होने के कारण तेजी से जलस्तर कम हो रहा है। नहरों में 10 दिनों तक पानी की सप्लाई देने के लिए पानी एकत्र है। घग्गर में पानी बंद होने के बाद नहरों में पानी छोड़ा जाएगा।
- धर्मपाल मुवाल, कार्यकारी अभियंता, घग्गर ब्रांच, सिरसा