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बॉम्बे हाई कोर्ट: नवाब मलिक के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली, समीर वानखेड़े के पिता ने दाखिल की है अर्जी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुम्बई
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Mon, 28 Feb 2022 04:21 PM IST
सार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवाब मलिक पर ज्ञानदेव वानखेड़े की ओर से दाखिल अवमानना की याचिका पर सोमवार को एक सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी है। ध्यानदेव वानखेड़े ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की थी।
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बॉम्बे हाईकोर्ट
- फोटो : ANI
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विस्तार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक पर ज्ञानदेव वानखेड़े की ओर से दाखिल अवमानना की याचिका पर सोमवार को एक सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी है। ध्यानदेव वानखेड़े ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की थी। ज्ञानदेव वानखेड़े नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के पिता हैं।
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सोमवार को जब इस मामले में सुनवाई की स्थिति आई तो न्यायमूर्ति एस जे कथावाला ने कहा कि मलिक पहले ही मनी लांड्रिंग के एक मामले में ईडी की हिरासत में हैं। ऐसे में कोर्ट की अवमानना मामले में अगर कोर्ट अभी सजा भी दे तो उसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
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इस दौरान मलिक के वकील भरुचा ने कहा कि इस मामले में कोई भी आदेश देने से पहले कोर्ट एक बार सुनवाई कर ले। उन्होंने यह भी बताया कि मलिक 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। इस पर ध्यानदेव वानखेड़े के वकील बीरेंद्र शराफ ने कहा कि अदालत सुनवाई स्थगित कर सकती है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने अवमानना याचिका पर 7 मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया।
ध्यानदेव वानखेड़े ने सोमवार को कोर्ट में दाखिल किए गए अपने एक हलफनामें में कहा कि मलिक जानबूझ कर कोर्ट को दिए अपने वचन का उल्लंघन कर रहे हैं। इससे पहले पिछले सप्ताह में नवाब मलिक ने कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करके कोर्ट की अवमानना करने के सभी आरोपों को खारिज किया था।
बता दें कि ज्ञानदेव वानखेड़े ने पिछले महीने बॉम्बे हाईकोर्ट में मलिक के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि मलिक ने पिछले साल अदालत में वानखेड़े परिवार के खिलाफ मानहानि वाली टिप्पणी या सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करने का वचन दिया था, जिसका उन्होंने जानबूझ कर उल्लंघन किया था।
इसके अलावा पिछले साल भी ज्ञानदेव वानखेड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक मुकदमा दायर किया था और मांग की थी कि नवाब मलिक को ऐसी सार्वजनिक टिप्पणियां करने या सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से रोका जाए जो वानखेड़े परिवार के लिए अपमानजनक हों। पिछली सुनवाइयों में मलिक ने हाईकोर्ट से कहा था कि वानखेड़े परिवार के बारे में ऐसी बात नहीं करेंगे। अपनी अवमानना याचिका में ज्ञानदेव वानखेड़े ने दावा किया है कि मलिक ने अपने वचन का उल्लंघन किया है और इसी साल दो जनवरी और तीन जनवरी को आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं।