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Amar Ujala Batras: आधुनिक समय में बच्चों की परवरिश बड़ी चुनौती, सही पैरेंटिंग आसान या मुश्किल? देखें पॉडकास्ट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sat, 23 Aug 2025 08:11 PM IST
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अमर उजाला बतरस
- फोटो : Amar Ujala
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अमर उजाला बतरस एक और हफ्ते आम लोगों की जिंदगी से जुड़े अहम मुद्दे के साथ हाजिर है। इस हफ्ते पॉडकास्ट में चर्चा हुई पैरेंटिंग यानी परवरिश की चुनौतियों को लेकर। दरअसल, बदलते और आधुनिक होते जमाने के साथ बच्चों के आसपास का माहौल और उनकी परवरिश लगातार बदल रही है। ऐसे में माता-पिता और अभिभावकों के सामने नई-नई चुनौतियां आ रही हैं। एंकर नंदिता कुदेशिया ने इस हफ्ते बतरस में इन्हीं चुनौतियों को लेकर दो विशेषज्ञों से बात की और जाना कि आखिर पैरेंट्स इनसे निपटने के लिए क्या कर सकते हैं।
इस पूरे पॉडकास्ट को आप शनिवार रात आठ बजे अमर उजाला के सभी सोशल मीडिया हैंडल्स पर सुन सकते हैं।
नंदिता कुदेशिया ने अमर उजाला के स्टूडियो में जिन दो विशेषज्ञों से चर्चा की, उनमें चाइल्ड काउंसलर गीतिका कपूर और IAAN स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन की डीन वंदना सिंह शामिल रहीं। दोनों ही विशेषज्ञों ने कई अहम सवालों के जवाब दिए। मसलन- Gen Z किड्स को संभालना क्यों मुश्किल है? क्या पैरेंट्स सही तरीके से अपने बच्चों को पाल रहे हैं? परवरिश में क्या गलतियां आम हैं, जो मां-बाप को नहीं करनी चाहिए।
बतरस में विशेषज्ञों ने न सिर्फ इन सवालों के जवाब दिए, बल्कि यह भी बताया कि पैरेंटिंग के विषय को समझा कैसे जा सकता है। परवरिश का तरीका कितना बदल गया है। माता-पिता को अपने में कितना बदलाव की आवश्यकता है। मां-बाप के लिए संशय जैसी स्थिति ज्यादा रहती है तो ऐसे में वे क्या कर सकते हैं।
बातचीत के दौरान विशेषज्ञों ने दो और अहम सवालों के जवाब दिए। पहली- क्या बच्चों के लिए अभिभावकों को दोस्त बनके रहना चाहिए? दूसरी- बच्चों की बोरियत दूर करना मां-बाप की जिम्मेदारी है या नहीं और स्कूल में काउंसलर्स की कितनी आवश्यकता होती है।

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इस पूरे पॉडकास्ट को आप शनिवार रात आठ बजे अमर उजाला के सभी सोशल मीडिया हैंडल्स पर सुन सकते हैं।
नंदिता कुदेशिया ने अमर उजाला के स्टूडियो में जिन दो विशेषज्ञों से चर्चा की, उनमें चाइल्ड काउंसलर गीतिका कपूर और IAAN स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन की डीन वंदना सिंह शामिल रहीं। दोनों ही विशेषज्ञों ने कई अहम सवालों के जवाब दिए। मसलन- Gen Z किड्स को संभालना क्यों मुश्किल है? क्या पैरेंट्स सही तरीके से अपने बच्चों को पाल रहे हैं? परवरिश में क्या गलतियां आम हैं, जो मां-बाप को नहीं करनी चाहिए।
बतरस में विशेषज्ञों ने न सिर्फ इन सवालों के जवाब दिए, बल्कि यह भी बताया कि पैरेंटिंग के विषय को समझा कैसे जा सकता है। परवरिश का तरीका कितना बदल गया है। माता-पिता को अपने में कितना बदलाव की आवश्यकता है। मां-बाप के लिए संशय जैसी स्थिति ज्यादा रहती है तो ऐसे में वे क्या कर सकते हैं।
बातचीत के दौरान विशेषज्ञों ने दो और अहम सवालों के जवाब दिए। पहली- क्या बच्चों के लिए अभिभावकों को दोस्त बनके रहना चाहिए? दूसरी- बच्चों की बोरियत दूर करना मां-बाप की जिम्मेदारी है या नहीं और स्कूल में काउंसलर्स की कितनी आवश्यकता होती है।