Interpol Red Notice: सीबीआई के प्रयासों से इंटरपोल रेड नोटिस दोगुने हुए, तकनीक और कूटनीति बनी अहम हथियार
Interpol Red Notice: भारत ने इंटरपोल की तरफ से रेड नोटिस जारी किए जाने के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। इसमें साल 2023 से खासा उछाल देखा गया है। वहीं मौजूदा वर्ष की बात करें तो जून महीने तक सीबीआई के प्रयासों से 56 रेड नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
विस्तार
क्या होता है रेड नोटिस?
रेड नोटिस इंटरपोल की ओर से जारी एक वैश्विक अलर्ट होता है, जिसमें किसी व्यक्ति को खोजकर उसकी अस्थायी गिरफ्तारी की अपील की जाती है। यह प्रत्यर्पण की प्रक्रिया की पहली जरूरी कड़ी होती है। भारत में सभी राज्य और केंद्रीय एजेंसियां जब किसी भगोड़े को पकड़वाना चाहती हैं, तो वे सीबीआई को अनुरोध भेजती हैं। सीबीआई ही भारत की ओर से इंटरपोल से नोटिस जारी करने का आग्रह करती है और फिर पूरी प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है।
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इंटरपोल नोटिस: भारत के अनुरोध पर जारी आंकड़े (2020-2025)
| वर्ष | 🔴 रेड नोटिस | 🔵 ब्लू नोटिस | 🟡 येलो नोटिस | कुल नोटिस |
|---|---|---|---|---|
| 2020 | 25 | 47 | 1 | 73 |
| 2021 | 47 | जानकारी नहीं | जानकारी नहीं | जानकारी नहीं |
| 2022 | 40 | जानकारी नहीं | जानकारी नहीं | जानकारी नहीं |
| 2023 | 100 | जानकारी नहीं | जानकारी नहीं | जानकारी नहीं |
| 2024 | 107 | 68 | 27 | 208 |
| 2025 (जून तक) | 56 | 82 | 4 | 145 |
क्या है ब्लू और येलो नोटिस?
ब्लू नोटिस किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जारी किया जाता है। वहीं येलो नोटिस अपहरण, गुमशुदगी या पहचान संबंधी मामलों में जारी किया जाता है।
इस बढ़ोत्तरी के पीछे कई प्रमुख कारण हैं। जिसमें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रियता का अहम योगदान शामिल है। 2022 में इंटरपोल महासभा का आयोजन भारत में हुआ। 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत ने अपराधियों को 'सेफ हेवन' न देने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। इन दोनों आयोजनों ने भारत की छवि को मज़बूत किया और इंटरपोल जैसे संगठनों के साथ संपर्क बढ़ाया।
तकनीकी आधुनिकता
सीबीआई ने हाल ही में 'भारतपोल' नाम का डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया है, जिससे रेड नोटिस की प्रक्रिया आसान और तेज हो गई है। पहले एक नोटिस जारी होने में औसतन छह महीने लगते थे, अब यह तीन महीने में हो जाता है। एआई और डेटा एनालिटिक्स के जरिए अपराधियों की प्रोफाइलिंग और पहचान अब ज्यादा सटीक हो रही है।
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भगोड़ों की वापसी भी बढ़ी
2020 से अब तक 134 भगोड़े भारत वापस लाए गए। इनमें 2025 में अब तक 23 भगोड़े वापस लाए जा चुके हैं। इसके मुकाबले 2010 से 2019 तक 10 साल में सिर्फ 74 भगोड़े ही भारत लौटे थे।
इंटरपोल का नया कदम- सिल्वर नोटिस
इंटरपोल ने इस साल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 'सिल्वर नोटिस' भी शुरू किया है, जिसका मकसद है विदेशों में छिपाए गए अवैध संपत्तियों की जानकारी इकट्ठा करना। भारत भी इस नई पहल में शामिल है।