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सीडीएस की नियुक्ति: गाइडलाइन तय होने के बाद ही होगा फैसला, सेना के तीनों अंगों के रिटायर प्रमुखों को भी सौंपा जा सकता है पद

Gunjan Kumar Gunjan Kumar
Updated Thu, 10 Feb 2022 03:07 AM IST
सार

शीर्ष पदों पर तैनात सूत्रों के मुताबिक इस गाइडलाइन को कैबिनेट की हरी झंडी के बाद ही नए नाम पर फैसला होगा। पांच राज्यों में हो रहे चुनाव के बाद इस मामले में ठोस प्रगति की संभावना जताई जा रही है।

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Appointment of CDS decision will be taken after guidelines are decided post can also be assigned to the retired chiefs of the three wings of the army
नए सीडीएस की नियुक्ति गाइडलाइन तय होने के बाद। (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : ANI
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विस्तार
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देश के नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति इस संबंध में बन रही गाइडलाइन तय होने के बाद होगा। पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत को यह पद सीधे प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के स्तर पर विचार विमर्श के बाद दिया गया था। गाइडलाइन के तहत तीनों सेनाओं के सेवारत प्रमुखों के साथ-साथ सेवानिवृत्त हो चुके जनरल, एयर चीफ मार्शल और एडमिरल की नियुक्ति पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

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शीर्ष पदों पर तैनात सूत्रों के मुताबिक इस गाइडलाइन को कैबिनेट की हरी झंडी के बाद ही नए नाम पर फैसला होगा। पांच राज्यों में हो रहे चुनाव के बाद इस मामले में ठोस प्रगति की संभावना जताई जा रही है। 18 दिसंबर 2021 को देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत की अकस्मात मृत्यु के बाद सरकार ने इस पद की नियुक्ति के लिए एक ठोस गाइडलाइन बनाने का फैसला किया है। 15 अगस्त 2000 को पीएम नरेंद्र मोदी की लाल किले से सीडीएस के गठन की घोषणा के बाद इस पद के कामकाज, अधिकार और नव गठित डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर (डीएमए) से संबंधित नियम तो बने लेकिन इनकी नियुक्ति को लेकर कोई ठोस गाइडलाइन नहीं बन पाई।
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गौरतलब है कि जनरल रावत के 31 दिसंबर 2019 को अपने 62 साल पूरा करने के बाद जनरल एमएम नरवणे को सेना प्रमुख बनाया गया। उसी दिन सरकार ने रावत को सीडीएस बनाने की घोषणा कर दी थी। अगले दिन एक दिसंबर 2000 को उन्होंने देश के पहले सीडीएस के पद ग्रहण किया था।

कई तकनीकी मुश्किलें
सूत्रों के मुताबिक, दो महीने पहले सरकार के सामने अचानक नए सीडीएस के चुनाव को लेकर कई तकनीकी मुश्किलें सामने आई। अगर सरकार तीनों सेनाओं के मौजूदा प्रमुख को सीडीएस बनाती है तो उस अंग के प्रमुख और नीचे की शृंखला के सैन्य अधिकारियों की नियुक्ति पर कई पॉलिसी संबंधित सवाल भी खड़े हुए। सरकार को लगता है कि सेवारत प्रमुखों के साथ हाल में रिटायर हुए प्रमुखों पर भी सीडीएस पद के लिए विचार करना चाहिए। इसके लिए सैन्य क्षमता बढ़ाने के उपाय सुझाने के लिए गठित शेतकर कमेटी की रिपोर्ट का भी मार्गदर्शन के तौर पर इस्तेमाल जारी है। लेकिन सेना का एक बड़ा तबका पहले तीन सीडीएस थल सेना से ही बनाने पर जो दे रहा है। जबकि सरकार का मानना है कि वायुसेना और जल सेना के सेवारत और रिटायर अधिकारियों को भी पहली पंक्ति में ही रखा जाना चाहिए।

अभी नरवणे सबसे प्रबल दावेदार
फिलहाल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे सीडीएस पद के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वह सेवारत तीनों प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ हैं और 30 अप्रैल को 62 साल की उम्र में रिटायर हो रहे हैं। उनके पास सीडीएस पद के लिए पूरे तीन साल होंगे। सरकार ने 15 दिसंबर को इन्हें चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन बना कर इसका पहला संकेत दे भी दिया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसे अंतिम फैसला नहीं माना जा सकता। हाल में सेवानिवृत्त हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल करमवीर सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी सूची में शामिल हैं।

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