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West Bengal: पश्चिम बंगाल SIR पर कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त, अवैध OBC सर्टिफिकेट स्वीकार न करने का दिया निर्देश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: शुभम कुमार Updated Wed, 24 Dec 2025 06:02 PM IST
सार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सीईओ को आदेश दिया कि वे एसआईआर में अवैध ओबीसी सर्टिफिकेट को स्वीकार न करने पर याचिका पर तर्कसहित निर्णय दें। मई 2024 में रद्द किए गए 77 वर्गों के OBC दर्जे को ध्यान में रखते हुए अदालत ने एक सप्ताह में जवाब देने का समय दिया है।

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Calcutta High Court strict stance on West Bengal SIR directs authorities not accept illegal OBC certificates
कलकत्ता हाईकोर्ट - फोटो : ANI
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विस्तार
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पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सियासत तेज है। इसी बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को निर्देश दिया कि वे एक याचिका पर विचार करें, जिसमें राज्य के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में अवैध ओबीसी सर्टिफिकेट को वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार न करने की मांग की गई है और इस पर तर्कसहित आदेश जारी करें।

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मामले में याचिकाकर्ता अरिजीत बक्शी ने अदालत को बताया कि मई 2024 में हाईकोर्ट ने राज्य के 77 वर्गों के लोगों के ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया था। उन्होंने आयोग से स्पष्ट निर्देश देने की मांग की कि एसआईआर प्रक्रिया में केवल वैध ओबीसी सर्टिफिकेट ही मान्य होंगे।

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एक सप्ताह के भीतर दें तर्कसहित निर्णय
मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस कृष्णा राव ने सीईओ को निर्देश दिया कि वे याचिका पर विचार करें और आदेश प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर तर्कसहित निर्णय दें। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने पहले से सेवाओं में ओबीसी लाभ लिया है या किसी चयन प्रक्रिया में सफल हुए हैं, उनके अधिकारों पर इस आदेश का असर नहीं होगा। बता दें कि मई 2024 में हाईकोर्ट की एक डिविजन बेंच ने 2010 से कई वर्गों को दिए गए ओबीसी दर्जे को रद्द कर दिया था।


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याचिकाकर्ता के वकील ने चुनाव आयोग से की अपील
इतना ही नहीं याचिकाकर्ता के वकील ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि एसआईआर के लिए केवल वैध ओबीसी सर्टिफिकेट ही स्वीकार किए जाएं और रद्द किए गए सर्टिफिकेट को दस्तावेज के रूप में स्वीकार न किया जाए। वहीं चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि एसआईआर की वैधता को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए फिलहाल कोई आदेश न दिया जाए। ऐसे में जस्टिस राव ने कहा कि याचिका एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती नहीं दे रही है, बल्कि आयोग को शिकायत पर विचार करने के लिए कहा गया है।

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