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हरियाणा में मंदिर पर गिरी बिजली: गुंबद को पहुंचा नुकसान, देर रात जोर के धमाके से सहमे लोग
संवाद न्यूज एजेंसी, यमुनानगर
Published by: शाहिल शर्मा
Updated Thu, 18 Sep 2025 02:55 PM IST
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सार
मानसून के अंतिम दिनों में हुई तेज बारिश के दौरान देर रात बिजली गिरने से एक शिव मंदिर का शिखर पूरी तरह ध्वस्त हो गया। सौभाग्यवश, घटना के समय मंदिर में कोई उपस्थित नहीं था, जिसके कारण कोई जनहानि नहीं हुई।

मंदिर पर गिरी बिजली
- फोटो : संवाद
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विस्तार
हरियाणा के यमुनानगर जिले के लेदा खादर गांव में मानसून के अंतिम दिनों में हुई तेज बारिश के दौरान देर रात बिजली गिरने से एक शिव मंदिर का शिखर पूरी तरह ध्वस्त हो गया। सौभाग्यवश, घटना के समय मंदिर में कोई उपस्थित नहीं था, जिसके कारण कोई जनहानि नहीं हुई। इस घटना ने स्थानीय ग्रामीणों में दहशत फैला दी और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दीं। यह क्षेत्र में बिजली गिरने की दूसरी घटना है, क्योंकि इससे पहले कलेसर क्षेत्र में भी एक मंदिर को बिजली गिरने से नुकसान पहुंचा था।

रात में तेज धमाके ने फैलाई दहशत
स्थानीय निवासी नरेंद्र दास ने बताया कि रात करीब 2 बजे तेज बारिश के बीच अचानक एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी, जिसने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। ग्रामीणों में दहशत फैल गई और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। सुबह जब ग्रामीण मंदिर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि शिव मंदिर का शिखर पूरी तरह बिखर चुका था और मलबा चारों ओर फैला हुआ था। नरेंद्र दास ने कहा, "मंदिर की ऊंची संरचना के कारण बिजली सीधे शिखर पर गिरी, जिससे यह पूरी तरह नष्ट हो गया। इस दृश्य ने ग्रामीणों को स्तब्ध कर दिया।
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कलेसर में भी हुआ था नुकसान
यह पहली बार नहीं है जब क्षेत्र में बिजली गिरने से धार्मिक स्थल प्रभावित हुआ हो। मानसून के दौरान यमुनानगर के कलेसर क्षेत्र में भी एक मंदिर पर बिजली गिरी थी, जिससे मंदिर को गंभीर नुकसान पहुंचा था। सौभाग्यवश, उस घटना में भी कोई हताहत नहीं हुआ। इन दो घटनाओं ने स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि बारिश के मौसम में ऊंचे धार्मिक स्थलों पर बिजली गिरने का खतरा बढ़ जाता है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मंदिरों जैसे ऊंचे शिखरों और खुले स्थानों पर बिजली गिरने की संभावना तेज बारिश के दौरान अधिक होती है। विशेषज्ञों ने बताया कि मंदिरों की ऊंची संरचनाएं बिजली को आकर्षित करती हैं, खासकर यदि उनमें बिजली निरोधक (लाइटनिंग अरेस्टर) नहीं लगे हों। उन्होंने सुझाव दिया कि धार्मिक स्थलों पर बिजली निरोधक उपकरण स्थापित किए जाएं और नियमित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, बारिश के दौरान खुले स्थानों पर जाने से बचने की सलाह दी गई है।
ये भी पढ़ें: Magan Suicide Case: आरोपी दिव्या की सोनीपत में हुई थी पहली शादी, बिना तलाक लिए किया था मगन से विवाह
यह पहली बार नहीं है जब क्षेत्र में बिजली गिरने से धार्मिक स्थल प्रभावित हुआ हो। मानसून के दौरान यमुनानगर के कलेसर क्षेत्र में भी एक मंदिर पर बिजली गिरी थी, जिससे मंदिर को गंभीर नुकसान पहुंचा था। सौभाग्यवश, उस घटना में भी कोई हताहत नहीं हुआ। इन दो घटनाओं ने स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि बारिश के मौसम में ऊंचे धार्मिक स्थलों पर बिजली गिरने का खतरा बढ़ जाता है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मंदिरों जैसे ऊंचे शिखरों और खुले स्थानों पर बिजली गिरने की संभावना तेज बारिश के दौरान अधिक होती है। विशेषज्ञों ने बताया कि मंदिरों की ऊंची संरचनाएं बिजली को आकर्षित करती हैं, खासकर यदि उनमें बिजली निरोधक (लाइटनिंग अरेस्टर) नहीं लगे हों। उन्होंने सुझाव दिया कि धार्मिक स्थलों पर बिजली निरोधक उपकरण स्थापित किए जाएं और नियमित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, बारिश के दौरान खुले स्थानों पर जाने से बचने की सलाह दी गई है।
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