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Port Security: जहाजों-बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए 'ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी' का गठन करेगी सरकार, IPS को कमान

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: संध्या Updated Fri, 19 Dec 2025 01:21 PM IST
सार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी के गठन को लेकर अहम फैसला हुआ। इस कदम के बाद जहाजों और बंदरगाहों की सुरक्षा बढ़ाई जा सकेगी। इस ब्यूरो की कमान भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी जाएगी। जानिए पूरा मामला

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Bureau of Port Security will be established to ensure the security of ships and ports
अमित शाह - फोटो : amarujala.com
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विस्तार
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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जहाजों और बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए एक डेडिकेटेड 'ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी' (बीओपीएस) के गठन से सम्बंधित समीक्षा बैठक की है। इस दौरान शाह ने देशभर में बंदरगाहों के लिए एक मजबूत सुरक्षा ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि सुरक्षा उपायों को व्यापार क्षमता, लोकेशन तथा अन्य संबंधित मापदंडों को ध्यान में रखते हुए क्रमबद्ध और जोखिम के आधार पर लागू किया जाए। समीक्षा बैठक में केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री भी उपस्थित थे।

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केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय करेगा निगरानी
बीओपीएस का गठन हाल ही में अधिनियमित 'मर्चेंट शिपिंग एक्ट', 2025 की धारा 13 के प्रावधानों के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में किया जाएगा। इस ब्यूरो का नेतृत्व एक महानिदेशक करेंगे। यह केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करेगा। जहाजों और बंदरगाहों पर सुविधाओं की सुरक्षा से संबंधित नियामक एवं निरीक्षण कार्यों के लिए उत्तरदायी होगा। 
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ऐसी होगी बीओपीएस के महानिदेशक की भूमिका
बीओपीएस का गठन 'Bureau of Civil Aviation Security' (BCAS) की तर्ज पर किया जा रहा है। इसका का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी (वेतन स्तर-15) करेंगे। एक वर्ष की ट्रांजिशन अवधि के दौरान, नौवहन महानिदेशक (डीजीएस/डीजीएमए), बीओपीएस के महानिदेशक के रूप में कार्य करेंगे। बीओपीएस, सुरक्षा संबंधी सूचनाओं का समयबद्ध विश्लेषण, संग्रहण और आदान-प्रदान सुनिश्चित करेगा, जिसमें साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान होगा। इसमें बंदरगाहों की आईटी अवसंरचना को डिजिटल खतरों से सुरक्षित रखने के लिए डेडिकेटेड प्रभाग भी शामिल होगा।

सुरक्षा मूल्यांकन के साथ-साथ योजनाएं बनाने का भी जिम्मा
बंदरगाहों की सुरक्षा अवसंरचना को मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को बंदरगाह सुविधाओं के लिए Recognised Security Organisation (RSO) नामित किया गया है। इसकी जिम्मेदारी बंदरगाहों का सुरक्षा मूल्यांकन और हिफाजत के लिए योजनाएं तैयार करना है।

केवल लाइसेंस प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसी को मिलेगा जिम्मा
इसके अलावा सीआईएसएफ को बंदरगाहों की सुरक्षा में लगी निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण देने और उनकी क्षमता निर्माण करने का भी काम दिया गया है। इन एजेंसियों को प्रमाणित किया जाएगा तथा इस क्षेत्र में केवल लाइसेंस प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसी ही कार्य करें, यह सुनिश्चित करने के लिए उचित नियामक उपाय लागू किए जाएंगे। बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि समुद्री सुरक्षा ढांचे से प्राप्त अनुभवों को विमानन सुरक्षा क्षेत्र में भी लागू किया जाएगा।

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