UP: डिप्रेशन, आर्थिक तंगी से उबरकर लिखी सफलता की कहानी, अब दूसरों को भी दिखा रहे कामयाबी की राह
यूपी में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के कारण कई लोगों को फायदा मिल रहा है। इसमें से एक हैं मुजाहिद शेख जो इस योजना के कारण आर्थिक तंगी से बाहर आए हैं।
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जब हालात इंसान को चारों तरफ से घेर लेते हैं और रास्ते बंद नजर आने लगते हैं तब या तो व्यक्ति टूट जाता है या फिर इतिहास रचता है। लखीमपुर खीरी के मुजाहिद शेख ने दूसरा रास्ता चुना। डिप्रेशन, आर्थिक तंगी और सामाजिक उपेक्षा से गुजरते हुए उन्होंने न केवल खुद को संभाला बल्कि एक नई पहचान बनाई। मुजाहिद का परिवार खेती पर निर्भर था। समय के साथ खेती की लागत बढ़ती गई लेकिन आमदनी घटती चली गई। बढ़ती चिंता और तनाव ने मुजाहिद को डिप्रेशन की स्थिति में पहुंचा दिया। उनके जीवन का तीन साल डिप्रेशन में बीत गए थे।
इलाज के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ तो मुजाहिद ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान से बिना गारंटी और ब्याज मुक्त ऋण लिया। ऋण मिलने के बाद मुजाहिद ने डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी खोली और उन्होंने उन लोगों की सहायता की जो केवल ऑफलाइन व्यापार कर रहे थे। धीरे-धीरे छोटे दुकानदार और सेवा प्रदाता ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ने लगे। गांव में डिजिटल सेवाओं का एक नया केंद्र तैयार हो गया। इसके बाद उन्होंने थायरोकेयर की फ्रेंचाइजी ली और सलबोटॉमिस्ट का कोर्स किया। इस कोर्स के जरिए उन्होंने ब्लड सैंपल कलेक्शन की पूरी प्रक्रिया सीखी। फिर अपने गांव से ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ भेजना शुरू किया। इससे ग्रामीणों को घर के पास जांच सुविधा मिलने लगी।
संघर्ष से सफलता की नींव होती जा रही है मजबूत
आज मुजाहिद हर माह आसानी से 5000 रुपये की किश्त जमा कर रहे हैं। 400 से अधिक सेवाएं प्रदान कर गांव के लिए भरोसे का नाम बन चुके हैं। उन्होंने अपनी फर्म एमएसओ इंटरप्राइजेज बनाकर फ्रेंचाइजी देना भी शुरू कर दिया है, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ गई है। उन्होंने एक यूट्यूब चैनल भी शुरू किया जिसके माध्यम से वे लोगों को डिजिटल सेवाओं और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक करते हैं। मुजाहिद अपनी सफलता पर कहते है कि "यदि सरकार ने युवाओं पर भरोसा न किया होता तो वे आज भी संघर्ष में फंसे रहते। डिजिटल इंडिया को लेकर सरकार की पहल से गांवों तक रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। "