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Mandi Cloudburst: सराज की आपदा में बिखरा परिवार, लेकिन बच गई मासूम नितिका, जो अब बन रही है सबकी बेटी

संवाद न्यूज एजेंसी, गोहर (मंडी )। Published by: अंकेश डोगरा Updated Wed, 16 Jul 2025 06:50 PM IST
सार

11 महीने की नितिका जिसने आंखों के सामने अपने माता-पिता और दादी को खो दिया, लेकिन खुद चमत्कारी ढंग से बच निकली। नितिका को अनाथ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि अब पूरा जिला, पूरा प्रदेश और देश उसका परिवार बनता जा रहा है। पढ़ें पूरी खबर...
 

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Mandi Cloudburst family got scattered in the disaster of Seraj but innocent Nitika survived
मासूम नितिका - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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विनाशकारी बारिश और भूस्खलन ने जहां सराज के परवाड़ा गांव में कई जिंदगियां लील लीं, वहीं उसी मलबे से एक जीवन, एक उम्मीद और एक भविष्य ने फिर जन्म लिया। यह कहानी है 11 महीने की नितिका की, जिसने आंखों के सामने अपने माता-पिता और दादी को खो दिया, लेकिन खुद चमत्कारी ढंग से बच निकली। भारी तबाही के बीच मासूम नितिका को मलबे से सही-सलामत निकालना किसी चमत्कार से कम नहीं था। यही कारण है कि आज जिला प्रशासन से लेकर आम लोग तक, सभी उसे 'उम्मीद की बच्ची' कहने लगे हैं।

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नितिका को अनाथ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि अब पूरा जिला, पूरा प्रदेश और देश उसका परिवार बनता जा रहा है। जिला प्रशासन ने तुरंत हरकत में आते हुए नितिका के नाम पर दो बैंक खाते खोले हैं, जिनमें न केवल स्थानीय लोग बल्कि देशभर से लोग दिल खोलकर दान कर रहे हैं। इन खातों में आने वाली राशि से नितिका के नाम पर एक फिक्स्ड डिपॉजिट बनाई जाएगी, जो उसके 18 वर्ष पूरे होने तक सुरक्षित रहेगी।
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बल्ह की एसडीएम स्मृतिका नेगी जब आपदा प्रभावित स्थल पर पहुंचीं तो मलबे के बीच एक मासूम बच्ची को देख उनका दिल भर आया। उन्होंने बच्ची को गोद में उठाया और कहा यह कोई साधारण बच्ची नहीं ये एक सुपर गर्ल है। उनकी पहल पर ही खाता खोला गया और लोगों से नितिका के लिए मदद की अपील की गई। कई अधिकारियों ने खुद दान किया और अब तक सैकड़ों लोग मदद के लिए आगे आ चुके हैं।

फिलहाल नितिका को उसकी चाची तारा देवी ने अपने पास रखा है और उन्होंने उसे अपने ही बच्चे की तरह पालने का संकल्प लिया है। उन्होंने साफ किया कि वे किसी अडॉप्शन की जरूरत नहीं समझतीं, क्योंकि नितिका अब उन्हीं की बेटी है। नितिका अब अकेली नहीं है। उसकी देखभाल करने वाले हाथ, उसके लिए प्रार्थना करने वाले होंठ और उसका भविष्य संवारने वाली सोच हर दिशा से उसकी जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने का काम कर रहे हैं। भले ही उसने अपने अपने माता-पिता को खो दिया, लेकिन उसने इस देश के लाखों दिलों में एक नई जगह बना ली है।
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