Air India Plane Crash: 'अटकलों पर नहीं, तथ्यों पर आधारित हो जांच...', AAIB की रिपोर्ट पर इंडियन पायलट्स गिल्ड
Air India Plane Crash: एअर इंडिया की उड़ान एआई171 के हादसे पर जारी प्राथमिक जांच रिपोर्ट की इंडियन पायलट्स गिल्ड ने आलोचना की और कहा है कि जांच पूरी तरह तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए। संगठन का कहना है कि रिपोर्ट में तकनीकी विवरण और कॉकपिट रिकॉर्ड न होने से अफवाहें फैल रही हैं। हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी।
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विस्तार
एअर इंडिया के पायलटों के संगठन इंडियन पायलट्स गिल्ड (आपीजी) ने 12 जून को एआई171 विमान हादसे पर जारी प्राथमिक रिपोर्ट की आलोचना की। संगठन ने कहा कि इस दुखद हादसे की जांच पूरी तरह तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए, न कि कयासों या सनसनी पर। आईपीजी की प्रबंध समिति ने अपने सदस्यों को भेजे एक संदेश में कहा कि इस रिपोर्ट में तकनीकी विवरण और कॉकपिट की बातचीत के रिकॉर्ड को शामिल नहीं किया गया है, जिससे मीडिया में गलत धारणाएं और अनावश्यक अटकलें फैलने का खतरा है।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की ओर से जारी प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक, उड़ान भरने के तुरंत बाद ही दोनों इंजन का फ्यूल स्विच अचानक बंद हो गया था, जिससे कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हुई। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें चालक दल के सदस्यों सहित 241 यात्री भी शामिल थे। एकमात्र यात्री इस हादसे में जीवित बचा था।
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15 पन्नों की इस रिपोर्ट में कॉकपिट की बातचीत के हवाले से बताया गया है कि एक पायलट ने पूछा कि फ्यूल स्विच क्यों बंद किया गया, जिस पर दूसरे पायलट ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया। आईपीजी ने कहा कि उन्हें जांच की जटिलता की जानकारी है, लेकिन इस रिपोर्ट में कई जरूरी तकनीकी पहलुओं और कॉकपिट कम्युनिकेशन की पूरी जानकारी नहीं दी गई है, जो कि इस हादसे की सच्चाई जानने में मदद कर सकती थी।
इस रिपोर्ट पर दो और पायलट संगठनों भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) और भारतीय विमान पायलट संघ (एएलपीए-इंडिया) ने भी आपत्ति जताई है। आईसीपीए एअर इंडिया के संकरे आकार वाले विमानों के पायलटों का संगठन है, जबकि एएलपीए-इंडिया अंतरराष्ट्रीय पायलट संगठन आईएफएएलपीए से जुड़ा हुआ है, जिसके 100 देशों में एक लाख से ज्यादा सदस्य हैं।
एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (एआई171) विमान अहमदाबाद से लंदन के गेटविक जा रहा था। विमान ने 1.39 पर टेकऑफ किया था, जिसमें 228 यात्री और चालक दल के 14 सदस्य सवार थे। उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों ने काम करना बंद कर दिया और विमान तेजी से नीचे गिरते हुए रनवे से करीब 1.2 नॉटिकल मील दूर एक मेडिकल छात्रावास से जा टकराया।
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आईपीजी का कहना है कि इस रिपोर्ट में दी गई अधूरी जानकारी पायलटों की पेशेवर छवि को नुकसान पहुंचा सकती है और इससे लोगों का भरोसा भी कमजोर होता है। संगठन ने कहा कि अधूरी और आधे-अधूरे तथ्यों के आधार पर की गई टिप्पणियां जिम्मेदार नहीं मानी जा सकतीं। गिल्ड ने मीडिया, सोशल मीडिया और सार्वजनिक टिप्पणी करने वालों से भी आग्रह किया कि वे संयम बरतें और जांच प्रक्रिया का सम्मान करें।
उसने यह भी कहा कि विमानन सुरक्षा की नींव पारदर्शिता और सटीक जानकारी पर आधारित होती है, न कि अटकलों पर। संगठन ने जांच एजेंसियों से आग्रह किया कि वे एक पूरी, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से मजबूत रिपोर्ट पेश करें। पायलट संगठन ने अंत में कहा कि वह अपने सहयोगियों की गरिमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
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