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Mandi News: टेट पर सुप्रीम आदेश से शिक्षकों में चिंता
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सुंदरनगर (मंडी)। हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश पर गहरी चिंता व्यक्त की है, जिसमें कहा गया है कि सभी अध्यापकों के लिए टेट (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करना अनिवार्य होगा। महासंघ ने कहा कि यह आदेश अजुमन इशरत-ए-तालीम ट्रस्ट बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य तथा महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश से जुड़े मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया है।
आदेश की स्थिति को लेकर प्रदेश के शिक्षकों में असमंजस और भय का वातावरण है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह आदेश हिमाचल प्रदेश में भी सीधे लागू होंगे या नहीं। यदि लागू होंगे तो राज्य सरकार अध्यापकों के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाएगी, यह सार्वजनिक किया जाए। यह आदेश उन हजारों शिक्षकों पर संकट खड़ा कर रहा है जो वर्षों से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। महासंघ ने मांग उठाई कि प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के विरुद्ध तुरंत पुनर्विचार याचिका दायर करे।
वर्षों से सेवा दे रहे अनुभवी शिक्षकों को इस आदेश से छूट प्रदान की जाए या उनके लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाए। महासंघ ने कहा कि यदि यह आदेश बिना संशोधन लागू हुआ तो हजारों शिक्षकों का मनोबल गिर सकता है। महासंघ के राज्य उपाध्यक्ष जगदीश राणा और सुशील शर्मा, विजय कुमार ने सरकार से इस विषय पर समय रहते ठोस कदम उठाने के लिए कहा। प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को सभी सांसदों के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा। संवाद

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आदेश की स्थिति को लेकर प्रदेश के शिक्षकों में असमंजस और भय का वातावरण है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह आदेश हिमाचल प्रदेश में भी सीधे लागू होंगे या नहीं। यदि लागू होंगे तो राज्य सरकार अध्यापकों के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाएगी, यह सार्वजनिक किया जाए। यह आदेश उन हजारों शिक्षकों पर संकट खड़ा कर रहा है जो वर्षों से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। महासंघ ने मांग उठाई कि प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के विरुद्ध तुरंत पुनर्विचार याचिका दायर करे।
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वर्षों से सेवा दे रहे अनुभवी शिक्षकों को इस आदेश से छूट प्रदान की जाए या उनके लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाए। महासंघ ने कहा कि यदि यह आदेश बिना संशोधन लागू हुआ तो हजारों शिक्षकों का मनोबल गिर सकता है। महासंघ के राज्य उपाध्यक्ष जगदीश राणा और सुशील शर्मा, विजय कुमार ने सरकार से इस विषय पर समय रहते ठोस कदम उठाने के लिए कहा। प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को सभी सांसदों के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा। संवाद