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Seat Ka Samikaran: पिछले 25 साल से यहां नीतीश-लालू के उम्मीदवार ही जीत रहे, ऐसा है रफीगंज का चुनावी इतिहास

इलेक्शन डेस्क, अमर उजाला Published by: अस्मिता त्रिपाठी Updated Fri, 19 Sep 2025 07:12 AM IST
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सार

बिहार की विधानसभा सीटों से जुड़ी खास सीरीज ‘सीट का समीकरण’ में आज बात  रफीगंज विधानसभा सीट की बात करेंगे। इस सीट पर मौजूदा समय में राजद के मोहम्मद नेहालुदीन विधायक हैं।

Bihar Assembly Election Rafiganj Constituency Mohammad Nehaluddin,Pramod Kumar Singh jdu rjd
बिहार चुनाव 2025 - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। तारीखों का एलान कभी भी हो सकता है। चुनाव तारीखों के एलान से पहले ही सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सीट बंटवारे को लेकर दोनों बड़े गठबंधनों में खींचतान जारी है। इस सियासी हलचल के बीच अमर उजाला की खास सीरीज ‘सीट का समीकरण’ में आज औरंगाबाद जिले की रफीगंज  विधानसभा सीट की बात करेंगे। इस सीट से मौजूदा समय में राजद के मोहम्मद नेहालुदीन  विधायक हैं। 

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बिहार के 38 जिलें में से एक जिला औरंगाबाद भी है।औरंगाबाद जिला दो अनुमंडल और 11 ब्लॉक में बंटा है। जिले में छह विधानसभा सीट हैं। इनमें गोह, ओबरा, नबीनगर, कुटुम्बा (एससी), औरंगाबाद, रफीगंज शामिल हैं। आज सीट का समीकरण में  रफीगंज सीट की बात करेंगे। यह सीट पहली बार 1952 में अस्तित्व में आई।

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1952: कांग्रेस को मिली जीत 

  • 1952 के चुनाव में रफीगंज सीट से कांग्रेस को जीत मिली। इस चुनाव में एस.एम. लतीफुर रहमान को मात्र 226 वोट से जीत मिली। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार रामपुकार सिंह दूसरे नंबर पर रहे। एस.एस लतीफुर को कुल 8,403 और रामपुकार को 8,177  वोट मिले।
  • 1957 के चुनाव में कांग्रेस के सरजू प्रसाद सिन्हा को जीत मिली। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार जगदीश चंद्र यादव को 4,742 वोट से हराया। सरजू प्रसाद सिन्हा को कुल 9,544 वोट मिले। वहीं, जगदीश चंद्र यादव को 4,802 वोट मिले। 

1962: स्वतंत्र पार्टी को मिली जीत 

1962 के चुनाव में तात्कालीन विधायक सरजू प्रसाद सिन्हा को हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में राम पुकार सिंह को 6,004 वोट से जीत मिली। वहीं सरजू प्रसाद सिन्हा दूसरे नंबर पर है। राम पुकार सिंह को 15,461 वोट मिले। वहीं, सरजू प्रसाद सिन्हा को कुल 9,457 वोट मिले। 

1967: कांग्रेस की वापसी 

1967 के चुनाव में रफीगंज से कांग्रेस के दिलकेश्वर राम को जीत मिली। उन्होंने आर राम को 11,489 वोट से हराया। दिलकेश्वर राम को कुल 17,883 वोट मिले। वहीं आर राम को 6,399 वोट मिले।

1969:  जनसंघ को मिली जीत 

1969 के चुनाव में जनसंघ के साहदेव चौधरी को जीत मिली। उन्होंने तात्कालीन विधायक और कांग्रेस के उम्मीदवार डी राम को 1,218 वोट से शिकस्त दिया। साहदेव को कुल 10,933 वोट मिले। वहीं, डी राम को 9,715 वोट मिले। 

1972:  कांग्रेस ने फिर की वापसी 

1972 के चुनाव में तात्कालीन विधायक और जनसंघ के उम्मीदवार साहदेव चौधरी को हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस के फागुनी राम को 10,087 वोट से जीत मिली। फागुनी राम को कुल 18,384 वोट मिले। वहीं, साहदेव को 8,297 वोट मिले। 

