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Hamirpur (Himachal) News: टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए जागरूक करेगा स्वास्थ्य विभाग
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Tue, 08 Jul 2025 05:14 AM IST
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निक्षय मित्रों की ओर से टीबी रोगियों को दी जाती हैं पोषण किट
संवाद न्यूज एजेंसी
हमीरपुर। टीबी के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों की जांच और उपचार कर रहा है। इसके अलावा टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने समस्त बीएमओ को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बीएमओ साधन संपन्न लोगों से टीबी मरीजों को गोद लेने का आग्रह करेंगे। टीबी रोगियों की जिंदगी संवारने के लिए लोग टीबी पीड़ित मरीजों को गोद लेते हैं। इन्हें निक्षय मित्र कहा जाता है। जिलों में करीब 146 निक्षय मित्रों की ओर से टीबी मरीजों को 1238 से अधिक पोषण किटें वितरित की जा चुकी हैं। एक निक्षय मित्र को एक मरीज को कम से कम छह माह तक एडॉप्ट करना होता है। इन छह महीनों में मरीज का इलाज भी चलता है। मरीज को दी जाने वाली पोषण किट में प्रोटीन युक्त डाइट दी जाती है। इस डाइट में मरीज की पसंद की चीजों को भी शामिल किया जाता है। जिले में इस साल मई माह तक 446 टीबी पीड़ित मिल चुके हैं। 2023 में जिले में करीब 920 और 2024 में भी करीब 925 टीबी मरीज पीडि़त मिले थे। इन मरीजों की नियमित जांच कर उन्हें दवाइयां दी गई।
कोट
-टीबी पीड़ित मरीजों की जिंदगी संवारने में निक्षय मित्र अहम भूमिका निभाते हैं। बीएमओ को आवश्यक दिशा-निर्देश गए हैं कि साधन संपन्न लोगों की पहचान की जाए। टीबी पीड़ित मरीजों को गोद लेने का आग्रह किया जाए।-डॉ. सुनील वर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी
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हमीरपुर। टीबी के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों की जांच और उपचार कर रहा है। इसके अलावा टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने समस्त बीएमओ को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बीएमओ साधन संपन्न लोगों से टीबी मरीजों को गोद लेने का आग्रह करेंगे। टीबी रोगियों की जिंदगी संवारने के लिए लोग टीबी पीड़ित मरीजों को गोद लेते हैं। इन्हें निक्षय मित्र कहा जाता है। जिलों में करीब 146 निक्षय मित्रों की ओर से टीबी मरीजों को 1238 से अधिक पोषण किटें वितरित की जा चुकी हैं। एक निक्षय मित्र को एक मरीज को कम से कम छह माह तक एडॉप्ट करना होता है। इन छह महीनों में मरीज का इलाज भी चलता है। मरीज को दी जाने वाली पोषण किट में प्रोटीन युक्त डाइट दी जाती है। इस डाइट में मरीज की पसंद की चीजों को भी शामिल किया जाता है। जिले में इस साल मई माह तक 446 टीबी पीड़ित मिल चुके हैं। 2023 में जिले में करीब 920 और 2024 में भी करीब 925 टीबी मरीज पीडि़त मिले थे। इन मरीजों की नियमित जांच कर उन्हें दवाइयां दी गई।
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-टीबी पीड़ित मरीजों की जिंदगी संवारने में निक्षय मित्र अहम भूमिका निभाते हैं। बीएमओ को आवश्यक दिशा-निर्देश गए हैं कि साधन संपन्न लोगों की पहचान की जाए। टीबी पीड़ित मरीजों को गोद लेने का आग्रह किया जाए।-डॉ. सुनील वर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी