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AI Plane Crash: 'पूरी पारदर्शिता और तथ्यों पर आधारित हो जांच', AAIB की रिपोर्ट पर पायलट संघ ने जताई नाराजगी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई। Published by: निर्मल कांत Updated Wed, 16 Jul 2025 08:15 PM IST
सार

AI Plane Crash: भारतीय पायलट संघ (एफआईपी) ने एअर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पूरी जांच से पहले किसी को दोषी ठहराना जल्दबाजी और गलत है। एफआईपी ने मीडिया और अधिकारियों से अपील की है कि वे अधूरी जानकारी और अटकलों से बचें। संघ ने निष्पक्ष और सबूतों पर आधारित जांच की मांग करते हुए पायलटों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता जताई है।

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AI plane crash report: Pilots body urges members not to lend credence to premature conclusions
एअर इंडिया विमान हादसे की तस्वीर - फोटो : पीटीआई (फाइल)
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विस्तार
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भारतीय पायलट संघ (एफआईपी) ने एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान हादसे पर जारी एएआईबी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर चिंता जताई है। एफआईपी का कहना है कि जब तक पूरी जांच पारदर्शिता और तथ्यों पर आधारित न हो, तब तक किसी पर दोष डालना जल्दबाजी और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है। एफआईपी ने बुधवार को दिए एक बयान में मीडिया, विश्लेषकों और संबंधित अधिकारियों से अपील की कि वे अधूरी जानकारी या अटकलें फैलाने से बचें।

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विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि 12 जून को हुए इस विमान हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरते ही इंजन के फ्यूल स्विच एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गए, जिससे कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।
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15 पन्नों की इस रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग का जिक्र करते हुए कहा गया कि एक पायलट ने पूछा कि स्विच क्यों बंद किया गया, जिस पर दूसरे पायलट ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया। एफआईपी अध्यक्ष सी एस रंधावा ने कहा कि उन्हें इस बात पर आपत्ति है कि जांच प्रक्रिया में पायलट प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया। साथ ही, रिपोर्ट को जिस तरह से सार्वजनिक किया गया और पेश किया गया, उस पर भी उन्होंने नाराजगी जताई।

भारतीय पायलट संघ ने कहा कि यह रिपोर्ट पूरी जानकारी नहीं देती और केवल कुछ हिस्सों के आधार पर पायलटों की योग्यता और ईमानदारी पर सवाल उठाती है, जो कि न तो निष्पक्ष है और न ही पूरी। एफआईपी ने अपने सदस्यों और आम जनता से अपील की है कि वे इस तरह की अधूरी और जल्दबाजी में निकाले निष्कर्षों पर भरोसा न करें। 

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बयान में कहा गया कि विमान हादसे जैसी गंभीर घटनाओं की जांच पूरी पारदर्शिता, ईमानदारी और तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए। जब तक पूरी जानकारी न हो, तब तक दोष तय करना अनुचित है। एफआईपी ने कहा कि इस तरह की अटकलें न केवल पेशेवर पायलटों की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि उनके परिवारों और साथियों के लिए भी मानसिक कष्ट का कारण बनती हैं। एफआईपी ने कहा कि वह विमान के चालक दल और उनके परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ा है और मांग करता है कि निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले निष्पक्ष और साक्ष्य आधारित जांच की जाए।

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