{"_id":"692f40bb865888c5aa0b274e","slug":"dialysis-facilities-started-at-bhoranj-and-tauni-devi-hospitals-hamirpur-hp-news-c-94-1-hmp1005-175404-2025-12-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"Hamirpur (Himachal) News: भोरंज और टौणी देवी अस्पताल में डायलिसिस सुविधा देने की कवायद शुरू","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hamirpur (Himachal) News: भोरंज और टौणी देवी अस्पताल में डायलिसिस सुविधा देने की कवायद शुरू
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Wed, 03 Dec 2025 01:10 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
हमीरपुर। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए भोरंज और टौणी देवी अस्पताल में डायलिसिस सुविधा देने के लिए तैयारी की जा रही है। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है।
दोनों ही संस्थानों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दी जाने वाली सुविधा के लिए प्रस्तावित जगह को दिखाया गया है। जगह चयन के बाद ही आगामी औपचारिकताओं को पूर्ण किया जाएगा। यदि योजना सिरे चढ़ती है तो किडनी रोग के मरीजों को इसका खासा लाभ होगा। उन्हें सरकारी संस्थानों में भी सुविधा मिल सकती है। इससे मरीजों को आर्थिक राहत भी मिलेगी।
अभी मौजूदा समय में हमीरपुर जिले में मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ तीन निजी स्वास्थ्य संस्थानों में ही डायलिसिस की सुविधा है। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में डायलिसिस के लिए अधिक भीड़ होती है। इस कारण मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है।
वहींए निजी अस्पतालों में मरीजों को अधिक फीस चुकानी पड़ती है। कई मरीजों को माह में दो से तीन बार भी डायलिसिस करवाना पड़ता है। उनके लिए यह सुविधाजनक होगी। सेंटर खुलने से जटिल रोगों के इलाज की सुविधा बढ़ाने की दिशा में कार्य होगा।
डायलिसिस रक्त शोधन की कृत्रिम विधि
डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है। इस डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है, जब किसी व्यक्ति के गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं। यदि डायलिसिस रोगी के गुर्दे बदलकर नए गुर्दे लगाने हों, तो डायलिसिस की प्रक्रिया अस्थाई होती है। यदि रोगी के गुर्दे इस स्थिति में न हों कि उसे प्रत्यारोपित किया जाए, तो डायलिसिस अस्थायी होती है, जिसे आवधिक किया जाता है।
कोट
-भोरंज अस्पताल में डायलिसिस सुविधा शुरू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत टीम सर्वे कर चुकी है। टीम को जगह दिखाई गई है। -ललित कालिया, बीएमओ, भोरंज
-टौणी देवी अस्पताल में डायलिसिस सुविधा देने के लिए कवायद आरंभ हो गई है। एनएचएम की टीम को प्रस्तावित जगह बताई गई है। जगह चयनित होने के बाद आगामी प्रक्रिया शुरू होगी। -रमेश रत्तू, बीएमओ, टौणी देवी
Trending Videos
दोनों ही संस्थानों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दी जाने वाली सुविधा के लिए प्रस्तावित जगह को दिखाया गया है। जगह चयन के बाद ही आगामी औपचारिकताओं को पूर्ण किया जाएगा। यदि योजना सिरे चढ़ती है तो किडनी रोग के मरीजों को इसका खासा लाभ होगा। उन्हें सरकारी संस्थानों में भी सुविधा मिल सकती है। इससे मरीजों को आर्थिक राहत भी मिलेगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
अभी मौजूदा समय में हमीरपुर जिले में मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ तीन निजी स्वास्थ्य संस्थानों में ही डायलिसिस की सुविधा है। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में डायलिसिस के लिए अधिक भीड़ होती है। इस कारण मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है।
वहींए निजी अस्पतालों में मरीजों को अधिक फीस चुकानी पड़ती है। कई मरीजों को माह में दो से तीन बार भी डायलिसिस करवाना पड़ता है। उनके लिए यह सुविधाजनक होगी। सेंटर खुलने से जटिल रोगों के इलाज की सुविधा बढ़ाने की दिशा में कार्य होगा।
डायलिसिस रक्त शोधन की कृत्रिम विधि
डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है। इस डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है, जब किसी व्यक्ति के गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं। यदि डायलिसिस रोगी के गुर्दे बदलकर नए गुर्दे लगाने हों, तो डायलिसिस की प्रक्रिया अस्थाई होती है। यदि रोगी के गुर्दे इस स्थिति में न हों कि उसे प्रत्यारोपित किया जाए, तो डायलिसिस अस्थायी होती है, जिसे आवधिक किया जाता है।
कोट
-भोरंज अस्पताल में डायलिसिस सुविधा शुरू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत टीम सर्वे कर चुकी है। टीम को जगह दिखाई गई है। -ललित कालिया, बीएमओ, भोरंज
-टौणी देवी अस्पताल में डायलिसिस सुविधा देने के लिए कवायद आरंभ हो गई है। एनएचएम की टीम को प्रस्तावित जगह बताई गई है। जगह चयनित होने के बाद आगामी प्रक्रिया शुरू होगी। -रमेश रत्तू, बीएमओ, टौणी देवी