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AI Plane Crash: पीड़ित परिवारों के वकील की दलील, कहा- फ्लाइट के डाटा के आधार पर तय होंगे कानूनी उपाय

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वड़ोदरा Published by: बशु जैन Updated Fri, 08 Aug 2025 03:45 PM IST
सार

वकील माइक एंड्रयू ने कहा कि अगर दुर्घटना विमान में किसी खराबी से जुड़ी है जैसे कि एफएडीईसी (फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल) सिस्टम या थ्रॉटल कंट्रोल की समस्या तो अमेरिका में उत्पाद दायित्व का दावा दायर किया जा सकता है। वहीं अगर हादसे के लिए एअर इंडिया को जिम्मेदार ठहराया जाता है, तो दावे मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के अंतर्गत आएंगे।

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AI Plane Crash: Lawyer of victims' families argued, said- legal measures will be decided basis of flight data
वकील माइक एंड्रयू। - फोटो : ANI
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विस्तार
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अहमदाबाद विमान हादसे के पीड़ित परिवारों के वकील ने मृतकों के परिजनों को राहत देने के लिए कानूनी उपाय सुझाए हैं। उन्होंने कहा कि फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के आधार पर कानूनों की रूपरेखा तय की जाएगी। यह मामला या तो उत्पाद दायित्व से जुड़ा है या फिर मॉन्ट्रियल कन्वेंशन का हो सकता है। 
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वकील माइक एंड्रयू ने कहा कि अगर दुर्घटना विमान में किसी खराबी से जुड़ी है जैसे कि एफएडीईसी (फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल) सिस्टम या थ्रॉटल कंट्रोल की समस्या तो अमेरिका में उत्पाद दायित्व का दावा दायर किया जा सकता है। वहीं अगर हादसे के लिए एअर इंडिया को जिम्मेदार ठहराया जाता है, तो दावे मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के अंतर्गत आएंगे। उन्होंने कहा  कि कानूनी विकल्प इस बात पर निर्भर करेंगे कि फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर क्या बताते हैं?
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उन्होंने विमानन और उत्पाद सुरक्षा को लेकर कहा कि जनता सुरक्षित परिवहन की हकदार है। चाहे आप हवाई जहाज में उड़ान भरने वाले आम जनता हों या इस मामले के कुछ पीड़ितों की तरह जमीन पर, इमारत में। हमें सुरक्षित परिवहन पर भरोसा करने की जरूरत है। इसलिए मेरे जैसे वकील उत्पाद दायित्व की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि एफडीआर डिजिटल डाटा है और इसमें कंप्यूटर क्या कर रहे थे, इंजन क्या कर रहे थे, सॉफ्टवेयर में क्या इनपुट दिए जा रहे थे, इसका रिकॉर्ड होता है। इसलिए सभी को यह समझने के लिए कि यहां क्या हुआ, हमें उस पूर्ण, निष्पक्ष और सटीक रिकॉर्ड की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका में मुकदमे दायर करने के कई फायदे हैं। हमारी न्याय व्यवस्था ऐसी है कि अमेरिका में एक व्यक्ति किसी बहुराष्ट्रीय निगम के साथ समान स्तर पर खड़ा हो सकता है और जवाबदेही की मांग कर सकता है, जवाब मांग सकता है और उस निगम या कंपनी को उसके किए के लिए जवाबदेह ठहराने की मांग कर सकता है। हमें लगता है कि इस मामले में विमान अमेरिका में निर्मित किया गया था। इसलिए पीड़ितों के परिवारों, पीड़ितों को अमेरिका में उन दावों में अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए।

पायलटों पर दोष मढ़ना जल्दीबाजी
वकील माइक एंड्र्यू ने कहा कि पायलटों पर समय से पहले दोष मढ़ना ठीक नहीं है। यह विमान थ्रॉटल कंट्रोल खराबी प्रणाली से लैस है। दूसरे शब्दों में अगर विमान को लगता है कि थ्रॉटल में खराबी है, तो वह ईंधन वापस कर सकता है। यह इंजनों की शक्ति काट सकता है। हम जानते हैं कि 2019 में ऑल निप्पॉन मामले में लैंडिंग के समय एक 787 विमान के दोनों इंजन फेल हो गए थे, लेकिन विमान लैंडिंग करने में सक्षम था। इस मामले में दोनों इंजनों की शक्ति फेल होने और कंप्यूटर द्वारा उसे वापस डायल करने के बावजूद एक महत्वपूर्ण अंतर बना हुआ है। उन पायलटों को दोषी नहीं ठहराया गया क्योंकि वे अभी भी जीवित हैं। इस मामले में पायलटों को दोष देना बेहद अटकलबाजी और जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। हमें बस यह नहीं पता कि क्या हुआ। इसलिए डाटा जारी करना और भी महत्वपूर्ण है।

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पीड़ित परिवारों को मिले सम्मान
माइक एंड्रयू ने पीड़ित परिवारों के लिए सम्मान और पारदर्शिता की वकालत की। उन्होंने कहा कि जवाबदेही, जवाब खोजने और जिम्मेदार पक्षों की पहचान के लिए पारदर्शिता आवश्यक है। परिवार सम्मान और पारदर्शिता के हकदार हैं। उन्हें ठीक-ठीक पता होना चाहिए कि क्या हुआ था? आप उनके लिए लड़ रहे हैं। माइक एंड्रयू विमानन मुकदमेबाजी के विशेषज्ञ हैं। उन्हें नेशनल ट्रायल लॉयर्स एसोसिएशन द्वारा शीर्ष 10 विमानन वकीलों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। 

65 पीड़ित परिवारों ने अमेरिकी कानूनी फर्म की ली मदद, बोइंग पर केस की तैयारी
एअर इंडिया विमान हादसे में अपनों को खोने वाले भारत और ब्रिटेन के 65 से ज्यादा परिवारों ने अमेरिका की प्रमुख कानूनी फर्म बीस्ली एलेन की मदद ली है। इसके तहत फर्म के एविएशन अटॉर्नी माइक एंड्रयू भारत दौरे पर हैं। उन्होंने अहमदाबाद के मेघाणीनगर स्थित क्रैश साइट का दौरा किया और फिर वडोदरा में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। भारत आने पर एंड्रयू ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। वे वडोदरा के बाद सूरत और दीव जाएंगे, जहां अन्य पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे फिर अहमदाबाद लौटेंगे और कुछ और परिवारों से मिलने के बाद यूके रवाना होंगे।

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