{"_id":"68c60ba272ec055d670ef043","slug":"china-objection-rejected-india-to-give-third-consignment-of-brahmos-missiles-to-philippines-2025-09-14","type":"story","status":"publish","title_hn":"Brahmos: चीन का एतराज खारिज, फिलीपीन को ब्रह्मोस मिसाइलों की तीसरी खेप देगा भारत; 3310 करोड़ का सौदा","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Brahmos: चीन का एतराज खारिज, फिलीपीन को ब्रह्मोस मिसाइलों की तीसरी खेप देगा भारत; 3310 करोड़ का सौदा
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Sun, 14 Sep 2025 05:56 AM IST
विज्ञापन
सार
फिलीपीन ने ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए भारत से करीब 3,310 करोड़ रुपये का सौदा किया था। पिछले साल मिसाइलों की पहली खेप और इस साल अप्रैल में दूसरी खेप फिलीपीन को दी गई थी, जिसे उसने नौसेना में शामिल भी कर लिया है। अब तीसरी और आखिरी खेप इस साल के अंत तक भेज दी जाएगी।

ब्रह्मोस मिसाइल
- फोटो : अमर उजाला प्रिंट
विज्ञापन
विस्तार
दक्षिण चीन सागर में चीन की पीएलए-नेवी की बढ़ती चौधराहट के बीच भारत उसके मुखर प्रतिद्वंद्वी फिलीपीन को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की तीसरी खेप देने जा रहा है। फिलीपीन को ब्रह्मोस दिए जाने पर चीन आपत्ति जता चुका है, लेकिन भारत ने इसे दरकिनार कर दिया है।

Trending Videos
फिलीपीन ने ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए भारत से करीब 3,310 करोड़ रुपये का सौदा किया था। पिछले साल मिसाइलों की पहली खेप और इस साल अप्रैल में दूसरी खेप फिलीपीन को दी गई थी, जिसे उसने नौसेना में शामिल भी कर लिया है। अब तीसरी और आखिरी खेप इस साल के अंत तक भेज दी जाएगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें: जलवायु परिवर्तन: आसमान में हवाई जहाजों को लगेंगे तेज झटके, यात्रियों की सुरक्षा होगी प्रभावित
चीन फिलीपीन के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतरी हिस्सों तक अपना दावा करता है। ऐसे में 290 किलोमीटर रेंज के साथ ब्रह्मोस मिसाइल फिलीपीन को अपने क्षेत्र की रक्षा में सक्षम बनाएगी। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में चीन मामलों के विशेषज्ञ अतुल कुमार ने बताया, ब्रह्मोस मिसाइल चीन के नौसैनिक ठिकानों, जहाजों व तटरक्षक पोतों के लिए विशेष तौर पर खतरा हैं। चीनी विमानवाहक युद्धपोतों को ब्रह्मोस काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। ये मिसाइलें स्कारबोरो शोल, द्वितीय थॉमस शोल और ताइवान जलडमरूमध्य से स्प्रैटली द्वीप समूह तक फैले क्षेत्र को कवर कर सकती हैं।
अहम है दक्षिण चीन सागर
करीब 35 लाख वर्ग किमी वाला दक्षिण चीन सागर अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए अहम है। यहां प्राकृतिक गैस व तेल का विशाल भंडार भी है। चीन सैकड़ों किमी दूर स्थित कई द्वीपों और रेतीले टीलों पर दावा करता है। जबकि वियतनाम, फिलीपीन, मलयेशिया और ताइवान भी अपने दावे रखते हैं।
ये भी पढ़ें: CIC: मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली, छठी बार प्रमुखविहीन हुआ आयोग; फिलहाल सिर्फ दो सूचना आयुक्त कार्यरत
वियतनाम-इंडोनेशिया भी खरीदने को तैयार
पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की मांग में तेजी आई है। भारत कई देशों के साथ इस मिसाइल का सौदा कर सकता है...चीन के एक और प्रतिद्वंद्वी वियतनाम के साथ भी ब्रह्मोस का करीब 6,000 करोड़ रुपये का सौदा जल्द ही अंतिम रूप ले सकता है। भारत ऐसा ही सौदा इंडोनेशिया के साथ भी कर सकता है। इन सभी देशों के साथ चीन का टकराव होता रहा है।