Seat Ka Samikaran: एक चेहरे को बेलागंज ने आठ बार चुना और किसी को नहीं दिया दूसरा मौका, ऐसा है चुनावी इतिहास
बिहार की विधानसभा सीटों से जुड़ी खास सीरीज ‘सीट का समीकरण’ में आज बात बेलागंज सीट की करेंगे। इस सीट पर मौजूदा समय में जदयू की मनोरमा देवी विधायक हैं।

विस्तार
बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच बिहार में चुनाव से पहले ही सियासी हलचल देखने को मिल रही है। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। इस सियासी हलचल के बीच अमर उजाला की खास सीरीज ‘सीट का समीकरण’ में आज बेलागंज सीट की बात करेंगे। इस सीट पिछले 10 चुनाव में से आठ चुनाव सुरेंद्र प्रसाद यादव के नाम रहे हैं।

बिहार के 38 जिलों में से एक जिला गया भी है। गया जिला चार अनुमंडल और 24 ब्लॉक में बंटा है। जिले में दस विधानसभा सीटें हैं। इनमें गरुआ, शेरघाटी, इमामगंज (एससी), बाराचट्टी (एससी), बोधगया (एससी) ,गया टाउन, टिकारी, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज शामिल हैं। आज सीट का समीकरण में बेलागंज सीट की बात करेंगे। यह सीट पहली बार 1962 में अस्तित्व में आई।
1962: कांग्रेस को मिली जीत
1962 के चुनाव में कांग्रेस के रामेश्वर मांझी ने 6,189 वोट से जीत दर्ज की। वहीं सोशलिस्ट पार्टी की भगवती देवी दूसरे नंबर पर रहीं। रामेश्वर मांझी को कुल 13,233 वोट मिले। भगवती देवी को 7,044 वोट मिले।
1967: संसोपा को मिली जीत
1967 के चुनाव में संसोपा के एस.एन सिन्हा को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के एमपी सिंह को 2,631 वोट से हराया। एस.एम सिन्हा को कुल 15,709 वोट मिले। वहीं, एमपी सिंह को 13,078 वोट मिले।
1969: कांग्रेस को मिली जीत
1969 में बेलागंज सीट से कांग्रेस की जीत मिली। इस चुनाव कांग्रेस के मिथलेश्वर प्रसाद सिंह ने शोषित दल के रामेश्वरम प्रसाद यादव को 2,701 वोट से हराया। मिथलेश्वर प्रसाद यादव को 15,303 वोट मिले। वहीं, रामेश्वरम प्रसाद को 12,602 वोट मिले। इस चुनाव में तत्कालीन विधायक तीसरे नंबर पर रहे।
1972: कांग्रेस (ओ) को मिली जीत
1972 के चुनाव में कांग्रेस (ओ) के जितेंद्र प्रसाद सिंह ने 22,987 वोट से जीत दर्ज की। वहीं हिंदुस्तान शोषित दल के रामेश्वरम प्रसाद यादव दूसरे स्थान पर रहे। जितेंद्र प्रसाद को 38,193 वोट मिले। रामेश्वरम प्रसाद यादव को 15,206 वोट से संतोष करना पड़ा।
1977: जनता दल को मिली जीत
1977 के चुनाव में बेलागंज सीट से जनता पार्टी के शंभू प्रसाद सिंह को जीत मिली। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार रामेश्वरम प्रसाद को 12,172 वोट से हराया। शंभू प्रसाद को 31,035 वोट मिले। वहीं रामेश्वरम प्रसाद को 18,863 वोट मिले।
1980: कांग्रेस को मिली जीत
1980 के चुनाव में कांग्रेस (यू) के शत्रुघ्न शरण सिंह ने 2,515 वोट से जीत हासिल की। वहीं, दूसरे नंबर निर्दलीय उम्मीदवार महेश प्रसाद यादव रहे। शत्रुघ्न शरण को 29,847 और महेश प्रसाद को 27,332 वोट मिले।
1985: अभीराम को मिली जीत
1985 के चुनाव में कांग्रेस के अभी राम शर्मा को 63,142 वोट से जीत मिली। वहीं, दूसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार शियो बच्चन कुमार सिंह रहे। अभी राम शर्मा को कुल 77,479 वोट मिले। शियो बच्चन को 14,337 वोट से संषोत करना पड़ा।
1990: सुरेंद्र यादव को मिली जीत
