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Interpol Red Notice: सीबीआई के प्रयासों से इंटरपोल रेड नोटिस दोगुने हुए, तकनीक और कूटनीति बनी अहम हथियार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Sun, 20 Jul 2025 07:09 PM IST
सार

 Interpol Red Notice: भारत ने इंटरपोल की तरफ से रेड नोटिस जारी किए जाने के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। इसमें साल 2023 से खासा उछाल देखा गया है। वहीं मौजूदा वर्ष की बात करें तो जून महीने तक सीबीआई के प्रयासों से 56 रेड नोटिस जारी किए जा चुके हैं।

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CBI-backed Interpol Red Notices doubled since 2023 with India's diplomatic, tech push
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI
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विस्तार
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भारत ने भगोड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए इंटरपोल से जारी कराए जाने वाले रेड नोटिस की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी की है। 2023 से यह संख्या दोगुनी हो गई है, जो यह दिखाती है कि भारत अब पहले से कहीं ज्यादा सख्ती और आधुनिक तरीके से अपराधियों की तलाश में जुट गया है।
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क्या होता है रेड नोटिस?
रेड नोटिस इंटरपोल की ओर से जारी एक वैश्विक अलर्ट होता है, जिसमें किसी व्यक्ति को खोजकर उसकी अस्थायी गिरफ्तारी की अपील की जाती है। यह प्रत्यर्पण की प्रक्रिया की पहली जरूरी कड़ी होती है। भारत में सभी राज्य और केंद्रीय एजेंसियां जब किसी भगोड़े को पकड़वाना चाहती हैं, तो वे सीबीआई को अनुरोध भेजती हैं। सीबीआई ही भारत की ओर से इंटरपोल से नोटिस जारी करने का आग्रह करती है और फिर पूरी प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है।
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इंटरपोल नोटिस: भारत के अनुरोध पर जारी आंकड़े (2020-2025)

वर्ष 🔴 रेड नोटिस 🔵 ब्लू नोटिस 🟡 येलो नोटिस कुल नोटिस
2020 25 47 1 73
2021 47 जानकारी नहीं जानकारी नहीं जानकारी नहीं
2022 40 जानकारी नहीं जानकारी नहीं जानकारी नहीं
2023 100 जानकारी नहीं जानकारी नहीं जानकारी नहीं
2024 107 68 27 208
2025 (जून तक) 56 82 4 145


क्या है ब्लू और येलो नोटिस? 
ब्लू नोटिस किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जारी किया जाता है। वहीं येलो नोटिस अपहरण, गुमशुदगी या पहचान संबंधी मामलों में जारी किया जाता है।

भारत की रणनीति- तकनीक और कूटनीति
इस बढ़ोत्तरी के पीछे कई प्रमुख कारण हैं। जिसमें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रियता का अहम योगदान शामिल है। 2022 में इंटरपोल महासभा का आयोजन भारत में हुआ। 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत ने अपराधियों को 'सेफ हेवन' न देने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। इन दोनों आयोजनों ने भारत की छवि को मज़बूत किया और इंटरपोल जैसे संगठनों के साथ संपर्क बढ़ाया।

तकनीकी आधुनिकता
सीबीआई ने हाल ही में 'भारतपोल' नाम का डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया है, जिससे रेड नोटिस की प्रक्रिया आसान और तेज हो गई है। पहले एक नोटिस जारी होने में औसतन छह महीने लगते थे, अब यह तीन महीने में हो जाता है। एआई और डेटा एनालिटिक्स के जरिए अपराधियों की प्रोफाइलिंग और पहचान अब ज्यादा सटीक हो रही है।

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भगोड़ों की वापसी भी बढ़ी
2020 से अब तक 134 भगोड़े भारत वापस लाए गए। इनमें 2025 में अब तक 23 भगोड़े वापस लाए जा चुके हैं। इसके मुकाबले 2010 से 2019 तक 10 साल में सिर्फ 74 भगोड़े ही भारत लौटे थे।

इंटरपोल का नया कदम- सिल्वर नोटिस
इंटरपोल ने इस साल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 'सिल्वर नोटिस' भी शुरू किया है, जिसका मकसद है विदेशों में छिपाए गए अवैध संपत्तियों की जानकारी इकट्ठा करना। भारत भी इस नई पहल में शामिल है।
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