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Himachal Disaster: चार और मणिमहेश यात्रियों की मौत, इन जिलों में बंद रहेंगे स्कूल; जानें मौसम अपडेट विस्तार से

अमर उजाला ब्यूरो/संवाद/शिमला/धर्मशाला/चंबा। Published by: अंकेश डोगरा Updated Fri, 29 Aug 2025 10:20 PM IST
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सार

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश-भूस्खलन के चलते चार और मणिमहेश यात्रियों की मौत हो गई है। वहीं, मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार को कई क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ शनिवार को चार जिलों में स्कूल बंद रहेंगे। पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Disaster Four more Mani Mahesh pilgrims died schools will remain closed in four districts
डिजाइन फोटो। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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हिमाचल में आसमान से आफत बरस रही है। भारी बारिश-भूस्खलन के चलते चार और मणिमहेश यात्रियों की मौत हो गई है। चारों पंजाब के हैं। पिछले एक सप्ताह के दौरान 11 मणिमहेश यात्रियों की मौत हो चुकी है। चंबा से आगे पांच दिन से अलग-थलग पड़े भरमौर के इलाके में अभी भी चार हजार मणिमहेश यात्री फंसे हैं। शुक्रवार को लगभग 3,500 श्रद्धालु करीब 45 किलोमीटर पैदल सफर कर चंबा पहुंचे हैं। यहां से बसों और निजी वाहनों से अपने-अपने घरों को रवाना हुए।

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उधर, हाईवे बह जाने के कारण मनाली में भी करीब 900 पर्यटक फंसे हैं। इसी बीच, किन्नौर में बादल फटने से सेब के बगीचों को भारी नुकसान हुआ है। आनी में भूस्खलन से तीन घर ध्वस्त हो गए। इसमें दो महिलाएं दब गईं हैं। पांवटा साहिब में एक व्यक्ति बह गया है। बारिश व भूस्खलन के चलते दो एनएच समेत प्रदेश में 914 सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि 925 ट्रांसफार्मर और 266 पेयजल योजनाएं ठप हैं।

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खराब मौसम के चलते शुक्रवार को कांगड़ा की सभी उड़ानें रद्द हो गईं। चंबा से भरमौर का संपर्क पांचवें दिन भी कटा रहा। चंबा से भरमौर तक करीब 20 किलोमीटर तक नेशनल हाईवे का नामोनिशान नहीं है। शुक्रवार को रावी से दूसरे छोर से होते करीब 3,500 मणिमहेश यात्री मलबे के ढेरों के बीच 45 किलोमीटर पैदल चलकर चंबा पहुंचे। भरमौर और हड़सर में अभी लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। चंबा-पठानकोट एनएच बहाल होने पर सैकड़ों मणिमहेश यात्रियों को चंबा से भेज दिया गया है। चंबा से लगती टपूण पंचायत में दो मकान वीरवार रात को जमींदोज हो गए। यहां पर मार्ग खुलवाते समय भूस्खलन की चपेट में आए एसडीओ गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

मणिमहेश यात्रियों को कलसुई व जांघी से 19 बसों के जरिये पठानकोट के लिए निशुल्क पहुंचाने की व्यवस्था की है। ट्रांसफार्मर ठप होने से जिले के करीब 2,000 गांवों में अंधेरा पसरा है। किन्नौर के लिप्पा में बादल फटने से मलबे में फंसे जम्मू के दो श्रमिक निकाले गए। शुक्रवार को आनी के लोअर पटारना गांव में तीन मकान भूस्खलन की चपेट में आने से दो महिलाएं दब गईं। सिरमौर में वीरवार देर रात भारी बारिश के बाद पांवटा में एक व्यक्ति गाय को नदी से निकालते समय तेज बहाव में बह गया। उधर, कुल्लू व मनाली के बीच पांचवें दिन भी सड़क संपर्क कटा रहा। किरतपुर-मनाली फोरलेन पर नौ मील के पास डंगा गिरने से 20 मीटर सड़क क्षतिग्रस्त हो गया। भारी बारिश के बीच भूस्खलन की आंशका के मद्देनजर शुक्रवार शाम को मंडी में पंडोह से आगे हाईवे पर वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया है।

कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और ऊना में शनिवार को भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार को कई क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और ऊना जिलों के कुछ स्थानों पर दो दिन भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू और शिमला जिलों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। एक एवं दो सितंबर के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। शुक्रवार को रोहतांग और ऊंची चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरे, जबकि राजधानी शिमला समेत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई है। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर प्रशासन ने शनिवार को चंबा और कुल्लू, कांगड़ा, सिरमौर जिले में शिक्षण संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए वायु सेना का लें सहयोग : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए वायुसेना का सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा और मंडी के अधिकारियों के साथ दिल्ली से वर्चुअल बैठक के दौरान निर्देश जारी किए। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सड़कों, विद्युत, पेयजल-सिंचाई परियोजनाओं और संचार सेवाओं की स्थिति से अवगत करवाया।
 

मुख्यमंत्री ने राहत व बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भरमौर में फंसे यात्रियों के लिए भोजन व ठहरने की व्यवस्था की जाए। बीमार और वृद्ध यात्री हेलीकाप्टर से निकाले जाएं। दुर्गम क्षेत्रों में फंसे श्रद्धालुओं के लिए हवाई मार्ग से भोजन पहुंचाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन कार्यों के लिए चंबा के भरमौर में तैनात मंडलायुक्त कांगड़ा, डीआईजी कांगड़ा, चंबा के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से भी बात की। मुख्य सचिव ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और रहना-खाना सुनिश्चित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने चंबा चौगान में रुके श्रद्धालुओं की घर वापसी के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि चंबा शहर में जियो, एयरटेल व बीएसएनएल की संचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। कांगड़ा से तीन सेटेलाइट फोन चंबा भेजे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें, पेयजल और विद्युत आपूर्ति को बहाल करने के लिए अतिरिक्त मशीनें और श्रम शक्ति की तैनाती के निर्देश दिए। कुल्लू और मंडी जिला के उपायुक्तों को वैकल्पिक मार्गों से वाहनों की आवाजाही शुरू करने के निर्देश दिए। बड़ा भंगाल में रुके लोगों के लिए हवाई मार्ग से खाद्य सामग्री भेजने के निर्देश दिए। सिस्सू में फंसे सभी 380 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
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