Kangra: कांगड़ा के बाद अब शाहपुर में होगा ओबीसी संघर्ष समिति का महाधिवेशन
शाहपुर के छिंज मेला ग्राउंड रजोल में नौ नवंबर को ओबीसी संघर्ष समिति का महाधिवेशन होने जा रहा है। ओबीसी संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष सौरभ कौंडल ने इसकी पुष्टि की है।
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20 सितंबर को अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों ने कांगड़ा से धर्मशाला तक रैली निकाली थी। अब एक बार फिर ओबीसी के लोग शाहपुर में जुटने जा रहे हैं। शाहपुर के छिंज मेला ग्राउंड रजोल में नौ नवंबर को ओबीसी संघर्ष समिति का महाधिवेशन होने जा रहा है। ओबीसी संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष सौरभ कौंडल ने इसकी पुष्टि की है। सौरभ कौंडल ने बताया कि ओबीसी के 20 सूत्री मांगपत्र पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार और विपक्ष में बैठी भाजपा ने अब तक अपना स्टैंड क्लीयर नहीं किया है।
खासकर ओबीसी के नाम पर वोट मांगकर भाजपा-कांग्रेस में एमएलए या अन्य पदों पर बैठे नेता चुप्पी साधे हुए हैं। किसी नेता ने खुलकर ओबीसी को सपोर्ट नहीं किया है। ऐसे नेताओं को जनता चुनावों में सबक देगी। कौंडल ने कहा कि आगामी 9 नवंबर को शाहपुर में रजोल के छिंज मेला ग्राउंड में ओबीसी का अधिवेशन होगा, इसमें आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा। शाहपुर इकाई कार्यक्रम की आयोजक होगी।
ये हैं ओबीसी की प्रमुख मांगें
ओबीसी के 20 सूत्री मांगपत्र पर सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा चुप है। ओबीसी के लोग हिमाचल में 93वें संविधान संशोधन 2005 के अनुसार सभी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों में ओबीसी विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों का निर्माण भी प्रमुख मांग है। राइट टू एजुकेशन एक्ट को राज्य में पूर्ण रूप से लागू करने की भी गुहार है। ओबीसी की मांग है कि नौकरी और सेवाओं में समान अवसर प्रदान किए जाने चाहिए।
जनगणना जल्द करवाई जाए
ओबीसी संघर्ष समिति का कहना है कि हिमाचल विधानसभा व लोकसभा में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटें तय की जाए। ओबीसी जनगणना प्रदेश में जल्द करवाई जाए। ओबीसी कल्याण के लिए अलग बजट का प्रविधान किया जाए। ओबीसी के बजट से बनाए गए भवनों पर तथाकथित नेताओं ने कब्जा करके रखा है, उन भवनों को भी ओबीसी संगठनों को जल्द सौंपे।