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Emergency: ‘आपातकाल को छोड़ दें तो हमेशा उत्तम रहा है संसद का कार्यकाल’, धनखड़ बोले- लोकतंत्र की भावना पर आघात
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विशांत श्रीवास्तव
Updated Sun, 28 Jul 2024 05:36 AM IST
सार
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि आपातकाल को छोड़कर सदन में सदस्यों ने हमेशा ही अच्छा व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि आपातकाल एक काला अध्याय था।
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Jagdeep Dhankhar
- फोटो : ANI
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विस्तार
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद सदस्यों ने हमेशा से ही जनता के समर्थन में अपना आचरण और कार्य किया है। हर समय, हर दौर में उन्होंने राष्ट्र के विकास में योगदान दिया है। केवल एक ही काला दौर रहा है जब आपातकाल की घोषणा की गई थी। अगर आपातकाल को छोड़ दें तो हमारा कार्यकाल कमोबेश उत्तम रहा है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ राज्यसभा के नए सांसदों के ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपातकाल के समय हमारा संविधान एक कागज बनकर रह गया था। इसे टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया और देश के नेताओं को जेल में डाल दिया गया। आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (मीसा) एक निष्ठुर शब्द बन गया। देश के वरिष्ठ राजनेताओं में से एक लालू प्रसाद यादव तो आपातकाल के अत्याचारों से इतने द्रवित हुए कि उन्होंने अपनी नवजात बच्ची का ही मीसा रखा। यह बच्ची अब दूसरे सदन में सदस्य है।
नखड़ ने कहा कि राजनीतिक मुद्दा उठाने के लिए सदन की कार्यवाही के दौरान अमर्यादित व्यवहार करना लोकतंत्र की भावना पर आघात है। संसद सांविधानिक मूल्यों और स्वतंत्रता का केंद्र बिंदु रही है। लेकिन अब स्थिति चिंताजनक है। अमर्यादित व्यवहार को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो लोकतंत्र की भावना पर आघात है।
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नखड़ ने कहा कि राजनीतिक मुद्दा उठाने के लिए सदन की कार्यवाही के दौरान अमर्यादित व्यवहार करना लोकतंत्र की भावना पर आघात है। संसद सांविधानिक मूल्यों और स्वतंत्रता का केंद्र बिंदु रही है। लेकिन अब स्थिति चिंताजनक है। अमर्यादित व्यवहार को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो लोकतंत्र की भावना पर आघात है।