त्रिपुरा: 'पुलवामा-बालाकोट के बाद कार्रवाई का BJP ने चुनाव जीतने के लिए किया इस्तेमाल', पूर्व CM का बड़ा आरोप
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने रविवार को दावा किया कि भाजपा ने 2019 के पुलवामा आतंकवादी हमले और उसके बाद पड़ोसी देश के बालाकोट में हवाई हमले का इस्तेमाल उस साल लोकसभा चुनाव जीतने के लिए किया था।
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पुलवामा आतंकवादी हमले को लेकर इन दिनों देश में बहस छिड़ी हुई है। कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि यह हमला गंभीर सुरक्षा और खुफिया चूक का परिणाम था। इस बीच, रविवार को त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने भी दावा किया किया कि भाजपा ने इस हमले का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए किया था।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को एक आत्मघाती हमलावर द्वारा आतंकवादी हमला किया गया था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। माणिक सरकार यहां पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि माहौल (पुलवामा हमला और बालाकोट हवाई हमला) का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने (भाजपा ने) 2019 का लोकसभा चुनाव जीता। घटना के बारे में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक अब इस बारे में बोल रहे हैं।
बालाकोट घटना के तुरंत बाद माकपा ने संदेह जताया था और कहा था कि उस साल अप्रैल-मई में हुए आम चुनाव से पहले इस घटना के पीछे बेरोजगारी जैसे अन्य ज्वलंत मुद्दों पर पानी फेरने की 'गहरी साजिश' थी। पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के युद्धक विमानों ने 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की थी।
मलिक के इंटरव्यू पर आश्चर्य जताते हुए सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अब चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रॉय चौधरी ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। सरकार ने कहा कि पूर्व राज्यपाल के इंटरव्यू देने के बाद मैं सोच रहा था कि उन्हें सीबीआई द्वारा तलब किया जाएगा और यह सही साबित हुआ, क्योंकि उन्हें कथित बीमा घोटाले से संबंधित एक मामले में संघीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मलिक से जम्मू-कश्मीर में कथित बीमा घोटाले के संबंध में कुछ सवालों के जवाब देने को कहा है। सीबीआई का यह कदम मलिक द्वारा एक समाचार वेबसाइट को दिए गए एक साक्षात्कार के महज एक हफ्ते बाद आया है, जिसमें उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी की थी, खासकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के तरीके के बारे में, जहां उन्होंने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से पहले अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया था।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य ने दावा किया कि देश ने पहली बार इस तरह की 'प्रतिक्रियावादी सरकार' का अनुभव किया है और अगर लोग साथ आएं तो भाजपा को हराया जा सकता है। त्रिपुरा में 60 फीसदी मतदाताओं ने हाल के विधानसभा चुनावों में उनका (भाजपा) समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक ताकत टिपरा मोथा ने भगवा पार्टी को चुनाव जीतने में मदद की।
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