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CAPF: प्रोटेक्टिव कार्बाइन से लैस होंगे केंद्रीय बलों के जवान, गाड़ियों पर लगेंगे ये खास रडार
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सार
CAPF: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित उत्पादों को सीएपीएफ में सुचारू रूप से शामिल करने के लिए गृह मंत्रालय और डीआरडीओ के सहयोग से एक कार्यप्रणाली तैयार की गई है।

केंद्रीय सुरक्षा बल
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
केंद्रीय सुरक्षा बलों को कई तरह के मॉडर्न हथियार और उपकरण मुहैया कराए जाएंगे। खास बात ये है कि सभी हथियार, गोला बारूद और रडार, पूरी तरह से स्वदेशी पैटर्न पर तैयार होंगे। इन्हें तैयार करने की जिम्मेदारी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को दी गई है। 9 एमएम पिस्तौल के लिए कॉर्नर शॉट वेपन सिस्टम, ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन, (जेवीपीसी) और मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड से सीआरपीएफ, बीएसएफ और एनएसजी और आईटीबीपी सहित दूसरे केंद्रीय सुरक्षा बलों की ताकत बढ़ जाएगी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित उत्पादों को सीएपीएफ में सुचारू रूप से शामिल करने के लिए गृह मंत्रालय और डीआरडीओ के सहयोग से एक कार्यप्रणाली तैयार की गई है। इसके माध्यम से सुरक्षा बलों के लिए 9 एमएम पिस्तौल के लिए कॉर्नर शॉट वेपन सिस्टम, 40 एमएम अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर (यूबीजीएल) गोला बारूद, ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन, (जेवीपीसी), मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड, आतंकवाद रोधी वाहन, (एटीवी) आदि जैसी कई मदों की शुरुआत की गई है।
डीआरडीओ द्वारा सीएपीएफ के लिए हैंड हेल्ड ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (एचएच जीपीआर), व्हीकल माउंटेड ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार आदि विकसित कर रहा है। मौजूदा निर्देशों को युक्तिसंगत बनाकर, सीएपीएफ में डीआरडीओ द्वारा विकसित मदों/प्रौद्योगिकियों को शामिल करना और भी सरल बनाया गया है।
बता दें कि एक जनवरी 2022 से 31 मार्च 2026 तक की अवधि के लिए 1523 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ आधुनिकीकरण योजना 4 को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल 'सीएपीएफ' यानी असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी के लिए अनुमोदित किया गया है। इस योजना के माध्यम से सीएपीएफ को नवीनतम हथियारों, निगरानी और संचार उपकरणों, विशिष्ट वाहनों, सुरक्षात्मक गियर आदि से लैस किया जाता है।
इसका मकसद, इन बलों को सीमाओं की रक्षा और आतंरिक सुरक्षा बनाए रखने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने में सक्षम बनाना है। यह योजना, देशभर में वर्तमान सुरक्षा परिद्रश्य के मद्देनजर सीएपीएफ के पास उपलब्ध मौजूदा इन्वेंट्री/प्रौद्योगिकी और नवीनतम उपयुक्त अत्याधुनिक तकनीक के बीच अंतराल को पूरा करने में मदद कर रही है।
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित उत्पादों को सीएपीएफ में सुचारू रूप से शामिल करने के लिए गृह मंत्रालय और डीआरडीओ के सहयोग से एक कार्यप्रणाली तैयार की गई है। इसके माध्यम से सुरक्षा बलों के लिए 9 एमएम पिस्तौल के लिए कॉर्नर शॉट वेपन सिस्टम, 40 एमएम अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर (यूबीजीएल) गोला बारूद, ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन, (जेवीपीसी), मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड, आतंकवाद रोधी वाहन, (एटीवी) आदि जैसी कई मदों की शुरुआत की गई है।
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डीआरडीओ द्वारा सीएपीएफ के लिए हैंड हेल्ड ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (एचएच जीपीआर), व्हीकल माउंटेड ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार आदि विकसित कर रहा है। मौजूदा निर्देशों को युक्तिसंगत बनाकर, सीएपीएफ में डीआरडीओ द्वारा विकसित मदों/प्रौद्योगिकियों को शामिल करना और भी सरल बनाया गया है।
बता दें कि एक जनवरी 2022 से 31 मार्च 2026 तक की अवधि के लिए 1523 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ आधुनिकीकरण योजना 4 को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल 'सीएपीएफ' यानी असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी के लिए अनुमोदित किया गया है। इस योजना के माध्यम से सीएपीएफ को नवीनतम हथियारों, निगरानी और संचार उपकरणों, विशिष्ट वाहनों, सुरक्षात्मक गियर आदि से लैस किया जाता है।
इसका मकसद, इन बलों को सीमाओं की रक्षा और आतंरिक सुरक्षा बनाए रखने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने में सक्षम बनाना है। यह योजना, देशभर में वर्तमान सुरक्षा परिद्रश्य के मद्देनजर सीएपीएफ के पास उपलब्ध मौजूदा इन्वेंट्री/प्रौद्योगिकी और नवीनतम उपयुक्त अत्याधुनिक तकनीक के बीच अंतराल को पूरा करने में मदद कर रही है।