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Sirsa: बंदियों ने जेल में ही बना लिया था भागने का प्लान, मार पीटकर आसानी से पहुंच गए अस्पताल
संवाद न्यूज एजेंसी, सिरसा (हरियाणा)
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Thu, 11 Aug 2022 02:16 AM IST
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सार
दो दिन से अस्पताल में दोनों बंदियों का इलाज चल रहा था। दोनों ने भागने में भी एक दूसरे की मदद की। दोनों बंदियों ने एक ही साथ शौचालय में जाने की बात कही। इसके लिए दोनों की हथकड़ी खोल दी।

खिड़की का शीशा तोड़ा।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
हरियाणा के सिरसा में नागरिक अस्पताल से फरार हुए बंदियों ने इसकी साजिश तो जेल में ही रच डाली थी। क्योंकि मारपीट में घायल हुए दोनों ने एक साथ ही पुलिसकर्मी पर हमला बोला। भागने में भी एक दूसरे की मदद की। शोर सुनकर अस्पताल स्टाफ व अन्य लोग जब मौके पर पहुंचे तब भी दोनों ने लोगों को धमकाकर चुप कराया।
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जानकारी के अनुसार बंदियों ने जेल में सात अगस्त की रात को साथियों से मारपीट करने वाले इन कैदियों को चोट लगने के कारण आठ अगस्त को पुलिस ने शहर के नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया। इनकी सुरक्षा ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके समेत तीन कर्मचारियों की बंदी वार्ड में ड्यूटी थी।
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देर रात एक कर्मचारी नीचे कपड़े बदलने के लिए गया था, जबकि दूसरा सो रहा था। दोनों बंदियों ने एक ही साथ शौचालय में जाने की बात कही। उसने दोनों की हथकड़ी खोल दी। शौचालय से निकले तो दोनों ने उस पर हमला कर दिया। उनके हाथ में लाठी थी, जिसे सिर पर मारकर हमें बेहोश कर दिया। काफी समय बाद उसे होश आया, तब तक बंदी वहां से फरार हो चुके थे।
सुरक्षा में ढील के कारण फरार हुए दोनों आरोपी
नागरिक अस्पताल के बंदी वार्ड में दो बंदियों को भर्ती कराया गया था। सुरक्षा के लिए तीन कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगी थी। लेकिन, जिस वक्त दोनों आरोपी फरार हुए, तब वहां केवल एक ही पुलिस कर्मी मौजूद था। यह स्थिति तब है, जबकि पहले भी यहां से बंदी फरार हो चुके हैं।
जेल ले जाने और अदालत में पेश करने से पहले बंदियों को अस्पताल में जांच करवाने के लिए पुलिस कर्मचारी लेकर आते हैं। यहां से बंदी मौका मिलते ही फरार हो जाते हैं। नागरिक अस्पताल में 15 सिक्योरिटी गार्ड हैं। इनकी सुबह के समय ही अलग-अलग स्थानों व वार्डों में ड्यूटी रहती है।
रात में पूरे अस्पताल में एक या दो सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं। इसके कारण अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी खतरा बना रहता है। अस्पताल में 24 घंटे मरीजों का आना जाना रहता है। ऐसे में कोई भी शरारती तत्व अस्पताल में पहुंचकर किसी भी घटना को अंजाम पहुंचा सकता है।
बाहर भीड़ खड़ी थी, नहीं हुई पकड़ने की कोशिश
सिरसा। नागरिक अस्पताल के दूसरी मंजिल पर स्थित बंदी वार्ड में ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मचारी की बचाओ-बचाओ की आवाज सुनकर वार्ड इंचार्ज प्रियंका ने गेट खटकटाना शुरू किया। वार्ड में उपस्थित मरीजों के तीमारदार भी वहां पर एकत्रित हो गए। अस्पताल के सुरक्षा कर्मी ने जब खिड़की से अंदर की तरफ झांक कर देखा तो दोनों बंदियों ने पुलिस कर्मी को फर्श पर गिराकर दबा रखा था। प्रत्यक्षदर्शी गुरतेज सिंह व कर्मजीत सिंह ने बताया कि रात करीब एक बजे वार्ड इंचार्ज के शोर मचाने पर वे लोग पहुंचे। पता लगा कि अंदर इलाज करा रहे कैदी पुलिस कर्मी को बेहोश करने के बाद खिड़की का शीशा तोड़कर भाग गए हैं। दोनों बंदियों के पास हथियार होगा, इस डर के कारण कोई उन्हें पकड़ने के लिए आगे नहीं बढ़ा।