1977: जनता पार्टी को मिली जीत 

  • 1977 के चुनाव में रफीगंज से जनता पार्टी को जीत मिली। इस चुनाव में जनता पार्टी के हुसैन अंसारी ने कांग्रेस के गोपाल प्रसाद सिंह को 7,289 वोट से हराया। अंसारी को कुल 15,881 वोट मिले। वहीं, गोपाल प्रसाद सिंह को 8,592 वोट मिले। 
  • 1980 के चुनाव में भी जनता पार्टी के विजय कुमार सिंह को जीत मिली। उन्होंने भाकपा के इस्तेयाक अहमद खान को 21,599 वोट से हराया। विजय कुमार सिंह को 39,320 वोट मिले। वहीं, इस्तेयाक अहमद को 17,721 वोट मिले।
  • 1985 के चुनाव में विजय कुमार सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस चुनाव में भी उन्होंने भाकपा के इस्तेयाक अहमद खान को 35,430 वोट से हराया। विजय कुमार सिंह को कुल 48,670 वोट मिले। वहीं, इस्तेयाक अहमद को 13,240 वोट मिले। 
  • 1990 के चुनाव में कांग्रेस के विजय कुमार सिंह ने रफीगंज से जीत की हैट्रिक लगाई। इस चुनाव में भी उन्होंने भाकपा के इस्तेयाक अहमद को 10,263 वोट से मात दी। विजय कुमार सिंह को कुल 39,169 वोट मिले। वहीं, इस्तेयाक अहमद को 28,906 वोट मिले। 

1995: भाकपा को मिली जीत 

1995 के चुनाव में तीन बार के विधायक रहे और कांग्रेस के उम्मीदवार विजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में  भाकपा के रामचंद्र सिंह को 24,534 वोट से जीत मिली। वहीं विजय कुमार दूसरे नंबर पर रहे। रामचंद्र सिंह को 40,342 वोट मिले। वहीं , विजय सिंह को 15,808 वोट मिले। 

2000: समता पार्टी को मिली जीत 

2000 के चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी समता पार्टी के सुशील कुमार सिंह को जीत मिली। उन्होंने राजद के मोहम्मद नेहालुदीन को 10,194 वोट से हराया। इस चुनाव में सुशील कुमार को कुल 32,918 वोट मिले। वहीं, नेहालुदीन को 22,724 वोट मिले।

फरवरी 2005 : राजद को मिली जीत 

पिछले चुनाव में हार का सामना कर चुके नेहालुदीन को फरवरी 2005 के चुनाव में जीत मिली। उन्होंने जदयू के बृजमोहन सिंह को 24,495 वोट मात दी। नेहालुदीन को कुल 40,277 वोट मिले। वहीं, बृजमोहन सिंह को 15,782 वोट से संतोष करना पड़ा। 

अक्तूबर 2005 में हुए चुनाव में भी नेहालुदीन रफीगंज से दोबार विधायक चुने गए। इस चुनाव में उन्होंने जदयू के सुशील कुमार को 3,810 वोट से शिकस्त दिया। नेहालुदीन को कुल 29,194 वोट मिले। वहीं, सुशील कुमार को 25,384 वोट मिले। 

2010: जदयू को मिली जीत 

  • 2010 के चुनाव में जदयू के अशोक कुमार सिंह को 23,685 वोट से जीत मिली। वहीं दो बार के विधायक और राजद उम्मीदवार नेहालुदीन दूसरे नंबर पर रहे। अशोक कुमार सिंह को कुल 58,501 वोट मिले। वहीं, एमडी नेहालुदीन को 34,816 वोट मिले। 
  • 2015 के चुनाव में जदयू के अशोक कुमार दोबार विधायक बने। इस चुनाव में उन्होंने लोजपा के प्रमोद कुमार सिंह को 9,525 वोट से हराया। अशोक कुमार को कुल 62,897 वोट मिले। वहीं, प्रमोद कुमार सिंह को 53,372 वोट मिले। 

 

2020: राजद की वापसी

2020 के चुनाव में राजद ने रफीगंज सीट पर वापसी की। इस चुनाव में राजद के नेहालुदीन ने प्रमोद कुमार  9,429 वोट से हराया। प्रमोद कुमार यह चुनाव निर्दलीय लड़ा था। नेहालुदीन को कुल  63,325 वोट मिले। वहीं, प्रमोद कुमार को  53,896 वोट मिले। 

सीट का समीकरण सीरीज की अन्य खबरें यहां पढ़ें

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