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Kolkata Case: लॉ कॉलेज दुष्कर्म मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट का सख्त आदेश, कहा- राज्य सरकार पेश करे केस डायरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: बशु जैन Updated Thu, 03 Jul 2025 01:52 PM IST
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सार

24 साल की लॉ की छात्रा के साथ 25 जून को कोलकाता के कस्बा इलाके के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया था। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में तीन जनहित याचिकाएं दायर की गईं हैं। 

Calcutta High Court's strict order in Law College rape case, said- State government should present case diary
कलकत्ता हाईकोर्ट - फोटो : ANI
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कोलकाता के कथित दुष्कर्म के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने छात्रा के दुष्कर्म मामले की जांच में हुई प्रगति को लेकर हलफनामे के रूप में रिपोर्ट दाखिल करने और केस डायरी पेश करने का आदेश दिया है।  न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य को निर्देश दिया कि वह 10 जुलाई को अगली सुनवाई में जांच रिपोर्ट को हलफनामे के साथ पेश करे।  दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज की एक पूर्व छात्रा और दो वरिष्ठ छात्रों द्वारा कथित सामूहिक दुष्कर्म के संबंध में तीन जनहित याचिकाएं दायर की गईं।
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इससे पहले 24 साल की लॉ की छात्रा के साथ 25 जून को कोलकाता के कस्बा इलाके के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया था। कॉलेज के 31 वर्षीय पूर्व छात्र मनोजीत मिश्रा को मामले के मुख्य आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 19 साल जैब अहमद और 20 साल के प्रमित मुखोपाध्याय के रूप में पहचाने गए दो छात्र और एक सुरक्षा गार्ड को भी गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने मनोजीत और दोनों छात्रों को 8 जुलाई तक कोलकाता पुलिस की हिरासत में भेज दिया। इसके अलावा सुरक्षा गार्ड को शुक्रवार तक की हिरासत में भेजा गया।
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ये भी पढ़ें: 'छात्रा को दी थी वीडियो वायरल करने की धमकी, थाने पर भी रखी थी नजर', मुख्य आरोपी ने बताया सच

मनोजीत की नियुक्ति रद्द, दोनों छात्र भी निष्काषित
दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने मनोजीत की संविदा नियुक्ति को रद्द करने का निर्णय लिया है। यह भी तय किया गया है कि आरोपी को अंतरिम अवधि के दौरान प्राप्त वेतन वापस करना होगा। मामले में दो अन्य आरोपी जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय (लॉ कॉलेज के वर्तमान छात्र) को संस्थान से निष्कासित कर दिया गया है। हालांकि, विपक्षी दलों के नेताओं ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि मनोजीत की नियुक्ति को कैसे मंजूरी दी गई?

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