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Karnataka: गन्ना किसानों को मिले ₹3,500 प्रति टन का दाम; बोम्मई ने सीएम सिद्धारमैया से हस्तक्षेप की मांग की
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेलगावी
Published by: शिवम गर्ग
Updated Wed, 05 Nov 2025 03:23 PM IST
सार
पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से अपील की है कि गन्ना किसानों को ₹3,500 प्रति टन का दाम दिलाया जाए। उत्तर कर्नाटक में किसानों का आंदोलन सातवें दिन भी जारी है।
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बसवराज बोम्मई, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री
- फोटो : ANI/Sansad TV
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विस्तार
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से अपील की है कि वे तुरंत हस्तक्षेप करें और राज्य के गन्ना किसानों को ₹3,500 प्रति टन का भाव सुनिश्चित करें। बोम्मई ने कहा कि किसानों की यह मांग पूरी तरह वाजिब है और सरकार को इसे लेकर स्पष्ट निर्णय लेना चाहिए।
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'राज्य सरकार ₹200 प्रति टन की सब्सिडी दे'
बोम्मई ने सुझाव दिया कि शुगर फैक्ट्रियां ₹3,300 प्रति टन का भुगतान करें और राज्य सरकार ₹200 प्रति टन की सब्सिडी दे, ताकि किसानों को वांछित दर ₹3,500 प्रति टन मिल सके। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कई मंत्री खुद शक्कर उद्योग से जुड़े हुए हैं, जिसके कारण किसानों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
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किसानों का आंदोलन सातवें दिन भी जारी
उत्तर कर्नाटक के बेलगावी, बागलकोट, हावेरी और आसपास के जिलों में किसानों का आंदोलन सातवें दिन भी जारी है। किसान संगठन, छात्र और विपक्षी दल भाजपा इस आंदोलन के समर्थन में उतर आए हैं। मंगलवार को किसानों ने बेलगावी क्षेत्र की कई मुख्य सड़कों को अवरुद्ध किया था। बोम्मई ने कहा मैंने पहले भी मुख्यमंत्री से गन्ने का भाव ₹3,500 प्रति टन तय करने का अनुरोध किया था, लेकिन वे किसानों की समस्याओं से ज्यादा राजनीतिक समीकरणों में व्यस्त हैं। किसानों की परेशानी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
राज्य सरकार के पास अधिकार कि वह गन्ने की कीमत तय करे
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार हर साल एफआरपी तय करती है, लेकिन शुगर फैक्ट्रियां इथेनॉल और बिजली जैसी उप-उत्पादों से अतिरिक्त कमाई करती हैं। इसलिए वे किसानों को उचित मूल्य देने में सक्षम हैं। बोम्मई ने कहा कि राज्य सरकार के पास कानूनन यह अधिकार है कि वह गन्ने की कीमत तय करे। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार को फैक्ट्री मालिकों से चर्चा कर तुरंत ₹3,500 प्रति टन की दर तय करनी चाहिए, अन्यथा किसानों पर गंभीर असर पड़ेगा, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
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किसानों के साथ खड़ी
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि महाराष्ट्र की तरह कर्नाटक की शुगर फैक्ट्रियों को भी बिजली उत्पादन के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट करने चाहिए, ताकि उन्हें ₹5.5 प्रति यूनिट की दर से बिजली बेचने की अनुमति मिले। इससे मिलने वाली अतिरिक्त आय से फैक्ट्रियां किसानों को बेहतर दाम दे सकेंगी। बोम्मई ने कहा कि भाजपा हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही है। उन्होंने बताया कि राज्य भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र खुद आंदोलन में शामिल होकर किसानों के समर्थन में खड़े हैं। बोम्मई ने कहा सरकार को सिर्फ भाव तय नहीं करना चाहिए, बल्कि गन्ना पेराई शुरू करने की प्रक्रिया भी जल्द से जल्द शुरू करनी चाहिए, ताकि किसानों को राहत मिल सके।