- 1990 के चुनाव में जनता दल के सुरेंद्र प्रसाद यादव को जीत मिली। उन्होंने तात्कालीन विधायक अभीराम शर्मा को मात्र 4,502 वोट से हराया। सुरेंद्र प्रसाद को कुल 55,799 वोट मिले। वहीं अभी राम शर्मा को 51,297 वोट मिले।
- 1995 में भी जनता दल के सुरेंद्र यादव को जीत मिली। इस चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस के अभीराम शर्मा को 28,715 वोट से मात दी। सुरेंद्र प्रसाद यादव को 62,548 वोट मिले। वहीं, अभीराम शर्मा को 33,833 वोट मिले।
1998:बेलागंज सीट पर उपचुनाव हुए
1998 सुरेंद्र यादव ने जहानबाद से सांसद बने। इस कारण बेलागंज सीट पर उपचुनाव हुए। इस चुनाव में राजद के महेश सिंह यादव को जीत मिली।
2000: बेलागंज सुरेंद्र प्रसाद का गढ़ बना
2000 के चुनाव में बेलागंज सीट से राजद के सुरेंद्र प्रसाद ने जीत हासिल की। इसके साथ ही उन्होंने फरवरी 2005, अक्तूबर 2005, 2010, 2015, 2020 में जीत हासिल की।
- 2000 के चुनाव में उन्होंने भाजपा के कृष्ण कुमार सिंह को 22,737 वोट से हराया। इस चुनाव में सुरेंद्र प्रसाद को 61,840 वोट मिले। वहीं, कृष्ण कुमार सिंह को 39,106 वोट मिले।
- फरवरी 2005 के चुनाव में राजद के सुरेंद्र ने लोजपा के एम अमजद को 23,243 वोट से शिकस्त दी। इस चुनाव में सुरेंद्र प्रसाद को 59,154 वोट मिले। वहीं, मोहम्मद अमजद को 35,911 वोट मिले।
- अक्तूबर 2005 के चुनाव में राजद के सुरेंद्र ने जदयू के मोहम्मद अमजद को 6,350 वोट से हराया। सुरेंद्र प्रसाद यादव को 33,457 वोट मिले। वहीं, अमजद को 27,125 वोट मिले।
- 2010 के चुनाव में सुरेंद्र प्रसाद यादव ने जदयू के मोहम्मद अमजद को 4,638 वोट से मात दी। सुरेंद्र प्रसाद यादव को कुल 53,079 वोट मिले। वहीं, मोहम्मद अमजद को 48,441 वोट मिले।
- 2015 के चुनाव में राजद के सुरेंद्र प्रसाद ने हम के शारीम अली को 30,341 वोट से हराया। सुरेंद्र प्रसाद को कुल 71,067 वोट मिले। वहीं, शारीम अली को 40,726 वोट से संतोष करना पड़ा।
- 2020 के चुनाव में राजद के सुरेंद्र यादव ने 23,963 वोट से जीत दर्ज की। इस चुनाव में जदयू के अभय कुमार सिन्हा दूसरे नंबर पर रहे। सुरेंद्र को 79,708 वोट मिले। वहीं, अभय कुमार सिन्हा को 55,745 वोट मिले। सुरेंद्र प्रसाद बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री भी रहे चुके हैं।
सुरेंद्र यादव जब पहली 1998 में बिहार के जहानबाद से सांसद चुने गए। इस दौरान संसद में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी की मौजूदगी में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया जा रहा था। इस बिल का विरोध में राजद और समाजवादी पार्टी के सांसद हंगामा कर रहे थे। इतने में बिहार के जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव ने लालकृष्ण आडवाणी से बिल की कॉपी छीनकर फाड़ दी। सुरेंद्र प्रसाद यादव इस कारण लंबे समय तक सुर्खियों में रहे।
2024: मनोरमा देवी को मिली जीत
2024 में सुरेंद्र प्रसाद ने जहनाबाद से संसद चुने गए। इस कारण उन्होंने विधायकी पद से इस्तीफा दिया। 2024 में बेलागंज में उपचुनाव हुए। सुरेंद्र यादव ने उपचुनाव में अपने बेटे विश्वनाथ सिंह को मैदान में उतरा हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में जदयू की मनोरमा देवी ने जीत हासिल की। उन्होंने कुल 73,334 वोट मिले। वहीं, राजद के विश्वनाथ कुमार सिंह को 51,943 वोट मिले।
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