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Operation Sindhu: अब तक 1117 भारतीयों की ईरान से वतन वापसी, बोले- देश आकर जान में जान आई; सरकार का जताया आभार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Sun, 22 Jun 2025 01:49 AM IST
सार

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान में फंसे अब तक 1117 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी हो चुकी है। ईरान से लौटे भारतीय नागरिकों ने सरकार का धन्यवाद किया। साथ ही कहा कि भारत वापस आकर अब उनकी जान में जान आई है। वहां के हालात बहुत खराब हैं। इसके अलावा, भारत ने श्रीलंका को भी आश्वासन दिया है कि वह ईरान में फंसे श्रीलंकाई नागरिकों को निकालने में उसकी मदद करेगा। 

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1117 Indian citizens evacuated safely from Iran under Operation Sindhu
हाथ में तिरंगा लेकर एयरपोर्ट से बाहर आते भारतीय नागरिक - फोटो : वीडियो ग्रैब/एएनआई
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विस्तार
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भारत सरकार ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु चलाया है। इस ऑपरेशन के तहत अब तक कुल 1,117 भारतीय नागरिकों को ईरान से निकाला जा चुका है। वहीं, शुक्रवार देर रात एक विशेष उड़ान के जरिये 290 भारतीय नागरिक ईरान के मशहद शहर से भारत लौटे। सुरक्षित वतन वापसी पर भारतीय नागरिकों ने भारत सरकार का आभार जताया। 

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गौरतलब है कि इस्राइल और ईरान में पिछले कुछ दिनों से सैन्य टकराव बढ़ गया है। दोनों देश एक दूसरे पर बमबारी और मिसाइल हमला कर रहे हैं। सैन्य टकराव के चलते भारत सरकार ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु चलाया है। इस ऑपरेशन के तहत भारतीयों की सुरक्षित वतन वापसी कराई जा रही है। ईरान से लौटने के बाद भारतीय नागरिकों ने आपबीती सुनाई। सुरक्षित वतन वापस लौटे एक भारतीय नागरिक ने कहा, 'मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वहां मिसाइलें थीं। हमें वहां डर लग रहा था। हम वहां एक हफ्ते तक फंसे रहे।'
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तेहरान में स्थिति गंभीर, अन्य स्थानों पर थोड़ी राहत
ईरान से भारत लौटे नवीद ने बताया कि वह कश्मीर से है और एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र है। नवीद ने कहा कि भारत लौटने पर वह अच्छा महसूस कर रहा है। उसने कहा कि वह भारत सरकार का शुक्रगुजार है, जिसने युद्ध के बीच में से उसे ईरान से निकाल लिया। वहीं, बिहार के सिवान के रहने वाले एक नागरिक ने कहा कि वह पिछले दो वर्षों से ईरान में था। उसने बताया कि तेहरान में स्थिति गंभीर है, जबकि अन्य स्थानों पर थोड़ी राहत है। 

ईरान में हालात बहुत अच्छे नहीं: उश्ताक
ईरान से भारत लौटे मोमिन उश्ताक कहते हैं कि वह कश्मीर हैं। उन्होंने बताया कि ईरान में हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। वहीं, परवीन कहती हैं कि वह सुरक्षित वतन वापसी पर बहुत खुश हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल से शुक्रिया अदा किया। परवीन ने कहा कि हमारी सरकार ने हमें वापस लाने में मदद की, इसके लिए वह शुक्रगुजार हैं। 

भारत सरकार के प्रयास से संभव हुई वतन वापसी: इंदिरा
ऑपरेशन सिंधु के तहत भारत लौटीं इंदिरा कुमारी ने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों के चलते हमारी वतन वापसी संभव हो सकी है। उन्होंने कहा कि मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी की शुक्रगुजार हूं। वहीं, मोहम्मद अशफाक ने कहा, 'अपने देश लौटकर मुझे अच्छा लग रहा है। मैं वहां के दूतावास का आभारी हूं, जिसने हमारी अच्छी देखभाल की। मैं प्रधानमंत्री मोदी का आभारी हूं।'

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ईरान में फंसे श्रीलंकाई लोगों को निकालने का भारत ने दिया आश्वासन
भारत ने शनिवार को श्रीलंका को भरोसा दिलाया कि वह ईरान में फंसे हुए श्रीलंकाई नागरिकों को भी वहां से सुरक्षित बाहर निकालने में मदद करेगा। ईरान इस समय इस्राइल के साथ तनाव में है, और वहां रह रहे कई विदेशी लोग फंसे हुए हैं। श्रीलंका ने भारत को इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह दोनों देशों की मजबूत दोस्ती और सहयोग का उदाहरण है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर लिखा, 'हम ईरान में फंसे श्रीलंकाई नागरिकों की मदद करने के लिए भारत सरकार का दिल से धन्यवाद करते हैं।' इससे पहले, ईरान में भारतीय दूतावास ने कहा था कि वह नेपाल और श्रीलंका के निवासियों को भी निकालने में मदद करेगा, क्योंकि दोनों देशों ने भारत से यह अनुरोध किया था।

इस्राइल और ईरान में तमिलों की मदद के लिए दिल्ली में कंट्रोल रूम स्थापित
 तमिलनाडु सरकार ने इस्राइल और ईरान में फंसे तमिलों को सहायता प्रदान करने के लिए नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे भारतीय दूतावास के माध्यम से उन देशों में रहने वाले तमिलों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए तत्काल कदम उठाएं। शनिवार को राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार सहायता प्रदान करने के लिए नई दिल्ली स्थित तमिलनाडु हाउस में 24 घंटे का नियंत्रण कक्ष खोला गया है। इसका हेल्पलाइन नंबर: 011 24193300 और मोबाइल नंबर: 9289516712 और ईमेल: tnhouse@tn.gov.in, procofficetnh@gmail.com है। बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने पुनर्वास एवं अनिवासी तमिल कल्याण विभाग के अधिकारियों को दोनों देशों में रह रहे तमिलों के संपर्क में रहने का निर्देश दिया है, ताकि तमिल नागरिकों को कोई असुविधा न होने पाए।

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