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गर्व की बात: अमेरिका ने माना लोहा, इसरो से मांगी थी चंद्रयान-3 की तकनीक, इसरो प्रमुख बोले-अब समय बदल गया

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रामेश्वरम Published by: यशोधन शर्मा Updated Mon, 16 Oct 2023 04:56 AM IST
सार

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 92वीं जयंती पर उनके नाम से बनी फाउंडेशन के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आए विद्यार्थियों को सोमनाथ ने चंद्रयान व भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति की रोचक जानकारियां दीं। 

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America asked Chandrayaan-3 technology from ISRO, ISRO chief said now times have changed
इसरो के नए प्रमुख एस सोमनाथ - फोटो : विकीपीडिया
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विस्तार
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अमेरिका की रॉकेट वैज्ञानिकों की टीम ने भारत से चंद्रयान 3 की तकनीक व उपकरण साझा करने का निवेदन किया था। यह खुलासा इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने रविवार को किया। उन्होंने कहा कि दुनिया आज भारत के रॉकेट और अंतरिक्ष में उपयोगी उपकरणों व तकनीक की सराहना कर रही है। इसे और तेजी देने के मकसद से पीएम नरेंद्र मोदी ने निजी क्षेत्र के लिए भी अंतरिक्ष क्षेत्र को खोल दिया है।

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पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 92वीं जयंती पर उनके नाम से बनी फाउंडेशन के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आए विद्यार्थियों को सोमनाथ ने चंद्रयान व भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति की रोचक जानकारियां दीं। उन्होंने बताया, चंद्रयान 3 के डिजाइन व विकास के समय इसरो के आमंत्रण पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की जेट प्रोपल्शन लैब (जेपीएल) के 5-6 विशेषज्ञ इसरो मुख्यालय आए थे। 
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उन्हें भारतीय इंजीनियरों के बनाए मिशन चंद्रयान 3, इसके डिजाइन, सॉफ्ट लैंडिंग, विभिन्न उपकरणों आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। इसे जानने के बाद उन्होंने कहा था ‘हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते, सब कुछ अच्छा होगा।’ फिर पूछने लगे, ‘इस मिशन में शामिल वैज्ञानिक उपकरण बेहद किफायत से बनाए गए हैं। 

इन्हें आसानी से बनाया जा सकता है, लेकिन यह उच्च श्रेणी की तकनीकों पर आधारित हैं। आपने इन्हें कैसे बनाया? आप इसे अमेरिका को क्यों नहीं बेचते?’ यह प्रसंग सुनाते हुए सोमनाथ ने कहा, हमारा देश आज एक शक्तिशाली देश है। हमारा ज्ञान और बौद्धिकता का स्तर दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। इसरो प्रमुख ने पूर्व राष्ट्रपति और प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर रविवार को रामेश्वरम मैराथन को झंडी दिखाकर रवाना किया। मैराथन में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए।

आज 5 भारतीय कंपनियां रॉकेट-उपग्रह बना रहीं
सोमनाथ ने कहा, आप देख सकते हैं कि समय बदल गया है। हम भारत में सर्वोत्कृष्ट उपकरण, औजार, रॉकेट बनाने की क्षमता रखते हैं। इसी वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र को सभी के लिए खोल दिया है। चेन्नई में अग्निकुल और हैदराबाद में स्कायरूट सहित कम से कम 5 भारतीय कंपनियां आज रॉकेट व उपग्रह बना रही हैं।

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम को पीएम ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रख्यात वैज्ञानिक एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर रविवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने लिखा, 'पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर उन्हें हृदय से श्रद्धांजलि। राष्ट्र निर्माण में उनके अद्वितीय योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। 

चंद्रयान-10 में भारतीय को चंद्रमा पर उतारने का सपना देखें
सोमनाथ ने डॉ. कलाम के शब्दों में विद्यार्थियों से कहा, सपने जागते हुए देखें, रात में नहीं। उन्होंने बताया, चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद पीएम मोदी ने उसने पूछा था कि हम चंद्रमा पर किसी भारतीय को कब उतार सकते हैं? उन्होंने कहा, हो सकता है यह काम इस कार्यक्रम में आए विद्यार्थी करें। 

हो सकता है कि आप में से कुछ चंद्रमा पर जाने के लिए रॉकेट का डिजाइन बनाएं, शायद चंद्रयान 10 के रॉकेट में भी आप में से ही कोई बैठे। उस यान में महिला अंतरिक्ष यात्री भी हो सकती है, वह भारत द्वारा चंद्रमा पर पहली बार उतारी गई महिला बन सकती है।

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