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दौरा: LAC पर चीन की नई चाल के बीच सेना प्रमुख नरवणे की लद्दाख यात्रा, मौजूदा सुरक्षा हालात का लिया जायजा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Fri, 01 Oct 2021 08:55 AM IST
सार
चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत को उकसाने वाली हरकतें करके बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, भारत ने इस बार करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि भारत भी अपनी सरहदों की हिफाजत करना जानता है और हम अपने हर हित की सुरक्षा के लिए तैयार हैं।
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जनरल एमएम नरवणे
- फोटो : ANI
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विस्तार
एलएसी पर सुरक्षा हालात जानने के लिए सेना प्रमुख एमएम नरवणे दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को लेह पहुंचे। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में अग्रिम इलाकों का दौरान कर सुरक्षा तैयारियों की जानकारी ली। विषम परिस्थितियों में सीमा की सुरक्षा में डटे जवानों का हौसला भी बढ़ाया। दुश्मन की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने की हिदायत दी। नरवणे का दौरा चीन के साथ लगातार सीमा पर चल रहे विवाद के बीच है। दोनों देशों ने अपनी सेनाओं को अग्रिम इलाके में तैनात है।
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लद्दाख में एलएसी पर सुरक्षा हालात जानने के लिए सेना अध्यक्ष ने अग्रिम इलाकों का दौरा किया। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से सुरक्षा परिदृश्य की जानकारी लेने के बाद उन्होंने जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला भी बढ़ाया। नरवणे ने एलएसी पर किसी भी चुनौती से निपटने की तैयारियां जांचीं। सेना अध्यक्ष ने जवानों के ऊंचे मनोबल को सराहते हुए कहा कि सेना की ऑपरेशनल तैयारी को प्राथमिकता से बनाए रखें। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में रेजंगला युद्ध स्मारक पर पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
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सेना प्रमुख का यह दौरा अहम
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन की ओर से दबाव बनाए जाने के बीच थल सेना प्रमुख एमएम नरवणे का यह दौरा अहम माना जा रहा है। इससे पहले अप्रैल महीने में सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्रों का दौरा कर ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया था। इस दौरान सेना प्रमुख ने नरवणे ने सैनिकों से बात की और कठिन इलाकों, ऊंचाई और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी तैनाती के दौरान ऊंचे मनोबल बनाए रखने और देशभक्ति का जज्बा जगाए रखने के लिए सैनिकों की तारीफ की थी।
दोनों देशों के बीच हिंसक झड़पें
पिछले साल कोरोना महामारी के वक्त ही चीन ने पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई जगह घुसपैठ की कोशिश की थी जिसके बाद दोनों देशों में हालात तनावपूर्ण हो गए थे। अप्रैल महीने के आखिर और मई की शुरुआत में चीन की पीएलए सेना ने गलवान घाटी में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी थी। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच फायरिंग और हिंसक-झड़पें भी हुई थीं। इसमें चीन के करीब 20 सैनिकों की मौत होने की खबर आई थी। हालांकि, कुछ भारतीय जवान भी शहीद हो गए थे।