आईएमएफ का अनुमान 4.8 फीसदी रहेगी जीडीपी, कांग्रेस बोली अब गीता पर हमला करेगी भाजपा

मोदी सरकार को अतंरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बड़ा झटका लगा है। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की बढ़त दर केवल 4.8 प्रतिशत रहेगी। आईएमएफ के इस अनुमान के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल का कहना है कि मोदी सरकार के मंत्री अब आईएमएफ और मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ पर हमला करेंगे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने ट्वीट करके कहा, 'सबसे पहले नोटबंदी की निंदा करने वालों में आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ एक थीं। मुझे लगता है कि हमें आईएमएफ और डॉक्टर गीता गोपीनाथ पर मोदी सरकार के मंत्रियों के हमले के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। तमाम कोशिश के बावजूद जीडीपी 4.8 फीसदी रहेगी। अगर यह और भी कम हो जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा। आईएमएफ के रिएलिटी चेक में 2019-20 में ग्रोथ रेट 5 फीसदी से कम 4.8 फीसदी होगी।'
वहीं वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, 'आईएमएफ ने 2019 के लिए भारत की जीडीपी को घटाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था नीचे जाएगी। पूरे भारत में युवा और बूढ़े (जिन्हें अपने पहने हुए कपड़ों से नहीं पहचाना जा सकता) प्रदर्शन कर रहे हैं। वह बताते हैं कि मोदी और शाह की जोड़ी भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर रही है।'
IMF lowers India’s GDP for 2019 to 4.8%
— Kapil Sibal (@KapilSibal) January 21, 2020
Calls it a drag on the world economy
Protests of people , young and old , across India ( who can’t be recognised by the clothes they wear )
Reflect that the duo Modiji and Amit Shah are a drag on Indian Democracy
IMF ने कहा- भारत के कारण दुनिया में सुस्ती
विश्व बैंक के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत के लिए चालू वित्त वर्ष में विकास दर के अनुमान को घटा दिया है। आईएमएफ ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान इस अनुमान को जारी किया है। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथन ने कहा है कि भारत सहित कई देशों में छाई सुस्ती का असर दुनिया भर में देखने को मिल रहा है। गोपीनाथ ने यह भी कहा कि 2020 में वैश्विक वृद्धि में तेजी अभी काफी अनिश्चित बनी हुई है। इसका कारण यह अर्जेन्टीना, ईरान और तुर्की जैसी दबाव वाली अर्थव्यवस्थाओं के वृद्धि परिणाम और ब्राजील, भारत और मेक्सिको जैसे उभरते और क्षमता से कम प्रदर्शन कर रहे विकासशील देशों की स्थिति पर निर्भर है।
अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 4.8 फीसदी रहेगी। वहीं 2020 में 5.8 फीसदी और 2021 में इसके 6.5 फीसदी रहने की संभावना है। आईएमएफ ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए भारत को जल्द से जल्द बड़े कदम उठाने की जरूरत है। इस संदर्भ में आईएमएफ ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था, ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ाने वाली अर्थव्यवस्था में से एक है, इसलिए भारत को तेजी से कदम उठाने होंगे।
मुद्राकोष ने कहा कि भारत में घरेलू मांग उम्मीद से हटकर तेजी से घटी है। इसका कारण एनबीएफसी में दबाव और कर्ज वृद्धि में नरमी है। गोपीनाथ ने कहा कि मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नरमी तथा ग्रामीण क्षेत्र की आय में कमजोर वृद्धि के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान कम किया गया है।
उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2020 में 0.2 फीसदी बढ़कर छह फीसदी करने का अनुमान है। यह अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के प्रभाव को बताता है।