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Kullu News: देवी-देवताओं के आने, ठहरने के कार्यक्रम का शेड्यूल तय
संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Updated Sat, 27 Sep 2025 06:35 PM IST
सार
कुल्लू जिले में दशहरा उत्सव के लिए 300 से अधिक देवी-देवता अपने अनुयायियों के साथ भव्य शोभायात्रा की तैयारी कर रहे हैं। देवताओं के ठहराव, भोजन और यात्रा का शेड्यूल भी तय हो चुका है। ढालपुर मैदान में सात दिनों तक देवताओं का अस्थायी दरबार सजेगा।
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विस्तार
दशहरा उत्सव... लाव-लश्कर के साथ आने को तैयार 300 से अधिक देवी-देवता
टैंट लगाने से लेकर देवता उठाने वालों की लगाई ड्यूटी
बलदेव राज
कुल्लू। जिले की वादियों में एक बार फिर आस्था की गूंज सुनाई देने लगी है। देवताओं की दिव्य उपस्थिति के लिए ढालपुर मैदान फिर से तैयार हो रहा है।
300 से अधिक देवी-देवता देवलुओं के साथ लाव-लश्कर में दशहरा में शामिल होने के लिए रवाना होने के लिए तैयार हैं। दूरदराज की घाटियों से पैदल यात्राएं शुरू हो चुकी हैं। कहीं चाय-प्रसाद की व्यवस्था तय हो रही है तो कहीं रात्रि विश्राम के ठिकाने। पग-पग पर श्रद्धा के दीप जलेंगे और सात दिनों तक ढालपुर बनेगा देवताओं का अस्थायी दरबार लगेगा। बिजली महादेव से लेकर कुई कंडा नाग जैसे ऐतिहासिक देवता दशकों बाद इस महायात्रा का हिस्सा बनेंगे। देवी-देवता लाव-लश्कर के साथ अठारह करडू की सौह में पहुंचेंगे। देवता सात दिनों तक अस्थायी शिविरों में ही विराजमान होंगे।
देवताओं के दशहरा में आने और वापस जाने का शेड्यूल तय हो गया है। कई देवता दो दिन पहले तो कई तीन दिन पहले देवालय से रवाना होंंगे।
बंजार, आनी और सैंज से देवता कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर ढालपुर पहुंचेंगे। देवता का पहले दिन रात्रि ठहराव कहां होगा, दूसरे दिन ठहराव कहां रहेगा, किसी श्रद्धालु ने चायपान की व्यवस्था कहां की है, वापसी में देवता कहां-कहां रुकेंगे, इसका शेड्यूल तैयार हो चुका है। कई देवता श्रद्धालु के घर निमंत्रण पर भी जाएंगे। दशहरा के एक दिन पहले ही 150 से अधिक देवी-देवता ढालपुर में पहुंच जाते हैं। ऐसे में देवता के अस्थायी शिविर टेंट लगाने से लेकर, सात दिन खाना बनाने आदि की जिम्मेदारियां तय हो गई हैं। घाटी के अधिष्ठाता बिजली महादेव दशहरा शुरू होने के एक दिन पहले भी रघुनाथपुर में पहुंच जाएंगे। दशहरा में दशकों बाद शामिल हो रही दलाश क्षेत्र के देवता कुई कंडा नाग भी 29 सितंबर को ही प्रस्थान करेंगे।
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कुल्लू दशहरा की देवी-देवता शोभा बढ़ाते हैं। दशहरा में शामिल होने के लिए देवलू भी इन दिनों तैयारियों में जुटे हैं। लाव-लश्कर के साथ देवता ढालपुर में पहुंचेंगे। - दोत राम ठाकुर, अध्यक्ष, जिला देवी-देवता कारदार संघ
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अस्थायी शिविरों वाली जगह की चल रही सफाई
दशहरा में देवी-देवता जहां सात दिन अस्थायी शिविर में बैठेंगे। अस्थायी शिविरों वाली जगहों की इन दिनों देवलू साफ-सफाई में जुटे हैं। प्रदर्शनी मैदान के समीप देवलुओं को बैठने में सुविधा हो, इसके लिए डंगे लगाकर जगह को समतल किया जा रहा है।
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टैंट लगाने से लेकर देवता उठाने वालों की लगाई ड्यूटी
बलदेव राज
कुल्लू। जिले की वादियों में एक बार फिर आस्था की गूंज सुनाई देने लगी है। देवताओं की दिव्य उपस्थिति के लिए ढालपुर मैदान फिर से तैयार हो रहा है।
300 से अधिक देवी-देवता देवलुओं के साथ लाव-लश्कर में दशहरा में शामिल होने के लिए रवाना होने के लिए तैयार हैं। दूरदराज की घाटियों से पैदल यात्राएं शुरू हो चुकी हैं। कहीं चाय-प्रसाद की व्यवस्था तय हो रही है तो कहीं रात्रि विश्राम के ठिकाने। पग-पग पर श्रद्धा के दीप जलेंगे और सात दिनों तक ढालपुर बनेगा देवताओं का अस्थायी दरबार लगेगा। बिजली महादेव से लेकर कुई कंडा नाग जैसे ऐतिहासिक देवता दशकों बाद इस महायात्रा का हिस्सा बनेंगे। देवी-देवता लाव-लश्कर के साथ अठारह करडू की सौह में पहुंचेंगे। देवता सात दिनों तक अस्थायी शिविरों में ही विराजमान होंगे।
देवताओं के दशहरा में आने और वापस जाने का शेड्यूल तय हो गया है। कई देवता दो दिन पहले तो कई तीन दिन पहले देवालय से रवाना होंंगे।
बंजार, आनी और सैंज से देवता कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर ढालपुर पहुंचेंगे। देवता का पहले दिन रात्रि ठहराव कहां होगा, दूसरे दिन ठहराव कहां रहेगा, किसी श्रद्धालु ने चायपान की व्यवस्था कहां की है, वापसी में देवता कहां-कहां रुकेंगे, इसका शेड्यूल तैयार हो चुका है। कई देवता श्रद्धालु के घर निमंत्रण पर भी जाएंगे। दशहरा के एक दिन पहले ही 150 से अधिक देवी-देवता ढालपुर में पहुंच जाते हैं। ऐसे में देवता के अस्थायी शिविर टेंट लगाने से लेकर, सात दिन खाना बनाने आदि की जिम्मेदारियां तय हो गई हैं। घाटी के अधिष्ठाता बिजली महादेव दशहरा शुरू होने के एक दिन पहले भी रघुनाथपुर में पहुंच जाएंगे। दशहरा में दशकों बाद शामिल हो रही दलाश क्षेत्र के देवता कुई कंडा नाग भी 29 सितंबर को ही प्रस्थान करेंगे।
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कुल्लू दशहरा की देवी-देवता शोभा बढ़ाते हैं। दशहरा में शामिल होने के लिए देवलू भी इन दिनों तैयारियों में जुटे हैं। लाव-लश्कर के साथ देवता ढालपुर में पहुंचेंगे। - दोत राम ठाकुर, अध्यक्ष, जिला देवी-देवता कारदार संघ
अस्थायी शिविरों वाली जगह की चल रही सफाई
दशहरा में देवी-देवता जहां सात दिन अस्थायी शिविर में बैठेंगे। अस्थायी शिविरों वाली जगहों की इन दिनों देवलू साफ-सफाई में जुटे हैं। प्रदर्शनी मैदान के समीप देवलुओं को बैठने में सुविधा हो, इसके लिए डंगे लगाकर जगह को समतल किया जा रहा है।