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Himachal News: शिक्षकों की अनुशासनहीनता पर विभाग सख्त, जल्द जांच पूरी करने को दिया जाएगा प्रशिक्षण
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Thu, 13 Nov 2025 04:00 AM IST
सार
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की अनुशासनहीनता पर शिक्षा विभाग ने जांच को तेज और प्रभावी बनाने के लिए जांच अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है।
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शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की अनुशासनहीनता पर अब शिक्षा विभाग सख्त रुख अपनाने जा रहा है। विभाग ने ऐसे मामलों की जांच को तेज और प्रभावी बनाने के लिए जांच अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। बीते दिनों कई जिलों में शिक्षकों के शराब पीकर स्कूल पहुंचने, मारपीट और दुर्व्यवहार के मामले सामने आने के बाद शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने सख्त निर्देश जारी किए हैं।
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शिक्षा सचिव ने कहा कि अनुशासनहीनता से जुड़े सभी मामलों की जांच अब निर्धारित समयसीमा में पूरी करनी होगी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जांच में देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। राकेश कंवर ने कहा कि शिक्षक समाज का मार्गदर्शक होता है, उसका आचरण अनुकरणीय होना चाहिए। किसी भी तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग अब जिला और ब्लॉक स्तर पर जांच अधिकारियों को प्रक्रियात्मक प्रशिक्षण देगा। इसमें साक्ष्य जुटाने, बयान दर्ज करने, रिपोर्ट तैयार करने और निष्कर्ष तक पहुंचने के सही तरीके सिखाए जाएंगे। इससे जांच अधिक निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध हो सकेगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में कुछ जिलों से ऐसे मामले रिपोर्ट हुए हैं, जिनमें कुछ शिक्षकों ने स्कूल समय में शराब पीकर कक्षाओं में उपस्थिति दर्ज की। कुछ मामलों में आपसी झगड़े और स्कूल प्रबंधन से अभद्र व्यवहार की शिकायतें भी दर्ज हुईं। इसके अलावा विद्यार्थियों की मारपीट के मामले भी सामने आए हैं। इन घटनाओं ने सरकारी स्कूलों की छवि को धूमिल किया है।
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सचिवालय स्तर पर एक विशेष निगरानी सेल की तैयारी
शिक्षा विभाग ने सचिवालय स्तर पर एक विशेष निगरानी सेल गठित करने की भी योजना बनाई है, जो जिलों से आने वाली रिपोर्टों की नियमित समीक्षा करेगा। यह सेल यह भी सुनिश्चित करेगा कि किसी भी अनुशासनात्मक मामले में अनावश्यक देरी न हो। स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि प्रशिक्षित जांच अधिकारी होने से न केवल कार्रवाई में तेजी आएगी, बल्कि जिम्मेदारी भी तय होगी। सरकार का मकसद किसी को सजा देना नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना है। लेकिन जहां लापरवाही या अनुशासनहीनता साबित होगी, वहां सख्त कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।
शिक्षा विभाग ने सचिवालय स्तर पर एक विशेष निगरानी सेल गठित करने की भी योजना बनाई है, जो जिलों से आने वाली रिपोर्टों की नियमित समीक्षा करेगा। यह सेल यह भी सुनिश्चित करेगा कि किसी भी अनुशासनात्मक मामले में अनावश्यक देरी न हो। स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि प्रशिक्षित जांच अधिकारी होने से न केवल कार्रवाई में तेजी आएगी, बल्कि जिम्मेदारी भी तय होगी। सरकार का मकसद किसी को सजा देना नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना है। लेकिन जहां लापरवाही या अनुशासनहीनता साबित होगी, वहां सख्त कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।