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Ahmedabad Plane Crash: पायलट सुमित के पिता ने फिर से जांच की मांग की, बेटे की छवि खराब करने का लगाया आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 17 Sep 2025 05:31 PM IST
सार
अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वाले पायलट सुमित सभरवाल के पिता ने घटना की फिर से जांच करने की मांग की है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह विमान (दुर्घटनाओं और घटनाओं की जांच) नियम, 2017 के नियम 12 के तहत औपचारिक जांच कराए। इस नियम के तहत सरकार किसी बड़े हादसे की गहराई से जांच के लिए एएआईबी की जांच के साथ-साथ अलग से एक विशेष समिति गठित कर सकती है।
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एअर इंडिया विमान हादसा
- फोटो : ANI
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विस्तार
अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे की जांच रिपोर्ट से नाराज पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल के पिता ने केंद्र सरकार से औपचारिक जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि शुरुआती जांच (एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट) में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, जिससे उनके बेटे की छवि को नुकसान पहुंचा है। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एअर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर फ्लाइट (एआई171) उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गई थी। इस भीषण हादसे में 241 यात्रियों समेत कुल 260 लोगों की मौत हो गई थी।
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'अटकलें हमारे लिए बेहद तकलीफदेह हैं'
91 वर्षीय पुष्कराज सभरवाल ने नागरिक उड्डयन सचिव और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) प्रमुख को लिखे पत्र में कहा कि जांच रिपोर्ट के कुछ हिस्से मीडिया में लीक किए गए। इन लीक हुई जानकारियों से यह गलत संदेश गया कि उनका बेटा मानसिक दबाव में था और आत्महत्या की सोच रहा था। पुष्कराज ने कहा, 'ये अटकलें मेरे और मेरे परिवार के लिए बेहद तकलीफदेह हैं। इससे मेरे बेटे की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए हैं।'
बेटे के मानसिक स्वास्थ्य पर उठे सवालों को खारिज किया
पुष्कराज ने पत्र में उन दावों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि सुमित डिप्रेशन में थे। उन्होंने बताया कि सुमित का तलाक 15 साल पहले हुआ था और इसके बाद कभी कोई मानसिक समस्या नहीं हुई। उनकी मां का निधन तीन साल पहले हुआ था, लेकिन उसके बाद सुमित ने 100 से ज्यादा उड़ानें सुरक्षित तरीके से संचालित कीं। उन्होंने कहा, '25 साल के करियर में सुमीत का कोई भी ऐसा हादसा नहीं हुआ जिसमें जानमाल का नुकसान हुआ हो।' सुमित के पास 15,638 घंटे का उड़ान अनुभव था, जिनमें 8,596 घंटे 787-8 विमान पर थे। वे लाइन ट्रेनिंग कैप्टन भी थे और नए पायलटों को ट्रेनिंग देने का अधिकार रखते थे।
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प्रारंभिक रिपोर्ट पर सवाल
एएआईबी की 12 जुलाई को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया था कि टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट यह कहते हुए सुना गया कि, 'तुमने फ्यूल क्यों कट ऑफ किया?' इस पर दूसरा पायलट जवाब देता है कि उसने ऐसा नहीं किया। पुष्कराज ने इस रिपोर्ट को भ्रामक और अधूरी बताया। उनका कहना है कि रिपोर्ट में हादसे के असली कारणों की बजाय इशारों में पायलटों पर दोष मढ़ने की कोशिश की गई। विमान निर्माता कंपनियों को बचाने की कोशिश की गई और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की बातें लीक करके मीडिया में गलत धारणा फैलाई गई।
सुमित के पिता ने नियम 12 के तहत औपचारिक जांच की मांग है, फिलहाल नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एएआईबी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। एएआईबी ने पहले ही कहा था कि यह केवल प्रारंभिक रिपोर्ट है और अंतिम रिपोर्ट आने में समय लगेगा, जिसमें हादसे के असली कारण बताए जाएंगे। साथ ही लोगों से अफवाहें फैलाने से बचने की अपील की गई थी।
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'अटकलें हमारे लिए बेहद तकलीफदेह हैं'
91 वर्षीय पुष्कराज सभरवाल ने नागरिक उड्डयन सचिव और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) प्रमुख को लिखे पत्र में कहा कि जांच रिपोर्ट के कुछ हिस्से मीडिया में लीक किए गए। इन लीक हुई जानकारियों से यह गलत संदेश गया कि उनका बेटा मानसिक दबाव में था और आत्महत्या की सोच रहा था। पुष्कराज ने कहा, 'ये अटकलें मेरे और मेरे परिवार के लिए बेहद तकलीफदेह हैं। इससे मेरे बेटे की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए हैं।'
बेटे के मानसिक स्वास्थ्य पर उठे सवालों को खारिज किया
पुष्कराज ने पत्र में उन दावों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि सुमित डिप्रेशन में थे। उन्होंने बताया कि सुमित का तलाक 15 साल पहले हुआ था और इसके बाद कभी कोई मानसिक समस्या नहीं हुई। उनकी मां का निधन तीन साल पहले हुआ था, लेकिन उसके बाद सुमित ने 100 से ज्यादा उड़ानें सुरक्षित तरीके से संचालित कीं। उन्होंने कहा, '25 साल के करियर में सुमीत का कोई भी ऐसा हादसा नहीं हुआ जिसमें जानमाल का नुकसान हुआ हो।' सुमित के पास 15,638 घंटे का उड़ान अनुभव था, जिनमें 8,596 घंटे 787-8 विमान पर थे। वे लाइन ट्रेनिंग कैप्टन भी थे और नए पायलटों को ट्रेनिंग देने का अधिकार रखते थे।
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प्रारंभिक रिपोर्ट पर सवाल
एएआईबी की 12 जुलाई को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया था कि टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट यह कहते हुए सुना गया कि, 'तुमने फ्यूल क्यों कट ऑफ किया?' इस पर दूसरा पायलट जवाब देता है कि उसने ऐसा नहीं किया। पुष्कराज ने इस रिपोर्ट को भ्रामक और अधूरी बताया। उनका कहना है कि रिपोर्ट में हादसे के असली कारणों की बजाय इशारों में पायलटों पर दोष मढ़ने की कोशिश की गई। विमान निर्माता कंपनियों को बचाने की कोशिश की गई और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की बातें लीक करके मीडिया में गलत धारणा फैलाई गई।
सुमित के पिता ने नियम 12 के तहत औपचारिक जांच की मांग है, फिलहाल नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एएआईबी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। एएआईबी ने पहले ही कहा था कि यह केवल प्रारंभिक रिपोर्ट है और अंतिम रिपोर्ट आने में समय लगेगा, जिसमें हादसे के असली कारण बताए जाएंगे। साथ ही लोगों से अफवाहें फैलाने से बचने की अपील की गई थी।