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Viksit Bharat 2047: 'महिलाएं आज भारत की प्रगति की प्रेरक शक्ति बन चुकी हैं', राष्ट्रपति ने केरल की दी मिसाल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोच्चि Published by: पवन पांडेय Updated Fri, 24 Oct 2025 03:33 PM IST
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सार

Viksit Bharat 2047: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोच्चि में सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में महिलाओं की सक्रिय भूमिका सबसे अहम है। उन्होंने केरल को लैंगिक समानता का उदाहरण बताया और कहा कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना ही भारत की असली ताकत है।

Active participation of women necessary to achieve vision of Viksit Bharat by 2047: Prez
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू - फोटो : ANI
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विस्तार
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश तभी अपनी जनसंख्या शक्ति का पूरा लाभ उठा सकेगा, जब महिलाएं हर क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका निभाएं। राष्ट्रपति मुर्मू कोच्चि में सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाला समाज न केवल अधिक संवेदनशील होगा बल्कि अधिक दक्ष भी साबित होगा।
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महिलाओं की भागीदारी पर जोर
राष्ट्रपति मुर्मू ने बताया कि पिछले दस वर्षों में जेंडर बजट आवंटन साढ़े चार गुना बढ़ा है और महिला-नेतृत्व वाले एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) की संख्या 2011 से 2024 के बीच लगभग दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा, 'विकसित भारत 2047 के विजन को पूरा करने के प्रमुख स्तंभों में से एक है 70 प्रतिशत महिला कार्यबल की भागीदारी सुनिश्चित करना। कई सामाजिक और आर्थिक वर्गों की महिलाएं आज भारत की प्रगति की प्रेरक शक्ति बन चुकी हैं।'

राष्ट्रपति ने दी केरल की मिसाल
राष्ट्रपति ने कहा कि केरल का लैंगिक अनुपात देश में सबसे बेहतर है, और इसे अन्य राज्यों की तरफ से अपनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता से पहले ही केरल की महिलाओं ने देश के संविधान निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया था। उन्होंने बताया कि केरल की तीन महिलाएं- अम्मू स्वामीनाथन, एनी मास्करेन और दक्षायनी वेलायुधन- संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों में शामिल थीं। इन तीनों ने मौलिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता जैसे अहम मुद्दों पर गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने आगे कहा, 'जैसा कि अम्मू स्वामीनाथन ने कल्पना की थी, आज यह देखकर खुशी होती है कि भारतीय महिलाएं राष्ट्र-निर्माण में प्रमुख जिम्मेदारियां निभा रही हैं।"

केरल की अग्रणी महिला शख्सियतें
राष्ट्रपति ने केरल की उन महिलाओं का भी उल्लेख किया जिन्होंने देश के न्यायिक इतिहास में नई राहें खोलीं। उन्होंने कहा, 'भारत की पहली महिला हाई कोर्ट जज न्यायमूर्ति अन्ना चांडी थीं। वहीं न्यायमूर्ति एम. फातिमा बीवी ने 1989 में सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला जज बनकर इतिहास रचा।'

कॉलेज की सराहना 
राष्ट्रपति मुर्मू ने सेंट टेरेसा कॉलेज की छात्राओं को युवा, जीवंत और उभरते भारत का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि कॉलेज की पूर्व छात्राएं देश के विकास में सकारात्मक योगदान दे रही हैं। राष्ट्रपति ने कॉलेज की समुदाय सेवा पहलों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, 'यह जानकर खुशी हुई कि कॉलेज समुदाय सादगी से जीवन जीने और वंचितों की सेवा में विश्वास रखता है। बाढ़ राहत शिविरों में छात्राओं की निस्वार्थ सेवा वास्तव में प्रेरणादायक है।'

शिक्षा और सतत विकास पर जोर
इस दौरान राष्ट्रपति ने कॉलेज की तरफ से शुरू किए गए 'शिक्षा के माध्यम से स्थिरता, नेतृत्व और एजेंसी'- 'एसएलएटीई' (स्लेट) प्रोजेक्ट की सराहना की, जिसका उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से सतत विकास, नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस पहल से कॉलेज ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कॉलेज के 'रेडियो कोच्चि 90 एफएम' जैसे सामुदायिक संचार प्रयासों की भी तारीफ की, जो स्थानीय स्तर पर लोगों की भागीदारी बढ़ाने का माध्यम बने हैं।

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युवतियों के लिए राष्ट्रपति का संदेश
राष्ट्रपति ने छात्राओं से कहा कि वे अपने जीवन के फैसले साहस और स्पष्टता के साथ लें, और ऐसे रास्ते चुनें जो उनके जुनून और क्षमता को अभिव्यक्त करें। उन्होंने कहा, 'महिला नेतृत्व वाला समाज अधिक मानवीय और प्रभावी होता है। मुझे उम्मीद है कि आप सभी अपने कार्यक्षेत्रों में महिला-नेतृत्व वाले विकास की शक्ति को प्रदर्शित करेंगी।'
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