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Vote Chori: राहुल ने मतदान से 24 घंटे पहले बिहार में वोट चोरी की जताई आशंका, इन आरोपों का चुनाव पर पड़ेगा?
सार
भाजपा ने कांग्रेस नेता के आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन राहुल ने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है जब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक दिन बाद ही मतदान होना है। मतदान से ठीक 24 घंटे पहले ये आरोप लगाकर राहुल गांधी क्या संदेश देना चाहते हैं? उनके इन आरोपों का बिहार चुनाव पर क्या असर पड़ सकता है?
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राहुल गांधी की वोट चोरी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस।
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
बिहार में पहले चरण के मतदान से ठीक पहले राहुल गांधी ने एक बार फिर 'वोट चोरी' का मुद्दा उठाया है। अपनी एच फाइल्स के जरिए उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारी गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के जीतने की पूरी संभावना थी, लेकिन मतदाता सूची में गड़बड़ी कर चुनाव परिणाम को बदल दिया गया। भाजपा ने कांग्रेस नेता के आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन राहुल ने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है जब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक दिन बाद ही मतदान होना है। मतदान से ठीक 24 घंटे पहले ये आरोप लगाकर राहुल गांधी क्या संदेश देना चाहते हैं? उनके इन आरोपों का बिहार चुनाव पर क्या असर पड़ सकता है?
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राहुल गांधी ने ये आरोप हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों के परिणाम पर लगाए हैं। हर बार उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ी होने की बात कही है। लेकिन महत्त्वपूर्ण बात यह है कि कुछ ही समय पहले जब बिहार में मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जा रहा था, तो कांग्रेस ने उसमें गड़बड़ी की कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई। चुनाव आयोग ने संशोधित मतदाता सूची जारी करने के समय भी कहा कि यदि किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति को सूची में कोई गड़बड़ी मिलती है तो वह इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। लेकिन भाजपा-कांग्रेस सहित किसी भी बड़े राजनीतिक दल ने संशोधित मतदाता सूची में गड़बड़ी की कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। चुनाव आयोग ने बिहार की मतदाता सूची से करीब 65 लाख नामों को हटाया है, जबकि कुछ छोटे राजनीतिक दलों ने बहुत सीमित संख्या में नामों को जुड़वाने की अपील की है। ऐसे में क्या चुनाव आयोग का पक्ष ही सही नहीं साबित होता है।
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अब राहुल गांधी ने कुछ मतदाताओं को सामने लाकर उनके नाम सूची से कटने की बात कही है। मतदाता सूची में पुनरीक्षण का कार्य भाजपा-कांग्रेस और राजद जैसे राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के सहारे ही किया जा रहा था। उनके कार्यकर्ता मतदाता सूची में गड़बड़ी का सवाल पैदा कर उसे ठीक कराने में मदद कर सकते थे। लेकिन किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता ने इसके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज क्यों नहीं कराई। क्या राहुल गांधी एक बार फिर बिहार चुनाव के बाद इसी तरह के आरोप लगाएंगे और चुनाव परिणामों में गड़बड़ी की बात करेंगे?
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चुनाव आयोग पर सवाल उठाना कितना सही
राहुल गांधी ने इसके पहले भी हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में वोट चोरी किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए यह बताने की कोशिश की थी कि मतदाता सूची में गड़बड़ी कर चुनाव परिणाम को प्रभावित किए जाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन राहुल गांधी के वे सभी आरोप उन्हीं आंकड़ों पर आधारित थे जिसे चुनाव आयोग ने स्वयं लोगों को उपलब्ध कराया था। ये आंकड़े चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध थे। कांग्रेस नेता ने उन्हीं आंकड़ों को उठाते हुए चुनाव आयोग को घेरने की कोशिश की थी।
चुनाव आयोग को था अपनी जिम्मेदारी का एहसास
लेकिन चुनाव आयोग द्वारा इस तरह की समस्या की जानकारी देना स्वयं यह बताता है कि संवैधानिक संस्था इस समस्या से पूरी तरह परिचित थी। यह भी माना जा सकता है कि इस गड़बड़ी को रोकने के लिए वह काम भी कर रही होगी क्योंकि चुनाव आयोग के रूप में यही उसका मूल कार्य है कि वह साफ-स्वच्छ मतदान कराए और इसके लिए मतदाता सूची का साफ होना आवश्यक है। यदि चुनाव आयोग अपनी इन जिम्मेदारियों से परिचित था और स्वयं इसकी जानकारी दे रहा था तो ऐसे में राहुल गांधी के द्वारा चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करना कितना सही कहा जा सकता है?
किरेन रिजिजू ने दिया जवाब
भाजपा ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि किसी बूथ पर वोटिंग के दौरान सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता एजेंट के तौर पर तैनात रहते हैं। वे अपने बूथ पर किसी भी बोगस वोटिंग को रोकने का काम करते हैं। जैसा कि राहुल गांधी आरोप लगा रहे हैं, यदि किसी बूथ पर फर्जी वोटिंग हो रही थी तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ऐसी कोई गड़बड़ी की शिकायत दर्ज क्यों नहीं कराई। उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस यह कहना चाहती है कि वह बूथों पर अपने एजेंट नहीं खड़े कर पाई।
फर्जी वोटिंग रोकने के लिए कई प्रावधान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मतदान में गड़बड़ी को रोकने के लिए कई स्तर पर उपाय होते हैं। पहले तो विभिन्न दलों के बूथ एजेंट बूथ पर ही गलत वोट नहीं डालने देते। यदि किसी गड़बड़ी के कारण गलत वोट पड़ भी जाता है तो उसके खिलाफ चुनाव आयोग में अपील की जा सकती है। यदि वहां भी शंका का समाधान न हो तो कोई भी राजनीतिक दल अदालतों का रुख कर चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर सकता है। अदालतों ने कई बार चुनावों को रद्द कर दुबारा चुनाव कराने का आदेश दिया है। चुनाव आयोग भी कई बार बूथों पर दुबारा वोटिंग कराने का आदेश देता है।
कांग्रेस ने दुबारा चुनाव की मांग क्यों नहीं की- भाजपा
भाजपा प्रवक्ता एसएन सिंह ने अमर उजाला से कहा कि राहुल गांधी हमेशा बेसिर पैर की बात करते हैं। वे केवल आरोप लगाकर भाग जाना चाहते हैं जिससे उनके ऊपर हार का ठीकरा न फूटे। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को लगता है कि हरियाणा चुनाव में कोई गड़बड़ी हुई तो उन्होंने चुनाव के दौरान ही इस पर कोई सवाल क्यों नहीं उठाया। यदि चुनाव में कोई गड़बड़ी हुई तो वे अदालत क्यों नहीं गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता की यह आदत लोकतंत्र को कमजोर करने वाली है।
बिहार पर कोई असर नहीं
एसएन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के दावे का बिहार चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसका सबसे बड़ा कारण है कि यदि बिहार के किसी असली मतदाता का नाम मतदाता सूची से कटता तो वह इस पर प्रतिक्रिया देता। लेकिन बिहार में मतदाता सूची को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस का महत्त्व मीडिया के बीच तो है, लेकिन बिहार की जनता इस मुद्दे का सच जानती है क्योंकि किसी भी सही आदमी का नाम मतदाता सूची से नहीं कटा है और इस कारण बिहार चुनाव पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।